हरियाणा: 8वें वेतन आयोग के लाभ से 6 लाख कर्मचारी और पेंशनर्स की मौज, जानिए कितनी बढ़ेगी सैलरी
HARYANATV24: हरियाणा के करीब छह लाख नियमित कर्मचारियों और पेंशनर्स को आठवें वेतन आयोग की सिफारिशों का लाभ मिलेगा। इनमें करीब तीन लाख नियमित कर्मचारी और तीन लाख पेंशनर्स शामिल हैं।
प्रदेश के कर्मचारियों को फिलहाल सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के अंतर्गत वेतनमान और पेंशन मिल रही है। राज्य सरकार द्वारा सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करने के बाद सरकारी खजाने पर करीब साढ़े छह हजार करोड़ रुपये का वित्तीय बोझ पड़ा था।
आठवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने के बाद राज्य के सरकारी खजाने पर करीब नौ हजार करोड़ रुपये का वित्तीय बोझ पड़ने की संभावना जताई जा रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में दो दिन पहले हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में आठवें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी प्रदान की गई है।
एक जनवरी 2026 से इस वेतन आयोग की सिफारिेशें लागू होने की संभावना है। केंद्रीय कर्मचारियों पर यह सिफारिशें लागू होने के बाद राज्य सरकारें अपने-अपने राज्यों में इस वेतन आयोग के तहत कर्मचारियों को वेतनमान और पेंशन सुविधाएं देने की प्रक्रिया शुरू करेंगी।
कितने प्रतिशत होगी सैलरी में वृद्धि
वित्त विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अभी यह बताना मुश्किल है कि कर्मचारियों के वेतन और पेंशन में कितने प्रतिशत बढ़ोतरी होगी, क्योंकि अभी तक आठवां वेतन आयोग गठित नहीं हुआ और ना ही उसकी सिफारिशें सामने आई हैं।
केंद्रीय कर्मचारियों पर आठवां वेतनमान लागू होने के बाद इसे देश की 24 राज्य सरकारों द्वारा अपने यहां लागू किया जाएगा।
हर राज्य में अलग-अलग आयोग का गठन होगा। हालांकि उनकी अधिकतर सिफारिशें और वेतन व पेंशन बढ़ाने का फार्मूला केंद्रीय आयोग के फार्मूले के लगभग समान होता है, लेकिन इसमें बदलाव संभव है। इसलिए राज्य सरकारों को भी अपने यहां आठवें वेतन आयोग के गठन की अभी से तैयारी की लेनी चाहिए।
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ही राज्य का वित्त मंत्रालय संभालते हैं। पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल भी पूरे पांच साल राज्य के वित्त मंत्री रहे। इस बार का बजट मुख्यमंत्री नायब सैनी पेश करेंगे।
पवन कुमार और सुभाष लांबा का कहना है कि हरियाणा सरकार को अपने बजट में राज्य के कर्मचारियों व पेंशनर्स के लिए आठवां वेतन आयोग लागू करने की घोषणा करनी चाहिए।
हरियाणा में कैसे आता है रुपया
राज्य का अपना कर राजस्व - 44.64 प्रतिशत
गैर कर राजस्व - 4,88 प्रतिशत
अन्य प्राप्तियां - 23.95 प्रतिशत
केंद्र से मिलने वाली राशि - 12.06 प्रतिशत
उधार लिया जाने वाला पैसा - 35.47 प्रतिशत
हरियाणा सरकार का कैसे खर्च होता है रुपया
सामाजिक सेवाओं पर खर्च - 31.05 प्रतिशत
आर्थिक सेवाओं पर खर्च - 23.12 प्रतिशत
ऋणों का भुगतान करने पर खर्च होने वाली राशि - 31.17 प्रतिशत
सामान्य सेवाओं पर सरकारी खर्च राशि - 14.66 प्रतिशत
ऋणों का ब्याज देने में खर्च हो रही मोटी राशि
हरियाणा सरकार द्वारा 35.47 प्रतिशत ऋण लिया जाता है, लेकिन इसके विपरीत 31.17 प्रतिशत की वापसी होती है। इस मद में मूल राशि का भुगतान 17.93 प्रतिशत होती है, जबकि ब्याज की मद में 13.24 प्रतिशत राशि का भुगतान राज्य सरकार को करना पड़ता है।
प्रशासनिक सेवाओं यानी वेतन की मद में करीब पांच प्रतिशत बजट राशि खर्च की जाती है, जबकि पेंशन की मद में आठ प्रतिशत राशि खर्च हो रही है। हरियाणा में सातवां वेतन आयोग लागू है, लेकिन अब भी बड़ी संख्या में कर्मचारी और पेंशनर्स पांचवें और छठे वेतन आयोग के अनुसार वेतन तथा पेंशन ले रहे हैं।
सातवें वेतन आयोग के अनुसार वेतन ले रहे करीब तीन लाख कर्मचारियों और पौने तीन लाख पेंशनरों का महंगाई भत्ता पहले ही 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 53 प्रतिशत किया जा चुका है।