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Maa Narmada Temple: नदी में भी बिना पिलर के डटकर खड़ा रहता है जबलपुर का यह मंदिर, जानें इसकी खासियत

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Maa Narmada Temple

HARYANATV24: जबलपुर के गौरी घाट में नर्मदा नदी की बीच धारा में स्थित मां नर्मदा का मंदिर। इस मंदिर की कई ऐसी खास बातें हैं, जो किसी भी व्यक्ति को हैरान कर सकती हैं।

बारिश के मौसम में चारो तरफ से जल से घिर रहने के बाद भी मंदिर को कोई नुकसान नहीं पहुचता। बाढ़ जैसी आपदा में भी मंदिर अपने स्‍थान पर यथावत बना रहता है।

इस मंदिर की सबसे बड़ी खासियत यह है, कि यह मंदिर बिना किसी पिलर के नदी के अंदर रेत पर बना हुआ है।

अपनी इन्हीं खासियतों के चलते यह मंदिर उत्तराखंड में स्थित बाबा केदारनाथ के मंदिर की याद दिलाता है। यह बात हैरान करने वाली है कि रेत पर बिना किसी सपोर्ट और पिलर के यह मंदिर वर्षों से खड़ा हुआ है और बाढ़ जैसी आपदा में भी इस मंदिर पर एक भी खरोच नहीं आती। यही कारण है कि लोगों की इस मंदिर में अटूट आस्था बनी हुई है।

प्रचलित हैं कई मान्यताएं

मंदिर को लेकर भक्तों के बीच कई तरह की मान्यताएं चली आ रही हैं। यहां आने वाले भक्तों का मानना है कि जो भी व्यक्ति इस मंदिर की एक परिक्रमा कर लेता है, तो उसे मां नर्मदा की पूर्ण परिक्रमा करने जितना ही फल प्राप्त होता है। आमतौर पर मां नर्मदा की पूर्ण परिक्रमा करने में लगभग 3 वर्ष 3 महीने और 13 दिन का समय लगता है।

मां का प्रिय प्रसाद

मां नर्मदा को आटे के हलवे का भोग लगाया जाता है। माना जाता है कि जो व्यक्ति इस मंदिर में आकर भी मंदिर की परिक्रमा नहीं करता उसकी यात्रा अधूरी मानी जाती है।

 ऐसे में यदि आप भी जबलपुर घूमने आते हैं तो इस मंदिर के दर्शन और परिक्रमा का सौभाग्य जरूर प्राप्त करें।

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