जिसको आयुर्वेद पर शक हो इस चूर्ण का इस्तेमाल कर देखे आप भी दांतोँ तले उंगली दबा लेंगे...!
Haryana tv24- मुरझाए हुए मुंह और नपुंसकता की दवाइयों की तलाश मेँ भटकते नौजवानों के सुस्त शरीर के लिए दिव्य आयुर्वेदिक चूर्ण है..!
जिसको आयुर्वेद पर शक हो इस चूर्ण का इस्तेमाल कर देखे आप भी दांतोँ तले उंगली दबा लेंगे...!
उपचार स्वास्थ्य और प्रयोग
*चूर्ण बनाने की विधि:*
तालमखाना -50ग्राम
कोंच के बीज शुद्ध - 50ग्राम
सफेद मूसली -50ग्राम
विधारी कंद -50ग्राम
सौंठ -50ग्राम
असगन्ध -50ग्राम
शिलाजीत -50ग्राम
पोस्ट दाना -50ग्राम
गोखरू -50ग्राम
जायफल -50ग्राम
असली बंसलोचन -50ग्राम
मोचरस - 50ग्राम
उडद की दाल -50ग्राम (घी में भुनी हुई )
सेमर के फूल - 50ग्राम
खरेंटी। - 50ग्राम
सतावर - 50ग्राम
भांग - 50ग्राम ( पानी से धुली हुई )
मिश्री -850ग्राम
इन सभी उपरोक्त सामान को कूटकर छान ले ओर आपस में मिक्स करके काच के बर्तन में ढक्कन लगाकर रख ले .
*मात्रा और अनुपान:*
प्रातः और रात्री में सोने से एक घंटा पहले तीन से छह ग्राम पानी से या गाय के दूध से ले.
*गुण ओर उपयोग:*
यह चूर्ण पोष्टिक ,रसायन ओर वाजीकरण है... ! इसके सेवन से बल ओर वीर्य की वृद्धि होती है तथा प्रमेह का नाश होता है....!
अधिक स्त्री प्रसंग या छोटी अवस्था में अप्राकृतिक ढंग से शुक्र (वीर्य)का ज्यादा दुरूपयोग करने से शुक्र पतला हो जाता है तथा शुक्रवाहिनी शिराएं भी कमजोर हो जाती है ओर फिर वे शुक्र धारण करने में असमर्थ हो जाती है जिसके परिणाम स्वरूप स्वप्नदोष, शीघ्रपतन, वीर्य का पतला पन, पेशाब के साथ ही वीर्य निकल जाना आदि विकार उत्पन्न हो जाते है इन विकारों को दूर करने के लिए आप इस चूर्ण का उपयोग करना आपके लिए हितकर है क्योंकि यह शुक्र की विकृति को दूर कर वीर्य को गाढ़ा करता है ओर शरीर में बल बढाता है
*आयुर्वेद की इस औषधि के सेवन से निम्नांकित फायदे होते हैं:*
यह पौष्टिक चूर्ण है , इसके शरीर की पुष्टता बढाता है, यह रसायन गुण युक्त है इसलिये यह चूर्ण आयुर्वेदोक्तसप्त धातुओं की रक्षा करके रस , रक्त , मान्स , मेद , अस्थि , मज्ज , और शुक्र धातुओं की वृधि करता है
यह बाजीकरण योग है इसलिये यह कमजोर मनुष्यों को सम्भोग करने के लिये अधिक वीर्य उत्पादन के लिये समर्थ वान बनाता है
डायबिटीज के रोगियों के लिये यह चूर्ण किसी वरदान से कम नही है तथा डायबिटीज के रोगियों की सम्भोग अथवा मैथुन करने की क्षमता कमजोर हो जाती है तो आप इस चूर्ण के सेवन करने से डायबिटीज के रोगियों को दोतरफा फायदा होता है इससे प्रमेह की शिकायत भी दूर होती है, जिनका शुक्र, हस्तमैथुन या अन्य अप्राकृतिक तरीके अपनाने के बाद पानी जैसा पतला हो गया हो , इस चूर्ण के सेवन करने से वीर्य शुद्ध होकर गाढ़ा और प्राकृतिक हो जाता है,जिनके वीर्य में कोई भी विकृति हो, शुक्राणु कम हों या स्पर्म न बन रहे हों , उन्हें इस औषधि का उपयोग जरूर करना चाहिये
इस चूर्ण को सभी प्रकार के शुक्र दोषों में उपयोग किया जा सकता है शरीर की साधारण स्वास्थ्य सुरक्षित रखने और शक्ति संचार को स्थाई बनाये रखने के लिये तथा कु-पोषणसे पीड़ित रोगियों के लिये यह एक लाभकारी औषधि है
*नोट आप के लिए पूरे जाड़े में सेवन करने के लिए उपयुक्त चूर्ण है ..! गर्मी में आप इसकी मात्रा आधी कर ले और दूध आधा लीटर ले गाय का दूध मिले तो उत्तम है