चंडीगढ़ कोर्ट ने हरियाणा के पूर्व खेल मंत्री को दी राहत, अग्रिम जमानत याचिका मंजूर, जूनियर महिला कोच बोली- हाईकोर्ट में करेंगे चैलेंज
HARYANATV24: हरियाणा के पूर्व खेल मंत्री संदीप सिंह को जूनियर महिला कोच के सेक्शुअल हैरेसमेंट केस में चंडीगढ़ कोर्ट से बड़ी राहत मिली गई है। कोर्ट ने संदीप सिंह की अग्रिम जमानत याचिका मंजूर कर ली है। कोर्ट के इस फैसले पर जूनियर महिला कोच ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। महिला कोच ने कहा है कि वह इस फैसले को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में चैलेंज करेगी।
इससे पहले गुरुवार को चंडीगढ़ कोर्ट में दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रखा था। वहीं मंत्री की अग्रिम जमानत याचिका पर चंडीगढ़ पुलिस की SIT अपने जवाब में जमानत नहीं दिए जाने की दलील दे चुकी है।
SIT ने अपने जवाब में कहा है कि संदीप सिंह की जमानत का कोई आधार नहीं बनता है, इसलिए जमानत याचिका को खारिज कर देना चाहिए।
मामले से जुड़े तथ्यों को मंत्री ने छिपाया
संदीप सिंह की अग्रिम जमानत याचिका के विरोध में कहा गया है कि याची संदीप सिंह ने जानबूझकर मामले से जुड़े तथ्य छिपाए हैं।
आरोपी पुलिस के नोटिस के बाद 7 जनवरी, 10 फरवरी, 2 जून और 2 अगस्त को पुलिस जांच में शामिल हुआ था। उसके द्वारा पुलिस को दिए बयानों और जांच में सामने आए तथ्यों के बीच विरोधाभास है।
नहीं कराया लाई डिसेप्शन टेस्ट
आरोपी का लाई डिसेप्शन टेस्ट करने के लिए जांच एजेंसी ने अदालत में 10 मार्च को अर्जी भी दायर की थी। अदालत द्वारा जवाब दायर करने के लिए दिए 13 अप्रैल के लिए दिए गए अंतिम अवसर पर आरोपी ने जवाब दायर कर टेस्ट करवाने से इनकार किया था।
कोच को पैसे देने का किया प्रयास
दलील में यह भी कहा गया है कि आरोपी राज्य में मंत्री है और चुना हुआ प्रतिनिधि है। ऐसे में उसका दायित्व बनता था कि वह लाई डिसेप्शन टेस्ट करवाए। ऐसे में यदि पीड़िता के लगाए आरोप झूठे होते तो सच सामने आ सकता था।
वहीं आरोपी ने जांच को प्रभावित करते हुए पीड़िता को बहकाते हुए रुपयों का प्रस्ताव दिया। अपने पद का प्रयोग करते हुए उस पर दबाव बनाया। उसे निलंबित किया गया और CID के जरिए उस पर नजर रखी गई।
कोच की बिना शिकायत पर बना दी गई SIT
पीड़िता के खिलाफ मंत्री के प्रभाव में झूठी शिकायत दायर की गई और बिना कोई FIR दर्ज किए मामले में SIT बना दी गई। यह सब पीड़िता का शोषण करने और उस पर दबाव बनाने के लिए किया गया।