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श्रीकृष्ण ने द्वारका क्यों बसाई, यदुवंश को नष्ट होने का शाप किसने दिया और श्रीकृष्ण को सुदर्शन चक्र किसने दिया

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) श्रीकृष्ण का जन्म उत्सव मनाया जा रहा है। इस साल श्रीकृष्ण का 5250वां जन्मोत्सव है

आज जन्माष्टमी है। इस साल पंचांग भेद होने से दो दिन (6 और 7 सितंबर) श्रीकृष्ण का जन्म उत्सव मनाया जा रहा है। इस साल श्रीकृष्ण का 5250वां जन्मोत्सव है। द्वापर युग में कंस और अन्य असुरों का आतंक बढ़ गया था, अधर्मी बढ़ रहे थे और धर्म-कर्म करने वाले लोगों पर अत्याचार कर रहे थे। उस समय भगवान विष्णु ने देवकी और वसुदेव के यहां श्रीकृष्ण के रूप में अवतार लिया था। जन्म के साथ ही श्रीकृष्ण का संघर्ष शुरू हो गया था। बालपन में ही भगवान ने पुतना, बकासुर, तृणावर्त, वत्सासुर, अघासुर जैसे असुरों का वध किया। 13 वर्ष की उम्र में बाल कृष्ण ने कंस का वध कर दिया था। पांडवों की महाभारत युद्ध में मदद की,द्वारका बसाई।

उज्जैन के भागवत कथाकार और ज्योतिषाचार्य पं. krishan  शर्मा से सवाल-जवाब में जानिए भगवान श्रीकृष्ण से जुड़ी खास बातें…

सवाल – किन खास योगों में हुआ श्रीकृष्ण का जन्म?

जवाब – श्रीकृष्ण ने अपने जन्म के लिए मध्यकाल को महत्व दिया। मध्यकाल यानी बीच का समय। भाद्रपद मास की अष्टमी तिथि, बुधवार की मध्य रात्रि में चंद्रोदय होता है, उसी समय भगवान प्रकट हुए। अष्टमी तिथि पक्ष के बीच में आती है। भाद्रपद का माह भी हिंदी पंचांग के बीच का महीना है। बुधवार भी सप्ताह के मध्य में ही आता है।

जन्माष्टमी पर चंद्र रोहिणी नक्षत्र में होता है। इस नक्षत्र के स्वामी भी चंद्र ही है। इस तिथि पर चंद्र उच्च का होता है। श्रीकृष्ण अवतार चंद्र वंश में हुआ और चंद्र से ही इस वंश की शुरुआत भी हुए है।

सवाल – जन्माष्टमी रात में ही क्यों मनाई जाती है?

जवाब – श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद कृष्ण अष्टमी तिथि की मध्य रात्रि में हुआ था। रात का मध्यकाल रात में 12 बजे होता है। इस कारण जन्माष्टमी रात में मनाते हैं।

सवाल – जन्माष्टमी पर मटकी फोडनें की परंपरा क्यों?

जवाब – बालकृष्ण के सभी मित्र ऐसे परिवारों से थे, जिन्हें माखन खाने को नहीं मिल पाता था। गांव के सभी लोग माखन कंस के यहां पहुंचा देते थे। अपने मित्रों को माखन मिल सके, इस लिए श्रीकृष्ण ने माखन चोरी की लीला की थी। उस समय गांव के लोग घर की छत के माखन की मटकी लटकाकर रखते थे। कृष्ण और उनके सभी मित्र छोटे थे, उनके हाथ मटकी तक पहुंचते नहीं थे, ऐसे में सभी मित्र एक-दूसरे पर चढ़कर मटकी तक पंहुच जाते थे और फिर माखन खाते थे। कभी-कभी वे मटकी फोड़कर भी माखन खाया करते थे। इसी मान्यता की वजह से जन्माष्टमी पर माखन की मटकी फोड़ने की परंपरा है।

सवाल – श्रीकृष्ण को माखन-मिश्री का भोग क्यों लगाते हैं?

