कनाडा ने एडवाइजरी की जारी: अपने नागरिकों को जम्मू-कश्मीर और मणिपुर-असम ना जाने की सलाह दी
HARYANATV24: भारत और कनाडा के बीच डिप्लोमैटिक विवाद बढ़ता जा रहा है। कनाडा में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का आरोप वहां के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत पर लगाते हुए हमारे एक डिप्लोमैट को निकाल दिया। जवाब में भारत ने भी कनाडा के एक डिप्लोमैट को एक्सपेल कर दिया।
इसके बाद मंगलवार रात दो बड़ी घटनाएं हुईं। पहली- न्यूज एजेंसी ने कनाडा सरकार के हवाले से खबर दी। इसमें कहा गया कि कनाडा ने जम्मू और कश्मीर में सिक्योरिटी की हालात को देखते हुए अपने नागरिकों से वहां न जाने को कहा है।
वहां टेरेरिज्म और किडनैपिंग का खतरा है। इसके अलावा असम और मणिपुर में भी न जाने की सलाह दी गई है। यह पहले जारी एडवाइजरी का अपडेशन था।
दूसरी- कनाडा के सबसे बड़े अखबार ‘टोरंटो स्टार’ ने ट्रूडो का बयान जारी किया। इसमें कहा गया कि कनाडा की सरकार भारत के साथ तनाव नहीं बढ़ाना चाहती, लेकिन भारत को इन मुद्दों को गंभीरता से लेना होगा।
अपोजिशन लीडर की ट्रूडो को नसीहत
भारत के टकराव के मुद्दे पर कैनेडियन अपोजिशन प्रधानमंत्री ट्रूडो से दूरी बनाता नजर आ रहा है। यहां के अपोजिशन लीडर पियरे पोएलिविर ने सोशल मीडिया पर कहा- हमारे प्रधानमंत्री को साफ और सीधी बात करनी चाहिए। अगर उनके पास सबूत हैं तो वो जनता के सामने रखें।
ऐसा होगा तभी तो लोग फैसला ले सकेंगे कि कौन सही और कौन गलत। हैरानी की बात यह है कि ट्रूडो कोई फैक्ट्स सामने नहीं रख रहे। उनकी तरफ से सिर्फ स्टेटमेंट्स सामने आ रहे हैं, ये तो कोई भी कर सकता है।
ट्रूडो का नया बयान- तनाव को बढ़ाना नहीं चाहते
टोरंटो स्टार की रिपोर्ट के मुताबिक- मंगलवार रात कैनेडियन प्राइम मिनिस्टर का रुख कुछ नर्म दिखा। उन्होंने कहा- हम इस तनाव को बढ़ाना नहीं चाहते। हमने कुछ फैक्ट्स सामने रखे हैं। हम चाहते हैं कि इस मुद्दे पर भारत सरकार के साथ काम करें ताकि हर चीज क्लीयर हो सके।
भारत बोला- कनाडा के आरोप बेतुके
भारत ने कनाडा की तरफ से लगाए गए सभी आरोपों को खारिज कर दिया है। विदेश मंत्रालय ने कहा- कनाडा के सभी आरोप बेतुके हैं। इसी तरह के आरोप कनाडाई प्रधानमंत्री ने हमारे PM मोदी के सामने भी रखे थे और उन्हें पूरी तरह से खारिज कर दिया गया था।
कनाडा में रहते हुए निज्जर प्रतिबंधित खालिस्तान समर्थक संगठन सिख फॉर जस्टिस (SFJ) के प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू के करीब आया। पन्नू और निज्जर की निकटता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि निज्जर की हत्या के बाद से ही पन्नू तिलमिलाया हुआ है और कनाडा में भारत के खिलाफ और खालिस्तान के समर्थन में जनमत संग्रह करवाने का दावा कर रहा है।