RBI ने Loan लेने वालों के लिए उठाया बड़ा कदम, बैंकों के लिए ग्राहकों को यह स्टेटमेंट देना होगा अनिवार्य
HARYANATV24: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने गुरुवार को बैंकों से लोन लेने वालों के लिए बड़ा कदम उठाया है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सभी उधारदाताओं को व्यक्तिगत और लघु एवं मध्यम उद्यम (MSME) दोनों तरह के कर्जों के लिए उधारकर्ताओं को "मुख्य तथ्य विवरण" (KFS) उपलब्ध कराने का आदेश दिया है।
अभी तक केएफएस केवल वाणिज्यिक बैंकों द्वारा व्यक्तिगत उधारकर्ताओं को दिए गए लोन, आरबीआई-नियमित संस्थाओं (आरई) द्वारा डिजिटल उधार और माइक्रोफाइनेंस कर्जों के लिए जरूरी था। केएफएस में लोन समझौते की शर्तों के बारे में जानकारी होगी, जिसमें कुल ब्याज लागत भी शामिल है।
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि केएफएस में ब्याज से जुड़ी समुचित जानकारी होगी जिसकी बदौलत लोन लेने वाले ग्राहक उचित निर्णय ले सकेंगे।
रिजर्व बैंक के गवर्नर ने कहा कि केंद्रीय बैंक ने विनियमित इकाईयों (REs) द्वारा अधिक पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए हाल के दिनों में कई उपायों की घोषणा की है। ऐसा ही एक उपाय यह है कि लोन देने वालों को अपने ग्राहकों को एक सरल और समझने में आसान प्रारूप में लोन समझौते (Loan Agreement) के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी वाला एक केएफएस प्रदान करना होगा।
इसके अलावा, उन्होंने सोने की कीमत के जोखिम से बचाव के लिए भी नए विकल्पों की घोषणा की, जिसमें गिफ्ट सिटी के अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (IFSC) में ओवर-द-काउंटर (OTC) बाजार में सोने की कीमत को कम करने की अनुमति शामिल है।
दास ने कहा कि आईएफएससी में ओटीसी खंड में सोने की कीमत के उतार-चढ़ाव से बचने के लिए यह फैसला किया गया है। केंद्रीय बैंक संबंधित निर्देश अलग से जारी करेगा।
आरबीआई ने इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म (ETP) के लिए नियामकीय ढांचे की समीक्षा का एलान भी किया। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में ‘ऑनशोर फॉरेक्स’ बाजार का ‘ऑफशोर’ बाजार के साथ एकीकरण बढ़ा है, तकनीकी परिदृश्य में उल्लेखनीय विकास हुआ है और उत्पाद विविधता में वृद्धि हुई है।
दास ने आधार से जुड़े पेमेंट सिस्टम (APS) की सुरक्षा सुविधाओं को बढ़ाने के आरबीआई के इरादे की भी घोषणा की, जिसका उपयोग 2023 में 37 करोड़ लोगों द्वारा किया गया था।