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Haryana Budget: राज्यपाल ने गिनाई सरकार की उपलब्धियां, सरकारी विभागों के कर्मचारियों को कैशलेस चिकित्सा सुविधा

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Haryana Budget: राज्यपाल दत्तात्रेय ने गिनाई सरकार की उपलब्धियां

HARYANATV24: हरियाणा सरकार राज्य के सभी सरकारी विभागों के कर्मचारियों को कैशलेस स्वास्थ्य सुविधा का लाभ प्रदान करेगी। राज्य सरकार ने एक जनवरी को इसी साल सभी कर्मचारियों के लिए व्यापक कैशलेस स्वास्थ्य सुविधा योजना शुरू की थी। इसे दो सरकारी विभागों के कर्मचारियों के लिए पायलट प्रोजेक्ट के रूप में आरंभ किया गया था।

इस पायलट प्रोजेक्ट की सफलता के बाद अब सरकार ने सभी विभागों के सभी कर्मचारियों को कैशलेस स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करने का अहम निर्णय लिया है। राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने बजट अभिभाषण पेश करते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल की सरकार द्वारा कर्मचारियों के हित में किए जा रहे कार्यों की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सरकार ने कर्मचारियों को पदोन्नति के समान अवसर प्रदान करने के लिए ग्रुप डी का कॉमन कैडर बनाने का बड़ा काम किया है।

आयुष चिकित्सा प्रतिपूर्ति नीति के तहत सरकारी कर्मचारियों, पेंशनभोयों और उनके आश्रितों को आयुष चिकित्सा पद्धति के माध्यम से इलाज करवाने पर होने वाले समस्त खर्च की प्रतिपूर्ति का लाभ प्रदान करने का निर्णय सरकार ने लिया है। राज्यपाल ने सदन में जानकारी दी कि दिव्यांग महिला सरकारी कर्मचारियों को बच्चों की देखभाल के लिए 1500 रुपये प्रति बच्चा विशेष भत्ता मिलेगा। 10 वर्ष से अधिक का अनुभव रखने वाली आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और आंगनबाड़ी सहायिकाओं को मानदेय बढ़ाकर 14 हजार, 12 हजार 500 और 7500 रुपये किया जा चुका है।

चौकीदारों का मानदेय 11 हजार रुपये मासिक किया गया है। उन्हें वर्दी भत्ते के रूप में चार हजार रुपये प्रति साल तथा साइकिल भत्ते के रूप में 3500 रुपये वार्षिक मिलेंगें। गांवों में कार्यरत सफाई कर्मचारियों का मानदेय 12 हजार 500 रुपये से बढ़ाकर 14 हजार रुपये कर दिया गया है। राज्यपाल ने सदन में बताया कि हरियाणा सरकार अब इन कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं मिलने की स्थिति में 500 रुपये के हर्जाने का अलग से भुगतान करेगी।

ग्रामीण सफाई कर्मचारियों का सालाना वर्दी भत्ता 3500 रुपये से बढ़ाकर चार हजार रुपये किया गया है। मुख्यमंत्री हरियाणा कर्मचारी दुर्घटना बीमा योजना के तहत बोर्ड, निगम व शहरी निकायों में कार्यरत तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के अनुबंधित कर्मचारियों की कार्यस्थल पर मृत्यु या दिव्यांग होने पर उनके परिजनों को 10 लाख रुपये की सहायता प्रदान करने का प्रविधान किया गया है।

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