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आजउत्पन्ना एकादशी पर करें यह उपाय, आर्थिक तंगी होगी दूर

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Utpanna Ekadashi Upay

HARYANATV24: मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को उत्पन्ना एकादशी मनाई जाती है। इस साल यह एकादशी 8 दिसंबर, शुक्रवार को है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से जीवन के सारे दुःख-दर्द दूर होते हैं,घर में सुख-समृद्धि आती है।

मान्यता है कि इस दिन यदि कुछ धार्मिक उपाय किए जाएं तो भगवान विष्णु की असीम कृपा प्राप्त होती है।

इस दिन देवी एकादशी सहित भगवान श्री केशव की पूजा की जाती है। सूर्योदय से पूर्व स्न्नान करके भगवान विष्णु का पंचामृत, पुष्प, धूप, दीप, चन्दन,अक्षत, फल, तुलसी आदि से पूजन करने के बाद आरती उतारें और उत्पन्ना एकादशी की कथा सुनें।

'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' का जप एवं इस दिन विष्णु सहस्त्र्नाम का पाठ करना अति फलदाई माना गया है।

अगहन माह में तुलसी पूजा और खासकर एकादशी के दिन तुलसी पूजा करने से भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी भी प्रसन्न होती है।

ऐसा करने घर में धन-धान्य की कमी नहीं होती,और जीवन में सुख की प्राप्ति होती है।
भगवान विष्णु को पीला रंग अति प्रिय है। इस दिन भगवान विष्णु की कृपा प्राप्ति के लिए पानी में एक चुटकी हल्दी डालें और उससे स्नान करें, साथ ही इस दिन पीले रंग के वस्त्र पहनें।

भगवान को पीले चन्दन या केसर का तिलक लगाकर स्वयं भी पीला तिलक लगाएं ऐसा करने से आपके ऊपर भगवान विष्णु की कृपा बनी रहती है।  

एकादशी के दिन पीपल वृक्ष को छूकर प्रणाम करें और जल चढ़ाएं एवं उसकी मिट्टी को माथे पर लगाएं और अपना कार्य पूर्ण होने के लिए भगवान विष्णु से प्रार्थना करें, इससे कार्य में सफलता मिलेगी,आपके मनोरथ पूर्ण होंगे।  

इस दिन अन्न और धन के अलावा लोगों को ऋतुफल, धान, मक्का, गेहूं, बाजरा, गुड़, उड़द और गर्म वस्त्र का दान अवश्य करना चाहिए इसके साथ ही अगर इस दिन सिंघाड़ा, शकरकंदी और गन्ने का दान करें।

इस महीने में शंख पूजन का विशेष महत्व है। उत्पन्ना एकादशी के दिन साधारण शंख को श्रीकृष्ण को पाञ्चजन्य शंख के समान समझकर उसकी पूजा करने से सुख-सौभाग्य प्राप्त होता है।

भगवान विष्णु या उनके किसी अवतार का शंख में गंगाजल भरकर उससे अभिषेक करें और भगवान की आरती के बाद इस जल को पूरे घर में छिड़क दें। ऐसा करने से घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर होगी, जिससे घर में सुख-समृद्धि आएगी।

एकादशी पर रात्रि के समय भगवान नारायण की प्रसन्नता के लिए नृत्य, भजन-कीर्तन और स्तुति के द्वारा जागरण करना चाहिए। जागरण करने वाले को जिस फल की प्राप्ति होती है,वह हज़ारों वर्ष तपस्या करने से भी नहीं मिलता। वही व्रत की सिद्धि के लिए भगवान विष्णु के समक्ष घी का अखंड दीपक जलाएं और दीपदान करना शुभ माना गया है।

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