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Zombie Virus: बर्फ के नीचे दबे हैं जोंबी वायरस, दुनिया में फैल सकती है नई महामारी! वैज्ञानिकों ने दी बड़ी चेतावनी

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बर्फ के नीचे दबे हैं जोंबी वायरस

HARYANATV24: कोरोना महामारी से अभी दुनिया उबर भी नहीं पाई है कि वैज्ञानिकों ने अब एक नए खतरनाक वायरस को लेकर चेतावनी दी है। वैज्ञानिकों का कहना है कि तबाही मचाने वाले यह वायरस आर्कटिक और अन्य स्थानों पर बर्फ की चोटियों के नीचे दबे हुए हैं। इस खतरनाक और तबाही मचाने वाले वायरस का नाम जोंबी वायरस है।

ब्रिटिश अखबार द गार्जियन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, वैज्ञानिकों ने बताया है कि पिघलने वाले आर्कटिक पर्माफ्रॉस्ट से 'जॉम्बी वायरस' निकल सकते हैं। उन्होंने चेतावनी दी है कि इस वायरस से दुनिया में एक भयावह स्वास्थ्य आपातकाल शुरू हो सकता है।

पृथ्वी की सतह पर या उसके नीचे स्थायी रूप से जमी परत को पर्माफ्रॉस्ट कहा जाता है। इस परत में मिट्टी, बजरी और रेत होती है। यह आमतौर पर बर्फ से एक साथ बंधी होती है।

ग्लोबल वार्मिंग की वजह से बढ़ते तापमान के कारण जमी बर्फ पिघलने लगी है, जिसकी वजह से खतरा बढ़ गया है। एक वैज्ञानिक ने बीते साल खतरे को समझने के लिए साइबेरियाई पर्माफ्रॉस्ट से लिए  नमूनों से शोध किया था और उन्होंने आर्कटिक में नीचे दबे वायरस के बारे में बताया था। वैज्ञानिक के मुताबिक, आर्कटिक में मिले वायरस जमे हुए हजारों साल बिता चुके हैं।

ऐक्स-मार्सिले यूनिवर्सिटी के आनुवंशिकीविद् जीन-मिशेल क्लेवरी ने बताया कि फिलहाल दक्षिणी क्षेत्रों में उभरने वाली और उत्तर में फैलने वाली बीमारियों पर महामारी के खतरों का विश्लेषण केंद्रित हैं।

उनका कहना है कि उत्तर में उभर कर दक्षिण में फैलने वाली बीमारियों पर फोकस नहीं है। उनका कहना है कि मेरा मानना है कि यह भूल है। उन्होंने बताया कि उत्तर में वायरस मौजूद हैं, जो नई महामारी ला सकते हैं।

HARYANATV24: कोरोना महामारी से अभी दुनिया उबर भी नहीं पाई है कि वैज्ञानिकों ने अब एक नए खतरनाक वायरस को लेकर चेतावनी दी है। वैज्ञानिकों का कहना है कि तबाही मचाने वाले यह वायरस आर्कटिक और अन्य स्थानों पर बर्फ की चोटियों के नीचे दबे हुए हैं। इस खतरनाक और तबाही मचाने वाले वायरस का नाम जोंबी वायरस है।

ब्रिटिश अखबार द गार्जियन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, वैज्ञानिकों ने बताया है कि पिघलने वाले आर्कटिक पर्माफ्रॉस्ट से 'जॉम्बी वायरस' निकल सकते हैं। उन्होंने चेतावनी दी है कि इस वायरस से दुनिया में एक भयावह स्वास्थ्य आपातकाल शुरू हो सकता है।

पृथ्वी की सतह पर या उसके नीचे स्थायी रूप से जमी परत को पर्माफ्रॉस्ट कहा जाता है। इस परत में मिट्टी, बजरी और रेत होती है। यह आमतौर पर बर्फ से एक साथ बंधी होती है।

ग्लोबल वार्मिंग की वजह से बढ़ते तापमान के कारण जमी बर्फ पिघलने लगी है, जिसकी वजह से खतरा बढ़ गया है। एक वैज्ञानिक ने बीते साल खतरे को समझने के लिए साइबेरियाई पर्माफ्रॉस्ट से लिए  नमूनों से शोध किया था और उन्होंने आर्कटिक में नीचे दबे वायरस के बारे में बताया था। वैज्ञानिक के मुताबिक, आर्कटिक में मिले वायरस जमे हुए हजारों साल बिता चुके हैं।

ऐक्स-मार्सिले यूनिवर्सिटी के आनुवंशिकीविद् जीन-मिशेल क्लेवरी ने बताया कि फिलहाल दक्षिणी क्षेत्रों में उभरने वाली और उत्तर में फैलने वाली बीमारियों पर महामारी के खतरों का विश्लेषण केंद्रित हैं।

उनका कहना है कि उत्तर में उभर कर दक्षिण में फैलने वाली बीमारियों पर फोकस नहीं है। उनका कहना है कि मेरा मानना है कि यह भूल है। उन्होंने बताया कि उत्तर में वायरस मौजूद हैं, जो नई महामारी ला सकते हैं।

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