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त्योहारों में प्याज बिगाड़ सकता है खाने का जायका, 15 दिनों में 50 प्रतिशत की हुई बढ़ोतरी

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प्याज की चढ़ती कीमतें अक्टूबर व नवंबर की महंगाई दर को हवा दे सकती है

HARYANATV24: इस बार प्याज थाली का जायका बिगाड़ सकता है। टमाटर की तरह प्याज की बढ़ती कीमतें महंगाई का आंकड़ा बढ़ा सकती हैं। इस साल जुलाई में टमाटर के दाम 200 रुपए प्रति किलोग्राम से अधिक हो गए थे जिस वजह से जुलाई की खुदरा महंगाई दर 7.7 प्रतिशत के स्तर पर पहुंच गई थी।

सितंबर में सब्जी के दाम नियंत्रण में रहने से खुदरा महंगाई दर 5.02 प्रतिशत के स्तर पर आ गई। मगर अब प्याज की चढ़ती कीमतें अक्टूबर व नवंबर की महंगाई दर को हवा दे सकती है।

प्याज की खुदरा कीमत 60 रुपए प्रति किलोग्राम तक चली गई है और आने वाले दिनों में प्याज के दाम में अभी और बढ़ोतरी हो सकती है। सिर्फ 15 दिनों में प्याज की खुदरा कीमतों में 50 प्रतिशत का इजाफा हो गया है। सप्लाई की रफ्तार को देखते हुए दिवाली तक ही प्याज के दाम में राहत की उम्मीद की जा रही है।

आजादपुर मंडी  में प्याज के थोक व्यापारियों के मुताबिक गुरुवार को अफगानिस्तान से एक गाड़ी यानी कि लगभग 20 टन प्याज की सप्लाई की गई। वैसे ही पंजाब की मंडी में 3-4 गाड़ी अफगानी प्याज की सप्लाई रही। सड़क मार्ग से अफगानिस्तान से प्याज की सप्लाई हो रही है।

इस साल खरीफ सीजन में प्याज की बुवाई कम हुई है और राजस्थान में भी प्याज की नई फसल कम बताई जा रही है। गत रबी सीजन में नेफेड की तरफ से खरीदे गए प्याज की सप्लाई भी अब पहले की तुलना में कम हो गई है।

तभी देश में सबसे अधिक प्याज उत्पादन करने वाला राज्य महाराष्ट्र की सभी मंडियों में प्याज की थोक कीमत 4500 रुपए प्रति क्विंटल तक पहुंच गई है।

भारत में सालाना लगभग तीन करोड़ टन प्याज का उत्पादन होता है। वित्त वर्ष 2022-23 में भारत ने 23 लाख टन प्याज का निर्यात किया था। चालू वित्त वर्ष 2023-24 में अप्रैल-अगस्त के बीच 11.60 लाख टन प्याज का निर्यात किया जा चुका था।

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