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RBI के Logo में क्यों बना है बाघ और ताड़ का पेड़? जानिए इसके पीछे की रोचक कहानी

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RBI Logo बनने की रोचक है कहानी

HARYANATV24:  RBI यानी भारतीय रिजर्व बैंक यानी की स्थापना करीब 88 साल पहले 1 अप्रैल, 1935 को हुई थी। आरबीआई को 1926 के रॉयल कमीशन की सिफारिशों के आधार पर स्थापित किया गया था, जिसे हिल्टन यंग कमीशन के नाम से भी जाना जाता है।

अपने इस लेख में हम Reserve Bank Of India के लोगो के बारे में बात करने वाले हैं। कहा जाता है कि RBI और East India Company के लोगो में कई समानताएं हैं, आइए इसके बारे में जान लेते हैं।

East India Company  के दो मोहर के सिक्का पर शेर और ताड़ के पेड़ का रेखाचित्र था, जिससे आरबीआई का लोगो प्रेरित नजर आता है। हालांकि, RBI के लोगो में भारत के राष्ट्रीय पशु शेर की जगह बाघ को लाने का निर्णय लिया गया था।

आरबीआई के अनुसार, मुद्रा नोट, चेक और प्रकाशनों पर बैंक के प्रतीक के रूप में इस्तेमाल की जाने वाली आरबीआई की सामान्य मुहर का चयन एक ऐसा मुद्दा था, जिसे बैंक के गठन के प्रारंभिक चरण में उठाया जाना था।

जानकारों का कहना है कि जब RBI को स्थापित किया गया था, तो उस समय इसका लोगो काफी जल्दबाजी में डिजाइन कराया गया था। इसके लिए RBI की ओर से विभिन्न मुहरों, पदकों और सिक्कों की जांच की गई। ऐसे में शेर और ताड़ के पेड़ के रेखाचित्र के साथ ईस्ट इंडिया कंपनी की दो मोहर के सिक्के को सबसे उपयुक्त पाया गया।

हालांकि, आरबीआई के लोगो में शेर के स्थान पर बाघ को लाने का निर्णय लिया गया, क्योंकि बाघ देश का राष्ट्रीय पशु था। लोगो बनाते समय नीचे दिए गए बिंदुओं पर विशेष ध्यान दिया गया था-

  • मुहर में बैंक की सरकारी स्थिति पर जोर दिया जाना चाहिए, लेकिन बहुत बारीकी से नहीं
  • इसके डिजाइन में कुछ भारतीय होना चाहिए
  • यह सरल, कलात्मक और मौलिक रूप से सही होना चाहिए
  • डिजाइन ऐसा होना चाहिए कि इसका उपयोग अक्षर शीर्षक आदि के लिए बिना किसी बड़े बदलाव के किया जा सके।

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