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पाकिस्तान की संसद में बिलावल की पिता जरदारी और नवाज को नसीहत

इमरान खान इस वक्त जेल में हैं। उनका आरोप है कि शाहबाज शरीफ सरकार ने उन्हें झूठे मामले में फंसाकर जेल भिजवाया है
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बिलावल भुट्टो खुद को यंग  जेनरेशन के लीडर के तौर पर पेश कर रहे हैं।  (फाइल)

पाकिस्तान की संसद में मंगलवार को दिलचस्प वाकया पेश आया। फॉरेन मिनिस्टर बिलावल भुट्टो ने फेयरवेल स्पीच में पिता और पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को नसीहत दी।

बिलावल ने कहा- 30 साल तक जरदारी साहब (पिता) और मियां नवाज शरीफ ने जो किया, जिस तरह की सियासत की, अब वही चीजें आप मेरे और मरियम नवाज (नवाज शरीफ की बेटी) के लिए छोड़कर न जाएं, क्योंकि हम और मुश्किलें नहीं चाहते।

प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ सरकार का टेन्योर वैसे तो 14 अगस्त को खत्म हो रहा है, लेकिन शाहबाज ने साफ कर दिया था कि वो 9 अगस्त तक ही पद पर रहेंगे। इसके बाद केयरटेकर गवर्नमेंट आएगी और वही जनरल इलेक्शन कराएगी।

आसिफ अली जरदारी और प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ दोनों ने ही तय वक्त पर इलेक्शन कराने का वादा किया था। हालांकि, अब ये मुमकिन नजर नहीं आ रहा है। (फाइल)

आसिफ अली जरदारी और प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ दोनों ने ही तय वक्त पर इलेक्शन कराने का वादा किया था। हालांकि, अब ये मुमकिन नजर नहीं आ रहा है। (फाइल)

उम्मीद खो रही है यंग जेनरेशन

  • पाकिस्तान के अखबार ‘द डॉन’ की रिपोर्ट के मुताबिक- फॉरेन मिनिस्टर मंगलवार को फेयरवेल स्पीच के लिए खड़े हुए तो उन्होंने फ्यूचर पॉलिटिक्स की तरफ कदम बढ़ाए। बिलावल पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के चेयरमैन हैं और उनके पिता आसिफ अली जरदारी बेटे को फ्यूचर प्राइम मिनिस्टर के तौर पर प्रोजेक्ट करते रहे हैं। वो इमरान खान की जगह खुद को यंग जेनरेशन का लीडर साबित करना चाहते हैं।
  • रिपोर्ट में आगे कहा गया- शाहबाज सरकार जाते-जाते कई अहम बिल पास कराना चाहती है। इनमें ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट बिल भी है। इसका सीधा फायदा फौज और ISI को होगा। 15 दिन में 70 बिल पास कराए जा चुके हैं। बिलावल ने इनका जिक्र तो नहीं किया, लेकिन गैलरी में मौजूद स्कूली छात्रों के मन तक अपनी बात पहुंचाने की हर मुमकिन कोशिश की।
  • भुट्टो ने कहा- मेरे पिता और मियां नवाज शरीफ को चाहिए कि वो मेरे और मरियम के लिए सियासी रास्ता आसान करें। इसमें पहले ही काफी मुश्किलें हैं। इस मुल्क में 65% से ज्यादा पॉपुलेशन 30 साल से कम उम्र की है। ये युवा अब हालात से मायूस हैं और उम्मीद खोते जा रहे हैं।

पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ तीन साल से लंदन में हैं। माना जा रहा है कि वो इलेक्शन के पहले पाकिस्तान लौटेंगे। दावा ये भी है कि अगले PM नवाज शरीफ ही होंगे। (फाइल)

पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ तीन साल से लंदन में हैं। माना जा रहा है कि वो इलेक्शन के पहले पाकिस्तान लौटेंगे। दावा ये भी है कि अगले PM नवाज शरीफ ही होंगे। (फाइल)

हमें आपके जैसी परेशानियां नहीं चाहिए
बिलावल ने आगे कहा- जरदारी और मियां नवाज साहब ने 30 साल जिस तरह की सियासत की है, या इस दौर में जो कुछ उन्होंने देखा, वो हम नहीं देखना चाहते। क्या वो चाहते हैं कि मैं या मरियम नवाज भी यही दौर देखें। अब इस मुल्क में अलग तरह की सियासत होनी चाहिए और इसमें पक्ष और विपक्ष दोनों को हिस्सा लेना होगा। हमें अपने पाकिस्तान का फ्यूचर बेहतर करना है।

