गोवर्धन पूजा पर करें भगवान कृष्ण के इन मंत्रों और स्तुति का पाठ, जाग उठेगा भाग्य
HARYANATV24: गोवर्धन पूजा में भगवान कृष्ण की पूजा का महत्व और भी ज्यादा बढ़ जाता है। श्री कृष्ण जगत के पालनहार हैं और भक्त पूरी श्रद्धा और समर्पण के साथ उनकी पूजा करते हैं। उन्हें प्रसन्न करने के कई तरीके हैं। कुछ लोग माखन चोर की पूजा उनकी पसंदीदा चीजें जैसे तुलसी पत्र चढ़ाकर करते हैं और कुछ लोग व्रत रखकर उनकी पूजा करते हैं और आशीर्वाद मांगते हैं।
वहीं कुछ ऐसे साधक भी हैं, जो स्तुति और मंत्र जाप से उनकी आराधना करते हैं। ऐसे में आज हम कुछ चमत्कारी मंत्र और स्तुति आपके साथ साझा करेंगे, जिसके लाभ जानकर आप हैरान हो जाएंगे। तो आइए जानते हैं -
।।गोवर्धन पूजा मंत्र ।।
गोवर्धन धराधार गोकुल त्राणकारक।
विष्णुबाहु कृतोच्छ्राय गवां कोटिप्रभो भव।।
।।श्री कृष्ण के शक्तिशाली मंत्र।।
''श्री कृष्णाय वयं नुम:
सच्चिदानंदरूपाय विश्वोत्पत्यादिहेतवे।
तापत्रयविनाशाय श्रीकृष्णाय वयं नुम:।।
ॐ देविकानन्दनाय विधमहे वासुदेवाय धीमहि तन्नो कृष्ण:प्रचोदयात”
।।श्री कृष्ण स्तुति ।।
श्री कृष्णचन्द्र कृपालु भजु मन, नन्द नन्दन यदुवरम्
आनन्दमय सुखराशि ब्रजपति, भक्तजन संकटहरम्
सिर मुकुट कुण्डल तिलक उर, बनमाल कौस्तुभ सुन्दरम्
आजानु भुज पट पीत धर, कर लकुटि मुख मुरली धरम्
बृष भानुजा सह राजहिं प्रिय, सुमन सुभव सिंहासनम्
ललितादि सखिजन सेवहिं, लिए छत्र चामर व्यंजनम्
पूतना-तृण-शंकट-अधबक, केशि-व्योम-विमर्दनम्
रजक-गज-चाणूर-मुष्टिक, दुष्ट कंस निकन्दनम्
गो-गोप गोपीजन सुखद, कालीय विषधर गंजनम्
भव-भय हरण अशरणशरण, ब्रह्मादि मुनि-मन रंजनम्
श्याम-श्यामा करत केलि, कालिन्दी तट नट नागरम्
सोइ रूप मम हिय बसहुं नित, आनन्दघन सुख सागरम्
इति वदति सन्त सुजान श्री सनकादि मुनिजन सेवितम्
भव-मोतिहर मन दीनबन्धो, जयति जय सर्वेश्वरम्.
मंत्र और स्तुति के चमत्कारी फायदे
- जो भक्त प्रतिदिन भगवान कृष्ण के मंत्र और स्तुति का पाठ करते हैं, उन्हें मृत्यु के भय से मुक्ति मिल जाती है।
- श्री कृष्ण की पूजा से साधक मोक्ष प्राप्त कर सकते हैं और जन्म-मृत्यु के चक्र से मुक्त हो जाते हैं।
- लोग जाने-अनजाने में किए गए सभी बुरे कर्मों से छुटकारा पा सकते हैं।
- मन, शरीर और आत्मा में उचित संतुलन बनाने में मदद मिलती है।
- पुरानी बीमारियों से भी सुरक्षा मिलती है।
- तनाव और चिंता को कम करने में मदद मिलती है।
- इन मंत्रों और स्तुति का पाठ करने से सभी सांसारिक सुख और विलासिताएं प्राप्त हो सकती हैं।