चंद्रयान- 3 की कामयाबी पर कैसा रहा वर्ल्ड मीडिया का रिएक्शन, लेकिन क्यूं चीनी मीडिया रहा खामोश
HaryanaTV24: चंद्रयान-3 के लैंडर ने चांद के दक्षिणी ध्रुव पर कदम रखकर इतिहास रच दिया है। उसने 20 मिनट में चंद्रमा की अंतिम कक्षा से 25 किमी का सफर पूरा किया। भारत की इस महान कामयाबी को वर्ल्ड मीडिया ने हाथोंहाथ लिया और दिल खोलकर तारीफ की। अमेरिका, ब्रिटेन और यूरोप के तमाम बड़े अखबारों ने इस इवेंट की लाइव कवरेज की। पाकिस्तानी मीडिया ने भी इसे टॉप 5 न्यूज में जगह दी। हैरानी की बात चीन की मीडिया को लेकर हुई। उसके दो अहम अखबारों और वेबसाइट्स ने इस इवेंट को होम पेज पर कवर ही नहीं किया।
यहां हम दुनिया के 7 प्रमुख अखबारों और वेबसाइट्स की भारत के मिशन मून पर कवरेज की जानकारी दे रहे हैं-
न्यूयॉर्क टाइम्स (NYT)
इस अमेरिकी अखबार ने न सिर्फ भारत की इस कामयाबी का लाइव कवरेज किया, बल्कि ये भी बताया कि भारत की अगली मंजिल अब क्या होगी। अखबार ने लाइव ब्लॉग में लिखा- चांद पर पहुंचने की लेटेस्ट रेस में भारत ने जबरदस्त कामयाबी हासिल की। टीम इसरो ने चंद्रयान-3 को उस साउथ पोल पर लैंड करा दिया, जहां अब तक कोई नहीं पहुंच पाया।
NYT ने आगे लिखा- भारत के लिए स्पेस रिसर्च के लिहाज से अगले 10 साल बेहद अहम और बिजी होने वाले हैं। भारत का स्पेस प्रोग्राम करीब 50 साल तक सरकार के हाथों में रहा, लेकिन अब उसने अपने दरवाजे प्राइवेट सेक्टर के लिए भी खोल दिए हैं। कामयाबी उसका इंतजार कर रही है।
वॉशिंगटन पोस्ट
अमेरिका के एक और बड़े अखबार ‘वॉशिंगटन पोस्ट’ ने अपनी खबर के इंट्रो में भारत की कामयाबी को अनूठा तोहफा बताया। इसके अलावा ये भी खास रहा कि इस अखबार ने पिछले दिनों रूस के मिशन की नाकामयाबी को भी इस खबर में जगह दी। उसने दोनों मिशन की तुलना करते हुए ये भी बताया कि इंडियन साइंटिस्ट किसी भी अड़ंगे से पीछे नहीं हटते और बहुत कम बजट में अपने काम को अंजाम देते हैं।
बीबीसी नेटवर्क (BBC NETWORK)
ब्रिटेन के वर्ल्ड फेमस मीडिया हाउस BBC ने भी इस इवेंट को लाइव कवर किया। जैसे ही चंद्रयान-3 की लैंडिंग हुई, BBC ने लिखा- भारत ने इतिहास रच दिया... साउथ पोल के करीब चंद्रयान 3 की लैंडिंग कामयाब। भारत की इस कामयाबी के पीछे उसके साइंसदानों की जबरदस्त मेहनत है। उन्होंने तमाम मुश्किलों के बावजूद कदम नहीं खींचे और आज वो कर दिखाया जो दुनिया के सामने मिसाल है। अब दुनिया को भारत से ज्यादा उम्मीदें हैं।
डॉयचे वैले
जर्मनी के कई भाषाओं में पब्लिश होने वाले अखबार ‘डॉयचे वैले’ ने इस इवेंट को लाइव कवर किया। लैंडिंग के फौरन बाद उसने हेडिंग बदली और लिखा- चंद्रमा के साउथ पोल यानी दक्षिणी ध्रुव पर लैंड करने वाला पहला देश बना भारत। इसके साथ ही अखबार ने तिरंगे के रंग में पेंट किए एक भारतीय की तस्वीर भी लगाई। इसके हाथ में भी तिरंगा नजर आ रहा था। अखबार ने लिखा- 140 करोड़ भारतीयों के दिल की हसरत को टीम इसरो ने साकार किया।
‘द डॉन’
पाकिस्तान के लीडिंग अखबार ‘द डॉन’ ने भारत की इस कामयाबी वाली खबर को टॉप 5 खबरों में जगह दी। उसके साइंस रिपोर्टर हम्माद मुस्तफा ने लिखा- हमारे पड़ोसी देश से बहुत बड़ी खबर आई है। भारत ने स्पेस सेक्टर में दुनिया के सामने ऐसी मिसाल कायम की है, जिसको अब हर देश फॉलो करना चाहेगा। ये काम आसान नहीं था। इमरान सरकार में साइंस एंड टेक्नोलॉजी मिनिस्टर रहे फवाद चौधरी ने लैंडिंग से पहले भारत को शुभकामनाएं दीं।
‘जियो न्यूज’
पाकिस्तान के सबसे बड़े न्यूज चैनल जियो न्यूज ने कुछ देर तक चंद्रयान-3 की कामयाबी की खबर को नंबर एक पर जगह दी। इसकी खबर में कहा गया- हमारे पड़ोसी देश ने स्पेस सेक्टर में बड़ी कामयाबी हासिल की है। इसके पीछे उसके साइंसटिस्ट्स की मेहनत और लगन है। भारत ने यह साबित कर दिया है कि अगर ठान लिया जाए तो कुछ भी करना मुमकिन है, चांद पर पहुंचना भी।
चीनी मीडिया खामोश
हमने चीन के दो अखबार और इनकी वेबसाइट को रियल टाइम चेक किया तो उनके होम पेज पर भारत की कामयाबी की खबर नजर नहीं आई। ग्लोबल टाइम्स ने प्रेसिडेंट जिनपिंग की साउथ अफ्रीकी राष्ट्रपति से मुलाकात को तवज्जो दी। टॉप 5 में भारत की सफलता की इस कहानी की झलक तक नजर नहीं आई। इसके अलावा, चाइना डेली में भी यह खबर नजर नहीं आई। होम पेज पर ज्यादातर न्यूज चीन से जुड़ी हुई थी। इनमें कहीं भी इसरो या चंद्रयान 3 का जिक्र तक नहीं था।