रेवाड़ी के बाजारों में दीपावली पर्व की रौनक छाई। बाजारों में अतिक्रमण और ऑनलाइन खरीददारी के चलते ग्राहकी पर असर।

Haryana tv24: दीपों के पर्व दीपावली के नजदीक आते ही बाजारों में रौनक बढ़ गई है।
रेवाड़ी के बाजार दीपावली के समान कैलेंडर, पूजन सामग्री आदि से सज़ गए हैं।
रेवाड़ी के मुख्य बाजार मोती चौक पर त्यौहारी सीजन में लोगों की चहल पहल बढ़ गई है।
दिवाली के त्यौहार के लिए लोगों ने खरीददारी शुरू कर दी है।
त्यौहार पर अतिक्रमण और जाम की समस्या भी बाधा बन रही है हालांकि पुलिस प्रशासन की ओर से जाम से निपटने के लिए बेरिकेडिंग की गई है।
इसमें मोती चौक गोकल गेट के एंट्री प्वाइंट पर बैरिकेड लगाकर बाजारों में बड़े वाहनों की एंट्री रोकी गई है।
त्योहार पर रौनक फीकी होने के कारण दुकानदारों में थोड़ी मायूसी है।
मोती चौक बाजार के दुकानदारों की माने तो रेवाड़ी के बाजारों में अतिक्रमण एक बड़ी समस्या है जो यहां के लोगों के लिए नासूर बन चुका है।
शहर को अतिक्रमण मुक्त बनाने के लिए ना तो प्रशासन और ना ही नगर परिषद के पास कोई प्लान है।
जिसके चलते आम दिनों में भी यहां बाजारों में जाम लगा रहता है और त्यौहारों में तो यह समस्या और भी विकराल रूप धारण कर लेती है।
बाजार के पूर्व प्रधान रमेश मित्तल, अरुण गुप्ता और अनिल दत्त शर्मा आदि का कहना है कि यहां दुकानदारों ने जरूरत से ज्यादा समान फैला रखा है निकलने का रास्ता भी नहीं होने से ग्राहक यहां आने से कतराते हैं। उन्होंने कहा कि यहां का प्रशासन भी अतिक्रमण हटवाना नहीं चाहता और नेताओं में भी इच्छा शक्ति का अभाव है।
दुकानदार अपने फायदे के लिए बाजार को घेरकर बैठे हैं। नगर परिषद की ओर से अतिक्रमण हटाने के नाम पर महज खानापूर्ति की जाती है। रमेश मित्तल ने बताया कि दीपावली हिन्दुओं का सबसे बड़ा पर्व है जिसकी तैयारी और रौनक कई दिन पहले से शुरू हो जाती हैं लेकिन रेवाड़ी के इस मेन बाजार का हाल सबके सामने है।
अतिक्रमण के कारण सड़के संकरी हो गई है जिस कारण यहां खरीददारी करना तो दूर लोग वाहन लेकर बाजार में घुसना तक मुनासिब नहीं समझते।
अरुण गुप्ता ने कहा कि बाजार में दिवाली की रौनक नाम मात्र की है त्यौहार भी सीमित हो गए है दिवाली पर बाजार में तीन दिन ही काम रहेगा।
व्यापारी अनिल दत्त शर्मा ने बताया कि अतिक्रमण के साथ ऑनलाइन मार्केटिंग ने भी व्यापार पर बहुत प्रभाव डाला है। ऑनलाइन खरीदारी के चक्कर में बाजार की रौनक फीकी होती जा रही है