किसानों का 5 राज्यों में प्रदर्शन-पंजाब-हरियाणा में बाढ़ के बाद मुआवजे की मांग, MP-महाराष्ट्र में प्याज पर बढ़े टैक्स का विरोध

HARYANA TV24- 5 राज्यों पंजाब-हरियाणा, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में बाढ़ के मुआवजे, प्याज पर बढ़े टैक्स और गन्ने के बकाया भुगतान की मांग को लेकर हजारों किसान विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। सोमवार को विरोध के दौरान संगरूर में एक किसान की ट्रैक्टर से कुचलने के बाद मौत हो गई। जिससे प्रदर्शन और हिंसक हो गया।
उत्तर भारत के 16 किसान संगठन मंगलवार को चंडीगढ़ के सेक्टर 17 स्थित परेड ग्राउंड में मोर्चा लगाने की तैयारी में हैं। हालांकि पुलिस ने उन्हें चंडीगढ़ में घुसने से रोकने की पूरी तैयारी कर ली है।
उधर महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में प्याज के बढ़े हुए टैक्स को लेकर किसान सड़क पर उतर आए। रतलाम में विभिन्न किसान संगठनों ने मंडियों में नीलामी बंद करवा कर आंदोलन की शुरुआत कर दी है। दरअसल केंद्र सरकार ने 31 दिसंबर 2023 तक प्याज पर 40% एक्सपोर्ट ड्यूटी लगा दी है।
महाराष्ट्र के नासिक, अहमदनगर और मुंबई में किसानों ने सड़कों पर प्रदर्शन किया। किसान संगठनों का कहना है कि सरकार अगर एक्सपोर्ट ड्यूटी बढ़ा देगी तो निर्यात कम होगा। इससे घरेलू मार्केट में प्याज की कीमतें गिरेंगी, जिससे किसानों को नुकसान होगा। उत्तर प्रदेश के भी किसान संगठन गन्ने के बकाया भुगतान की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं।
अलग-अलग राज्यों में किसानों का विरोध-प्रदर्शन सिलसिलेवार
1. पंजाब में 16 किसान संगठनों का प्रदर्शन, बाढ़ से बर्बाद फसल के लिए मुआवजे की मांग, एक की मौत
प्रदर्शन की वजह - बाढ़ से फसल बर्बाद
कितने किसान संगठन शामिल - 16
हिंसक झड़प की घटना, मौतें - 1 मौत, 2 घायल
किसानों की प्रमुख मांगें...
केंद्र सरकार से 50 हजार करोड़ रुपए के विशेष पैकेज की मांग। बाढ़ से प्रभावित किसानों को 50 हजार रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा दिया जाए। इसके अलावा बाढ़ में जान गंवाने वाले लोगों के परिवार को आश्रितों को 10 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाए। एक साल के लिए सभी तरह के कर्ज और ब्याज माफ करने की मांग की है। साथ ही मनरेगा योजना के तहत 200 दिन तक काम देने की मांग की है।
2. हरियाणा: खराब फसल के लिए 50 हजार प्रति एकड़ मुआवजे की मांग, कई किसान नेता नजरबंद
धरने पर बैठे किसानों को संबोधित करते हुए किसान नेता।
प्रदर्शन की वजह - बाढ़ से फसल बर्बाद
कितने किसान संगठन शामिल - पगड़ी संभाल जट्टा किसान संघर्ष समिति
कहां- कहां प्रदर्शन- फतेहाबाद में
हिंसक झड़प की घटना, मौतें - अब तक नहीं
किसानों की प्रमुख मांगें...
बाढ़ पीडि़त किसानों को 50 हजार रुपए प्रति एकड़ मुआवजा, खराब ट्यूबवेलों व मकानों के मुआवजा सहित 21 मांगों को लेकर किसान संघर्ष समिति द्वारा सचिवालय पर प्रदर्शन किया जा रहा है। इसी दौरान चंडीगढ़ में प्रदर्शन की घोषणा हो गई तो सोमवार को किसान नेताओं को नजरबंद करना शुरू कर दिया गया था।
मध्यप्रदेश: प्याज पर 40% टैक्स का फैसला वापस लेने की मांग, सांसदों का घेराव और मंडी बंद करने की चेतावनी
केंद्र सरकार के फैसले को लेकर भारतीय किसान संघ ने इंदौर कलेक्टर ऑफिस का घेराव किया।
प्रदर्शन की वजह - प्याज पर 40% निर्यात शुल्क
कितने किसान संगठन शामिल - भारतीय किसान संघ
कहां- कहां प्रदर्शन- इंदौर, रतलाम
हिंसक झड़प की घटना - कोई मौत नहीं
किसानों की प्रमुख मांगें...