बिलावर का यह बयान बेहद अहम है। दरअसल, इसके दो मायने हैं। पहला- बिलावल को आसिफ अली जरदारी और मरियम को नवाज शरीफ की जगह लेने का दावेदार माना जाता है। दूसरा- भुट्टो ने इशारा कर दिया कि अगर इलेक्शन में उनकी पार्टी को फुल मेजॉरिटी नहीं मिली तो वो नवाज की पार्टी (PML-N) के साथ फिर सरकार बनाना चाहेंगे।

पाकिस्तान की कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि नवाज शरीफ अपने भाई की जगह बेटी मरियम को प्रधानमंत्री बनाना चाहते हैं। (फाइल)

पाकिस्तान की कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि नवाज शरीफ अपने भाई की जगह बेटी मरियम को प्रधानमंत्री बनाना चाहते हैं। (फाइल)

जनरल इलेक्शन पर सस्पेंस

  • कुछ दिन पहले 13 दलों के सत्तारूढ़ गठबंधन पाकिस्तान डेमोक्रेटिक अलायंस (PDM) की दो सबसे अहम पार्टियों पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) और पाकिस्तान मुस्लिम लीग- नवाज (PML-N) ने अगस्त में नेशनल असेंबली भंग करने के प्लान पर मुहर लगा दी थी। अगर प्लान के मुताबिक,नेशनल असेंबली भंग हो जाती है को अक्टूबर के आखिर या नवंबर के पहले हफ्ते में जनरल इलेक्शन कराए जा सकते हैं। हालांकि, अब तक आधिकारिक तौर पर दोनों ही पार्टियों या गठबंधन ने इस बात की पुष्टि नहीं की है।
  • अब इस मामले में नया पेच फंस गया है और इसमें दो बातें हैं। इन दोनों ही बातों से साफ हो जाता है कि कम से कम इस साल तो पाकिस्तान में जनरल इलेक्शन कराना आसान नहीं होगा। अब इन दो बातों को समझिए। पहली- सरकार और इलेक्शन कमीशन चाहता है कि इलेक्शन नई जनगणना के आधार पर कराया जाए। दूसरी- केयरटेकर गवर्नमेंट इलेक्शन की तारीख का फैसला करे। इसके बारे में होम मिनिस्टर राणा सनाउल्लाह ने मंगलवार को ही कहा- मुझे नहीं लगता कि इलेक्शन प्रोसेस जल्द हो जाएगा। मुझे लगता है कि चुनाव अगले साल मार्च से पहले मुमकिन नहीं हैं।

इमरान खान इस वक्त जेल में हैं। उनका आरोप है कि शाहबाज शरीफ सरकार ने उन्हें झूठे मामले में फंसाकर जेल भिजवाया है, ताकि वो चुनाव में हिस्सा न ले सकें। (फाइल)

इमरान खान इस वक्त जेल में हैं। उनका आरोप है कि शाहबाज शरीफ सरकार ने उन्हें झूठे मामले में फंसाकर जेल भिजवाया है, ताकि वो चुनाव में हिस्सा न ले सकें। (फाइल)

प्रेसिडेंट का अप्रूवल जरूरी

पाकिस्तान के संविधान के मुताबिक- सरकार जब नेशनल असेंबली (संसद का निचला सदन जैसे हमारे यहां लोकसभा) को भंग करने का प्रस्ताव पास करती है तो आखिरी मंजूरी के लिए उसे राष्ट्रपति के पास भेजा जाता है। अगर किसी वजह से राष्ट्रपति यह समरी या प्रस्ताव मंजूर नहीं करता तो 48 घंटे बाद नेशनल असेंबली भंग मानी जाती है।

इस वक्त राष्ट्रपति आरिफ अल्वी इमरान खान के समर्थक और करीबी दोस्त हैं और उन्होंेने शाहबाज शरीफ सरकार के हर काम में अड़ंगे लगाए हैं। लिहाजा, सरकार चाहती है कि इतना मार्जिन जरूर रखा जाए कि अगर प्रेसिडेंट नेशनल असेंबली के भंग करने के प्रस्ताव को मंजूरी नहीं देते हैं तो वो संवैधानिक तौर पर अपने आप भंग मानी जाए।

पाकिस्तान के संविधान के आर्टिकल 224 के मुताबिक- नेशनल या प्रोवेंशियल असेंबली की एक्सपायर डेट के बाद 60 दिन में इलेक्शन होना चाहिए। इसमें ये जरूर देखा जाता है कि कहीं ये टेन्योर के पहले तो भंग नहीं हुईं।

इसमें एक और संवैधानिक व्यवस्था है। इसके मुताबिक- इलेक्शन कमीशन को 90 दिन के अंदर चुनाव कराना होंगे। इसमें शर्त ये है कि नेशनल या प्रोवेंशियल असेंबली को टेन्योर पूरा होने के पहले भंग किया गया हो।

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