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16 श्रृंगार का हरतालिका तीज पर है विशेष महत्व, इन चीजों को जरूर करें शामिल

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HartalikaTeej

HARYANATV24: हरतालिका तीज व्रत 18 सितंबर 2023, सोमवार के दिन रखा जाएगा। तीज पर सोहल श्रृंगार करने की परम्परा बहुत पहले से चली आ रही है। इस दिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करके पति की लंबी उम्र की कामना करती है और व्रत रखती हैं। आइए जानते हैं कि तीज पर सोहल श्रृंगार करने का महत्व।

माता पार्वती का प्रतीक

हिंदू परंपरा के अनुसार, विवाहित महिलाओं में सोलह श्रृंगार करने का चलन प्राचीन काल से रहा है। हरतालिका तीज मुख्य रूप से माता पार्वती को समर्पित हैं। इसलिए 16 श्रृंगार भी उन्हीं से जुड़े हुए हैं। हरतालिका तीज देवी पार्वती और भगवान शिव के अटूट रिश्ते को ध्यान में रखकर मनाया जाता है।

इस दिन 16 श्रृंगार करके माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा और व्रत करने से सुहागिन महिलाओं अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद मिलता है। जिससे उनका वैवाहिक जीवन सुखमय में बना रहता है।

ये हैं सुहाग की निशानी

बिंदी मूल रूप से माथे के बीच में लगाई जाती है। यह चेहरे की सुंदरता को और भी बढ़ा देती है। हरतालिका तीज के दिन इसे 16 श्रृंगार में शामिल करना चाहिए। सिंदूर भी सुहागिन महिलाओं के लिए एक आवश्यक श्रृंगार माना गया है। इसके साथ मंगलसूत्र और बिछिया भी सुहागन महिलाओं द्वारा ही पहनी जाती है।

ये चीजें भी करें श्रृंगार में शामिल

मांग टीका लगाने से आपकी सुंदरता और भी बढ़ जाती है। साथ ही काजल, नथनी, पायल, कमरबंद और चूड़ियां आदि को भी अपने सोलह श्रृंगार का हिस्सा जरूर बनाएं। साथ ही इस दिन हाथों में मेहंदी लगाने का भी विशेष महत्व है। इससे शरीर को ठंडक भी मिलती है।

हरतालिका तीज व्रत 18 सितंबर 2023, सोमवार के दिन रखा जाएगा। तीज पर सोहल श्रृंगार करने की परम्परा बहुत पहले से चली आ रही है। इस दिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करके पति की लंबी उम्र की कामना करती है और व्रत रखती हैं। आइए जानते हैं कि तीज पर सोहल श्रृंगार करने का महत्व।

माता पार्वती का प्रतीक

हिंदू परंपरा के अनुसार, विवाहित महिलाओं में सोलह श्रृंगार करने का चलन प्राचीन काल से रहा है। हरतालिका तीज मुख्य रूप से माता पार्वती को समर्पित हैं। इसलिए 16 श्रृंगार भी उन्हीं से जुड़े हुए हैं। हरतालिका तीज देवी पार्वती और भगवान शिव के अटूट रिश्ते को ध्यान में रखकर मनाया जाता है।

इस दिन 16 श्रृंगार करके माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा और व्रत करने से सुहागिन महिलाओं अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद मिलता है। जिससे उनका वैवाहिक जीवन सुखमय में बना रहता है।

ये हैं सुहाग की निशानी

बिंदी मूल रूप से माथे के बीच में लगाई जाती है। यह चेहरे की सुंदरता को और भी बढ़ा देती है। हरतालिका तीज के दिन इसे 16 श्रृंगार में शामिल करना चाहिए। सिंदूर भी सुहागिन महिलाओं के लिए एक आवश्यक श्रृंगार माना गया है। इसके साथ मंगलसूत्र और बिछिया भी सुहागन महिलाओं द्वारा ही पहनी जाती है।

ये चीजें भी करें श्रृंगार में शामिल

मांग टीका लगाने से आपकी सुंदरता और भी बढ़ जाती है। साथ ही काजल, नथनी, पायल, कमरबंद और चूड़ियां आदि को भी अपने सोलह श्रृंगार का हिस्सा जरूर बनाएं। साथ ही इस दिन हाथों में मेहंदी लगाने का भी विशेष महत्व है। इससे शरीर को ठंडक भी मिलती है।

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