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पहल: अब पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में ट्रांसजेंडरों के लिए अलग से बनेंगे पांच टॉयलेट, सलेक्ट की गई जगह

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Punjab And Haryana High Court Made Provision For Separate Toilets For Transgenders

HARYANATV24: पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने सकारात्मक कदम उठाते हुए न्यायालय परिसर में ट्रांसजेंडरों के लिए अलग शौचालय का प्रावधान कर दिया है। हाईकोर्ट परिसर में ट्रांसजेंडरों के लिए कुल पांच शौचालय चिह्नित किए गए हैं।

दरअसल, ट्रांसजेंडरों के लिए एक अलग शौचालय का विचार वर्ष 2021 में अधिवक्ता मनिंदरजीत सिंह के मन में आया। उन्होंने उच्च न्यायालय प्रशासन और उसके बाद वर्ष 2022 में भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ के साथ पत्राचार शुरू किया। उनके इस पत्राचार पर न केवल उच्च न्यायालय बल्कि देश भर के सभी न्यायिक प्रतिष्ठानों में ट्रांसजेंडरों के लिए सुविधाएं जुटाने की मुहिम की पहल की गई।

अप्रैल में 2023 में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश चंद्रचूड़ ने सुप्रीम कोर्ट के भीतर लिंग-तटस्थ शौचालय (जेंडर न्यूट्रल रेस्टरूम) की स्थापना का समर्थन किया। इस निर्णय के कारण सुप्रीम कोर्ट के मुख्य भवन और पूरक भवन परिसर के विभिन्न खंडों में ट्रांसजेंडरों के लिए नौ सुलभ शौचालयों का निर्माण किया गया।

इससे पहले मद्रास उच्च न्यायालय ने तमिलनाडु सरकार को एक निर्देश जारी किया, जिसमें विशेष रूप से ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए राज्य भर में ऐसे सार्वजनिक शौचालयों की वकालत करने वाली एक याचिका पर प्रतिक्रिया देने का आग्रह किया गया। बरहाल, पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में इस पहल से ट्रांसजेंडरों को सुविधा मिलनी शुरू हो गई है।

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