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Gita Jayanti: इस दिन मनाई जाएगी गीता जयंती, जीवन की दशा बदल सकते हैं ये श्लोक

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Gita Jyanti

HARYANATV24: गीता जयंती को श्रीमद भगवद गीता के जन्म के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। ऐसे में आइए जानते हैं कि साल 2023 में गीता जयंती कब मनाई जाएगी।

इस दिन मनाई जाएगी गीता जयंती

मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि का प्रारम्भ 22 दिसंबर को सुबह 08 बजकर 16 मिनट पर हो रहा है। वहीं, एकादशी तिथि का समापन 23 दिसंबर को सुबह 07 बजकर 11 मिनट पर होगा। ऐसे में गीता जयंती 22 दिसंबर, शुक्रवार के दिन मनाई जाएगी। यह गीता जयंती की 5160 वीं वर्षगांठ होने वाली है।

यह श्लोक लाएंगे जीवन में बदलाव

कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन।

मा कर्मफलहेतुर्भूर्मा ते सङ्गोऽस्त्वकर्मणि॥

भगवद गीता के दूसरे अध्याय के 47 वें श्लोक में भगवान श्री कृष्ण कहते हैं कि केवल कर्म पर ही मानव का अधिकार है उसके फलों पर नहीं। ऐसे में वही व्यक्ति अपने जीवन में सफलता हासिल कर सकता है जो बिना फल की चिंता किए बस कर्म करता रहे।

अज्ञश्चाश्रद्दधानश्च संशयात्मा विनश्यति।

नायं लोकोऽस्ति न परो न सुखं संशयात्मनः।।

भगवद गीता के चतुर्थ अध्यान के इस श्लोक में श्री कृष्ण अर्जुन को समझाते हुए कहते हैं कि विवेकहीन और संशय करने वाले मनुष्य का पतन हो जाता है। ऐसे उस व्यक्ति को कभी सुख और शांति नहीं मिल पाती। ऐसे में यदि आप जीवन में सफल होना चाहते हैं तो आपको सबसे पहले संशय को त्याग्या होगा।

ध्यायतो विषयान्पुंसः सङ्गस्तेषूपजायते।

सङ्गात्संजायते कामः कामात्क्रोधोऽभिजायते॥

गीता के द्वितीय अध्याय, श्लोक 62 में कृष्ण जी कहते हैं कि विषय-वस्तुओं के बारे में सोचते रहने से मनुष्य को उनसे आसक्ति हो जाती है। जिससे कामना अर्थात इच्छा की उत्पप्ति होती है। यही कामनाओं आगे चलकर क्रोध का कारण बनती हैं और ऐसा व्यक्ति कभी भी जीवन में सफल नहीं हो सकता।

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