आज सावन का तीसरा सोमवार है। वैसे तो पूरे सावन में रोज शिव पूजा करने का महत्व है,
Haryana के ज्योतिषाचार्य पं. krishan शर्मा के मुताबिक, महीनों में सावन और वारों में सोमवार शिव जी को विशेष प्रिय है। सावन में देवी पार्वती ने शिव जी को पाने के लिए तप किया था। शिव जी के मस्तक पर विराजित चंद्र का एक नाम सोम भी है। ज्योतिष में सोमवार का कारक ग्रह चंद्र को माना जाता है। इस वजह से शिव जी को चंद्र और चंद्र का वार सोमवार बहुत प्रिय है। पौराणिक मान्यताओं में सोमवार को शिव जी का ही एक रूप माना गया है। सावन सोमवार का व्रत करने की भी परंपरा है।
सूर्यास्त के बाद भी कर सकते हैं शिव पूजा जो लोग सुबह शिव पूजा नहीं कर पा रहे हैं, वे सूर्यास्त के बाद भी शिव पूजा कर सकते हैं।
सावन सोमवार को शिव जी का विशेष अभिषेक करना चाहिए। अभिषेक करने में काफी समय लगता है,
अगर आपके पास ज्यादा समय नहीं है तो शिवलिंग पर जल और बिल्व पत्र चढ़ाकर भी शिव पूजा कर सकते हैं। शिवलिंग पर चंदन का लेप भी करेंगे तो बहुत शुभ रहेगा।
शिवलिंग पर दूध और गंगाजल चढ़ाना चाहिए। जल-दूध चढ़ाते समय ऊँ नम: शिवाय मंत्र का जप करें। शिव पूजा में बिल्व पत्र, धतूरा, शमी के पत्ते, जनेऊ, अबीर, गुलाल, शहद, भस्म, अष्ट गंध, आंकड़े के फूल, दूर्वा, दूध से बनी मिठाई जरूर रखें। शिव पूजा की शुरुआत प्रथम पूज्य गणेश पूजन के साथ करें। शिव जी के साथ ही देवी पार्वती, कार्तिकेय स्वामी, नंदी और नाग देव की भी पूजा करनी चाहिए।