Sabarimala Temple: अय्यप्पा स्वामी को समर्पित है सबरीमाला मंदिर, जानिए इन्हें क्यों कहा जाता है हरिहरपुत्र
HARYANATV24: केरल में शबरीमाला मंदिर सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि विश्व भर से लोग यहां दर्शन के लिए आते हैं। आइए जानते हैं इस मंदिर की इतनी मान्यता क्यों है।
सबरीमाला मंदिर भगवान अय्यप्पा को समर्पित है जो भगवान शिव और मोहिनी (भगवान विष्णु का रूप) का पुत्र माना गया है। जब भगवान विष्णु ने मोहिनी रूप धारण किया था तो भगवान शिव उनपर मोहित हो गए थे, जिस कारण अयप्पा का जन्म हुआ। भगवान शिव और विष्णु जी का पुत्र होने के कारण अयप्पा स्वामी को हरिहरपुत्र (हर- भगवान शिव और हरि-भगवान विष्णु) भी कहा जाता है।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार मकर संक्रांति के विशेष अवसर पर इस मंदिर में रात्रि में एक ज्योति दिखाई देती है। इस रोशनी के साथ-साथ शोर भी सुनाई देता है। इस ज्योति को लेकर मानता है कि यह एक देव ज्योति है जिसे भगवान स्वयं जलाते हैं। मकर संक्रांति के अवसर पर दिखने के कारण इसे मकर ज्योति भी कहा जाता है।
जो भी भक्त यहां पर दर्शन के लिए आता है उसे 2 महीने पहले से ही मांसाहारी भोजन का त्याग करना पड़ता है। माना गया है कि जो भी भक्त रुद्राक्ष या तुलसी की माला पहनकर व्रत रखता है और फिर मंदिर जाकर भगवान अय्यप्पा के दर्शन करता है, तो उसके सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
सबरीमाला नाम माता शबरी के नाम पर रखा गया है। माता सबरी रामायण का एक पात्र हैं जिन्होंने भगवान राम को बड़े ही भक्ति भाव से अपने जूठे बेर खिलाए थे। भगवान राम ने उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर उन्हें नवधा भक्ति का उपदेश दिया था।