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हरियाणा के 12 जिलों में 854 गांव डूबे, कुरुक्षेत्र-कैथल में 2 शव बरामद, करनाल में महिला की मौत

हरियाणा में बाढ़ से फिलहाल चौथे दिन भी बड़ी राहत नहीं मिल पाई। गुरुवार को फतेहाबाद और सिरसा के खेतों भी बाढ़ का पानी पहुंच गया। इसके साथ ही प्रदेश में बाढ़ प्रभावित जिलों की संख्या 12 हो गई हैं। इन जिलों के 914 गांवों में तक पानी भरा है। हालांकि शासन 854 गांवों में
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हरियाणा के 12 जिलों में 854 गांव डूबे, कुरुक्षेत्र-कैथल में 2 शव बरामद, करनाल में महिला की मौत

हरियाणा में बाढ़ से फिलहाल चौथे दिन भी बड़ी राहत नहीं मिल पाई। गुरुवार को फतेहाबाद और सिरसा के खेतों भी बाढ़ का पानी पहुंच गया। इसके साथ ही प्रदेश में बाढ़ प्रभावित जिलों की संख्या 12 हो गई हैं। इन जिलों के 914 गांवों में तक पानी भरा है। हालांकि शासन 854 गांवों में बाढ़ की बात मान रहा लोग अपने घरों में कैद हैं और बिजली व खाने-पीने की चीजें नहीं होने से उनकी परेशानी बढ़ रही है। इन प्रभावित जगहों से अब तक 3674 लोगों को सेना व एनडीआरएफ की टीमों ने सुरक्षित निकाला है।

उधर, मारकंडा, घग्गर, सरस्वती सहित अन्य नदियों का जलस्तर भी तेजी से बढ़ रहा है। हालांकि यमुना का जलस्तर कुछ कम हुआ है। सबसे ज्यादा खराब हालात जीटी बेल्ट के हैं। इस बेल्ट के छह जिलों अंबाला, यमुनानगर, करनाल, कैथल, कुरुक्षेत्र व पानीपत के करीब 585 गांव बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हैं। इन गांवों का जिला मुख्यालय से संपर्क कट गया है, जबकि चार लाख एकड़ से अधिक फसलें जलमग्न हो चुकी हैं। कैथल, कुरुक्षेत्र की स्थिति तो पहले से और खराब है। पंजाब के खनौरी में पुल टूटने से कैथल का संगरूर से भी संपर्क टूट गया। अंबाला व पटियाला से पहले ही कट चुका है। घग्गर नदी का पानी चीका शहर में भर गया।

कुरुक्षेत्र में मारकंडा नदी का पानी शाहाबाद से कुरुक्षेत्र तक पहुंच गया है। ठोल गांव के पास टूटी नरवाना ब्रांच और गांव दबखेड़ी के पास क्षतिग्रस्त ड्रेन तीन दिन बाद भी दुरुस्त नहीं किया जा सका है। इससे शहर का पिहोवा से भी संपर्क टूट गया है। कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी के तीसरे गेट तक पानी पहुंच गया। पानी बढ़ता देख लोग कॉलोनियों से पलायन करने लगे हैं। करनाल में करनाल-गंगोह का मार्ग पांचवें दिन भी बंद रहा। यमुनानगर के हथिनी कुंड बैराज में पानी बढ़ने से गांवों में खतरा मंडरा रहा है। गंगा एक्सप्रेस वे की सड़क टोल के पास करीब 40 फुट धंस गई है।

पानीपत, अंबाला, फतेहाबाद, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र व कैथल में एनडीआरएफ और सेना की टीमें बचाव में जुटी है। अंबाला में वायुसेना ने गुरुवार को सात गांवों में राहत सामग्री पहुंचाई। पलवल जिले में भी 24 से अधिक गांवों बाढ़ का पानी भर गया है। गुरुवार को दो लोगों के शव मिले जबकि करनाल में एक महिला की मौत हो गई औैर एक व्यक्ति पानी में बह गया।

प्रदेश में अब तक 21 लोगों की मौत हो चुकी है। फरीदाबाद में एसडीआरएफ ने बसंतपुर सहित आसपास के इलाकों से 1300 लोगों को रेस्क्यू कर अगवानपुर व इस्माइलपुर गांव के स्कूलों में बनाए गए शिविरों में पहुंचाया। पानीपत में यमुना का जलस्तर कम होने से लोगों ने राहत की सांस ली। हालाकि अभी यह खतरे के निशान के पास है। यमुना का खतरे का निशान 231.50 मीटर है। फिलहाल 230.80 मीटर पर बह रही है। इसके साथ तामशाबाद कट बंद करने का काम शुरू कर दिया है।

तीन जिलों में स्कूल सोमवार तक बंद

अंबाला के 750 में से 430 स्कूलों व कुरुक्षेत्र में 203 सरकारी स्कूलों में पानी भरा है। इस कारण रविवार तक स्कूल बंद रहेंगे। यमुनानगर के स्कूलों में भी गुरुवार को छुट्टी रही। करनाल, पानीपत और कैथल के बाढ़ प्रभावित स्कूलों को फिलहाल बंद रखा गया है।