जवाब – श्रीकृष्ण को बचपन से ही माखन-मिश्री बहुत प्रिय था। माता यशोदा बाल कृष्ण को खाने के लिए माखन देती थीं। कृष्ण अपने मित्रों के मिलकर माखन चुराया करते थे। इसी मान्यता की वजह से भगवान को माखन-मिश्री का भोग लगाते हैं।

सवाल – गर्भवती के कमरे में बाल गोपाल की तस्वीर लगाने की सलाह क्यों दी जाती है?

जवाब – श्रीकृष्ण का बाल स्वरूप बहुत ही सुंदर और मनमोहक है। गर्भवती महिला दिनभर नन्हे कृष्ण को देखती है तो उसका मन शांत रहता है। बार-बार भगवान के दर्शन करते रहने से गर्भ में पल रहे शिशु के विचार सकारात्मक बनते हैं। माना जाता है, बाल कृष्ण के दर्शन करते रहने से गर्भ में पल रहा शिशु भी सुंदर होता है।

सवाल – श्रीकृष्ण कितने वर्षों तक पृथ्वी पर रहें?

जवाब – श्रीकृष्ण की 125 वर्षों तक पृथ्वी पर रहें। भगवान ने करीब 6 दिन की उम्र में ही पूतना राक्षसी का वध कर दिया था। गोवर्धन पर्वत उठाकर बारिश से ब्रजवासियों की रक्षा की और इंद्र का घमंड तोड़ा। मात्र 13 वर्ष की आयु में कंस वध किया। द्वारका नगरी बसाई। इसके बाद महाभारत युद्ध में पांडवों की मदद की।

सवाल – श्रीकृष्ण को तुलसी के बिना भोग क्यों नहीं लगाते?

जवाब – श्रीकृष्ण विष्णु जी के अवतार हैं और विष्णु जी को तुलसी विशेष प्रिय है। इसी वजह से श्रीकृष्ण की पूजा में भी तुलसी को अनिवार्य रूप से रखा जाता है। तुलसी के बिना भगवान भोग ग्रहण नहीं करते हैं, ऐसी मान्यता है।

सवाल – श्रीकृष्ण के श्रृंगार के लिए कौन-कौन सी चीजें जरूरी हैं?

जवाब – कृष्ण पूजा में प्रतिमा पर सुंगधित इत्र, हल्दी, कर्पूर, दही, घी, जल, केसर लगाया जाता है। दूध, दही, घी, माखन-मिश्री और मिठाइयों का भोग लगाते हैं। मोर मुकुट, बांसुरी, रेशमी वस्त्र, तुलसी, पंजीरी, खीर, सूखे मेवे, झूला, चंदन, गोमाता की प्रतिमा आदि चीजें पूजा में जरूर रखें।

सवाल – श्रीकृष्ण ने द्वारका क्यों बसाई थी?

जवाब – कंस वध के बाद श्रीकृष्ण अपने परिवार के साथ मथुरा में रह रहे थे। कंस का ससुर जरासंध श्रीकृष्ण से बदला लेने के लिए बार-बार मथुरा पर आक्रमण कर रहा था। श्रीकृष्ण ने जरासंध को 17 बार पराजित किया। मथुरा के लोगों को जरासंध के आक्रमणों से बचाने के लिए श्रीकृष्ण ने समुद्र के बीच में एक नई नगरी द्वारक बसाई थी। द्वारका का निर्माण देव शिल्पी विश्वकर्मा ने किया था।

सवाल – यदुवंश कैसे नष्ट हुआ?

जवाब – महाभारत युद्ध में श्रीकृष्ण की मदद से पांडव जीत गए थे। जब श्रीकृष्ण और पांडव धृतराष्ट्र-गांधारी से मिलने पहुंचे, उस समय गांधारी ने श्रीकृष्ण को शाप दिया था कि उनका कुल भी कौरव कुल की तरह नष्ट हो जाएगा। इसके कुछ समय बाद द्वारका में श्रीकृष्ण के पुत्र सांब ने दुर्वासा मुनि का अपमान कर दिया था। दुर्वासा ने भी यदुवंश के नष्ट होने का शाप दे दिया। इन दोनों शापों की वजह से यदुवंश के सभी लोग आपस में लड़कर मारे गए।

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