केंद्र सरकार के फैसले को लेकर भारतीय किसान संघ ने इंदौर कलेक्टर ऑफिस का घेराव किया। किसानों ने 15 दिन में फैसला वापस लेने की चुनौती दी है। कहा है कि अगर 15 दिन में हमारी मांग नहीं मानी तो देश के सभी सांसदों के घेराव के साथ मंडी भी बंद करेंगे।
4. महाराष्ट्र: नासिक, अहमदनगर और मुंबई में किसानों का प्रदर्शन, प्याज पर टैक्स लगाने से नाराज
महाराष्ट्र के नासिक में सोमवार को प्याज किसानों ने रास्ता जाम कर दिया।
प्रदर्शन की वजह - प्याज पर 40% निर्यात शुल्क
कितने किसान संगठन शामिल - अखिल भारतीय किसान सभा
कहां- कहां प्रदर्शन- नासिक, अहमदनगर और मुंबई
हिंसक झड़प की घटना, मौतें- कोई मौत नहीं
किसानों की प्रमुख मांगें...
सरकार प्याज के निर्यात पर 40% शुल्क लगाने का फैसला वापस ले। इस फैसले को लेकर नासिक, अहमदनगर और पुणे में किसानों ने रविवार को विरोध प्रदर्शन किया। स्वाभिमानी शेतकारी संगठन (SSS) ने कहा कि, महाराष्ट्र में प्याज के निर्यात से किसानों को काफी मुनाफा कमाने की उम्मीद थी। निर्यात कम होने से घरेलू मार्केट में प्याज की कीमतें गिरेंगी, जिससे किसानों को नुकसान होगा।
5. पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गन्ने का बकाया और जमीन को लेकर किसानों का राज्य सरकार के खिलाफ प्रदर्शन
21 अगस्त को किसानों ने नोएडा के विधायक पंकज सिंह के आवास का घेराव किया।
प्रदर्शन की वजह - गन्ने का बकाया भुगतान और जमीन में हिस्सेदारी कितने किसान संगठन शामिल - संयुक्त किसान मोर्चा, भारतीय किसान यूनियन, भारताीय किसान परिषद कहां- कहां प्रदर्शन- मेरठ, अमरोहा, गाजियाबाद, नोएडा, बदायूं, हापुड़ और नोएडाहिंसक झड़प की घटना, मौतें- कोई मौत नहीं किसानों की प्रमुख मांगें... चीनी मिलों पर गन्ना भुगतान न मिलने के कारण मेरठ, अमरोहा, गाजियाबाद, नोएडा, बदायूं और हापुड़ में संयुक्त किसान मोर्चा, भारतीय किसान यूनियन प्रदर्शन कर रहे हैं। 11 दिन पहले किसानों ने ट्रैक्टर से तिरंगा यात्रा निकाली थी। राकेश टिकैत के बेटे चरण सिंह ने मेरठ के पावर एमडी कार्यालय में विरोध प्रदर्शन किया था। किसान ट्रेक्टर लेकर दफ्तर में घुस गए थे।
23 अगस्त को मुजफ्फरनगर बुढाना में राकेश टिकैत की अगुवाई में किसान ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे। 24अगस्त को रुढ़की में महापंचायत होगी। 5 सितंबर को चरथावल में एक बड़ी पंचायत भी किसान करेंगे। 18 सितंबर को लखनऊ में पूरे यूपी के किसान जुटेंगे।
इधर, भारताीय किसान परिषद के बैनर तले नोएडा विकास प्राधिकरण के बाहर किसान पिछले 70 दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं। इससे पहले 122 दिन प्रदर्शन किया। किसानों और प्राधिकरण के बीच जमीन में अपनी हिस्सेदारी को लेकर विवाद चल रहा है।