हरियाणा के झज्जर में फास्टैग का स्टेटस एक्टिव होने व उसमें राशि उपलब्ध होने के बावजूद एक उपभोक्ता से टोल के नाम पर दो बार रकम लेना टोल कंपनी को भारी पड़ा है। उपभोक्ता फोरम ने टोल कंपनी परऊ 50 हजार रुपये का जुर्माना उपभोक्ता को देने के आदेश दिए हैं।
झज्जर बार एसोसिएशन के पूर्व उप-प्रधान भावेश यादव के अनुसार वह अपने परिवार के साथ कार से 24 सितंबर 2020 को रोहतक के लिए निकले थे। उन्होंने रोहतक में किसी चिकित्सक से मिलने का समय ले रखा था। भावेश के अनुसार जब वह डीघल टोल पर पहुंचे तो वहां मौजूद कर्मचारियों ने कार पर लगा फास्टैग एक्टिव न होने और उसमें पैसे न होने की बात कही। उन्होंने उसी समय कम्पनी के मैनेजर से भी बात की। सारे तर्क दिए जाने के बाद भी टोल कर्मियों ने उससे एक तरफ का टोल लिया। जब वह रोहतक से वापस आए तो उन्हीं टोल कर्मियों ने उससे टोल के नाम पर डबल रुपये चार्ज कर लिए।
इस प्रकरण से मानसिक रूप से परेशान होने पर भावेश यादव ने एनएचएआई, डीघल टोल मैनेजर और कुरुक्षेत्र की टोल कंपनी को पार्टी बनाया। अधिवक्ता भावेश के अनुसार विचाराधीन मामले के दौरान टोल कंपनी की तरफ से ऐसा कोई भी सबूत पेश नहीं किया गया। जिससे की शिकायतकर्ता का आरोप झूठा साबित होता हो। इसी पर अपना फैसला सुनाते हुए टोल उपभोक्ता फोरम ने टोल कम्पनी पर पचास हजार का जुर्माना लगाया है। जुर्माने की रकम 9 प्रतिशत ब्याज सहित दिए जाने के आदेश दिए है।
Edited ,,, Meenakshi Singh