पुत्रदा एकादशी व्रत को अगर इस विधि से करेंगे तो सभी मनोकामनाएं होंगी पूरी
शास्त्रों में पुत्रदा एकादशी व्रत का विशेष महत्व बताया गया है। इस व्रत को करने से भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है और साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। आइए जानते हैं पुत्रदा एकादशी व्रत करने की विधि।
पुत्रदा एकादशी का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस व्रत को करने से संतान सुख की प्राप्ति हो सकती है। पुत्रदा एकादशी व्रत रखने से साधक को सभी भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है। साथ ही उनके लिए मोक्ष के द्वार खुल जाते हैं। यह व्रत रखने से सभी पापों का नाश होता है और कई प्रकार के ग्रह दोष दूर हो जाते हैं। साथ ही दांपत्य जीवन भी खुशहाल बना रहता है।
पुत्रदा एकादशी की विधि
एकादशी के दिन सुबह उठकर शुद्ध जल से स्नान करना चाहिए। साफ कपड़े पहनकर पूजा घर को भी शुद्ध करना चाहिए। इसके बाद भगवान विष्णु की प्रतिमा के सामने घी का दीपक जलाएं और व्रत रखने का संकल्प लें। इस दिन पूजा में तुलसी दल का इस्तेमाल करना बहुत ही शुभ माना जाता है।
पुत्रदा एकादशी पर सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है, ऐसे में मंदिर जाकर भी श्रीहरि और हर की आराधना की जा सकती है। साथ ही एकादशी की सारी रात भगवान विष्णु का भजन-कीर्तन करना चाहिए और श्री हरि विष्णु से अनजाने में हुई भूल या पाप के लिए क्षमा मांगनी चाहिए। अगली सुबह स्नान करके पुनः भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए। इस दिन ब्राह्मण को भोजन अवश्य कराएं।
पुत्रदा एकादशी 2023 मुहूर्त
पंचांग के अनुसार सावन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 27 अगस्त 2023, प्रात: 12 बजकर 08 मिनट पर होगी। वहीं, इसका समापन रात्रि 09 बजकर 32 मिनट पर होगा।