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Chhath Puja: नहाय खाय के से शुरू होगी छठ पूजा, जानिए इस पर्व से जुड़ी खास बातें

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नहाए-खाय से छठ महापर्व प्रारंभ

HARYANATV24: आस्था का महापर्व छठ कल यानी 17 नवंबर से शुरू से हो गया है। इस पर्व का समापन 20 नवंबर को होगा। इस पर्व में भगवान सूर्य के साथ छठी माई की पूजा-उपासना विधि-विधान के साथ की जाती है। यह सबसे कठिन व्रतों में से एक माना जाता है। इस पर्व में आस्था रखने वाले लोग सालभर इसका इंतजार करते हैं। धार्मिक मान्यता है कि छठ का व्रत संतान प्राप्ति की कामना, संतान की कुशलता, सुख-समृद्धि और उसकी दीर्घायु के लिए किया जाता है। ऐसे में चलिए जानते हैं इस पर्व से जुड़ी सभी जरूरी बातें...   


छठ पूजा कैलेंडर 2023

छठ पूजा का पहला दिन

नहाय-खाय

17 नवंबर, दिन शुक्रवार

छठ पूजा का दूसरा दिन

खरना (लोहंडा)

18 नवंबर, दिन शनिवार

छठ पूजा का तीसरा दिन

छठ पूजा, संध्या अर्घ्य

19 नवंबर, दिन रविवार

छठ पूजा का चौथा दिन

उगते सूर्य को अर्घ्य, पारण

20 नवंबर, दिन सोमवार


नहाए-खाय से छठ महापर्व प्रारंभ
यह व्रत बहुत ही कठिन माना जाता है। इसमें 36 घंटों तक कठिन नियमों का पालन करते हुए इस व्रत को रख जाता है। छठ पूजा का व्रत रखने वाले लोग चौबीस घंटो से अधिक समय तक निर्जल उपवास रखते हैं। इस पर्व का मुख्य व्रत षष्ठी तिथि को रखा जाता है, लेकिन छठ पूजा की शुरुआत कार्तिक मास में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से हो जाती है, जिसका समापन सप्तमी तिथि को प्रातः सूर्योदय के समय अर्घ्य देने के बाद समाप्त होता है।

खरना 2023 की तारीख
खरना यानी लोहंडा छठ पूजा का दूसरा दिन होता है। इस साल खरना 18 नवंबर को है। इस दिन का सूर्योदय सुबह 06 बजकर 46 मिनट पर और सूर्यास्त शाम 05 बजकर 26 मिनट पर होगा।

छठ पूजा 2023 पर संध्या अर्घ्य का समय
छठ पूजा का तीसरा दिन संध्या अर्घ्य का होता है। इस दिन छठ पर्व की मुख्य पूजा की जाती है। तीसरे दिन व्रती और उनके परिवार के लोग घाट पर आते हैं और डूबते सूर्य को अर्घ्य देते हैं। इस साल छठ पूजा का संध्या अर्घ्य 19 नवंबर को दिया जाएगा। 19 नवंबर को सूर्यास्त शाम 05 बजकर 26 मिनट पर होगा।

चौथे दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देने का समय
चौथा दिन छठ पर्व का अंतिम दिन होता है। इस दिन उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है और इस महाव्रत का पारण किया जाता है। इस साल 20 नवंबर को उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। इस दिन सूर्योदय 06 बजकर 47 मिनट पर होगा। 

महिलाएं इन दिनों एक कठिन निर्जला व्रत रखती हैं। साथ ही चौथे दिन महिलाएं पानी में खड़े होकर उगते सूरज को अर्घ्य देती हैं और फिर व्रत का पारण करती हैं। 

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