हरियाणा से वाहनों का दिल्ली में प्रवेश बंद

सोनीपत में यमुना के सटे गांवों में हजारों एकड़ फसल जलमग्न है। मनौली टोंकी के 500 बेघर होकर मंदिर के पास टेंट में रह रहे हैं। यमुना का जलस्तर बढ़ने से ड्रेन-6 ओवरफ्लो हो गई है, जिससे पानी हाईवे तक पानी पहुंच गया है। इससे हरियाणा से वाहनों का दिल्ली में प्रवेश बंद कर दिया गया है। सिंघु बॉर्डर से दिल्ली में भारी वाहनों का प्रवेश बंद करने के बाद सोनीपत रोडवेज अधिकारियों ने दिल्ली जाने वाली सभी बसों को डिपो में ही रोक दिया, जो बसें रवाना हो गई थीं, वह सिंघु बॉर्डर से वापस लौट आईं। हिमाचल प्रदेश, पंजाब, जम्मू कश्मीर व चंडीगढ़ से आने वाली अंतरराज्यीय बसें भी कश्मीरी गेट न जाकर सिंघु बॉर्डर व उससे पहले केजीपी-केएमपी के जीरो प्वाइंट पर ही सवारियां उतारकर लौट गईं। सोनीपत से जयपुर व अजमेर रूट को डायवर्ट कर दिया गया है। गन्नौर, मुरथल व बहालगढ़ के पास से भारी वाहनों को डायवर्ट किया जा रहा है। गाजियाबाद व गुरुग्राम की तरफ जाने वाले वाहनों को केजीपी-केएमपी से गुजारा जा रहा है।

जाखल के छह गांवों में फसलें डूबीं

पंजाब में घग्गर नदी के टूटे दो तटबंधों के कारण जाखल के छह गांवों के खेतों में जलभराव हो गया। यहां एनडीआरएफ की टीमों ने मोर्चा संभाल लिया है। घग्गर नदी पर कासिमपुर में बने पुल पर आवाजाही रोकी गई है। सिरसा में घग्गर का पानी 22 हजार क्यूसेक तक पानी पहुंच गया है। रात तक जलस्तर 25 हजार क्यूसेक तक बढ़ने की संभावना है। सिरसा से साथ लगते गांव नेजाडेला कला के छोटे बांध से घग्गर का पानी ओवरफ्लो हो गया।

सरकार ने 12 राहत कैंप खोले, खाने 12887 पैकेट भेजे

सरकार का दावा है कि मुख्यालय से भेजे गए वरिष्ठ अधिकारी जिला उपायुक्तों के साथ मिलकर प्रभावित लोगों को राहत व बचाव में जुटे हैं। सरकार ने अब तक 12 राहत कैंप खोले हैं। इनमें 1819 लोगों को रखा गया है। अब तक लगभग 12887 फूड पैकेट्स भेजे जा चुके हैं।  सरकार के मुताबिक बाढ़ से अंबाला, फतेहाबाद, फरीदाबाद, पंचकूला, झज्जर, कुरुक्षेत्र, करनाल, कैथल, पानीपत, सोनीपत और यमुनानगर जिले प्रभावित हैं। इन जिलों में बाढ़ से संबंधित घटनाओं से अब तक 16 लोगों की जान जा चुकी है। दो घायल हैं और पांच लोग लापता हैं। 126 घर नष्ट हो गए हैं, जबकि 106 घरों को आंशिक नुकसान पहुंचा है। 110 बड़े पशुओं की जान गई है। अब तक एक लाख 24 हजार 172 एकड़ फसल डूब चुकी है।

बैराज से अतिरिक्त पानी नहीं छोड़ने से बड़ा नुकसान होता : शिक्षा मंत्री

हथिनी कुंड बैराज से पानी के बहाव से दिल्ली में यमुना का जलस्तर बढ़ने को लेकर आरोप-प्रत्यारोप के बीच शिक्षा मंत्री कंवर पाल ने गुरुवार को कहा कि बैराज से अतिरिक्त पानी नहीं छोड़ने से बड़ा नुकसान हो सकता है। मंत्री ने कहा, जब बाढ़ या भारी बारिश होती है तो पानी छोड़ने के अलावा कोई विकल्प नहीं होता।  बैराज में जलाशय की तरह बड़ी मात्रा में पानी जमा करने की व्यवस्था नहीं है। उन्होंने यह टिप्पणी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा केंद्रीय गृह मंत्री को लिखे पत्र में अनुरोध करने के एक दिन बाद की है। पत्र में कहा था कि यदि संभव हो तो, हरियाणा में हथिनी कुंड बैराज से पानी सीमित गति में छोड़ा जाए।

Edited,,, Meenakshi Singh

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