चाणक्य नीति: हर व्यक्ति के अंदर होती है ये अनोखी शक्ति, उचित तरीके से करें इसका इस्तेमाल
HARYANATV24: आचार्य चाणक्य ने अपनी चाणक्य नीति में ऐसी बहुत ही बातें लिखी हैं जो पुरातन समय से चली आ रही हैं। आचार्य चाणक्य ने जीवन जीने के कई पहलुओं के बारे में बताया है। जिन्हें अपनाकर व्यक्ति अपने जीवन को आसान और सरल बना सकता है।
उन्होंने अपनी नीति में इस चीज का भी जिक्र किया है कि मनुष्य का यह शरीर नाशवान है। बहुत सारी कमियां होने के बावजूद भी भगवान ने इस शरीर को एक ऐसी शक्ति दी है जिसके द्वारा हम जीवन को संवार सकते हैं।
शास्त्रों के अनुसार जैसे चंद्रमा दिन में और सूरज रात में नहीं दिखाई देता पर दोनों में से कोई एक हर समय मौजूद रहता है। वैसे ही इस संसार में कुछ ऐसा है जो हर समय मनुष्य के साथ मौजूद रहता है और वो है कर्म।
यही कारण है कि कि जब मनुष्य कोई बुरा कर्म करता है तो उसकी सूचना धर्मदेव देते हैं और उस प्राणी को उसके बुरे कर्म का दंड जरूर मिलता है। मानव शरीर इतने मलमूत्र से भरा होने के परमात्मा ने बुद्धि डालकर मनुष्य को पाप और पुण्य को उत्पन्न करने की शक्ति दी है। इसे अनदेखा नहीं करना चाहिए।
कृमि शकृन्मूत्र भोजनं शरीरं पुण्य पाप जन्म हेतु:।