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Haryana: शीतकालीन सत्र के पहले दिन की कार्यवाही शुरू, शोक प्रस्ताव के बाद प्रश्नकाल का आगाज

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Winter Session Of Haryana Assembly

HARYANATV24: हरियाणा विधानसभा का तीन दिवसीय शीतकालीन सत्र सुबह 11 बजे शुरू हो गया। सदन में सबसे पहले शोक प्रस्ताव रखा गया। इसके बाद प्रश्न काल शुरू हुआ।  

सत्र के दौरान जबरदस्त हंगामे के आसार हैं। विपक्ष राज्य में जहरीली शराब कांड, फसल मुआवजा और बेरोजगारी के मुद्दे पर सरकार को घेरने की कोशिश करेगा। वहीं, सीएम मनोहर लाल भी विपक्ष के सवालों का सामना करने को तैयार हैं। विपक्ष ने सत्र को बढ़ाने की मांग की थी लेकिन कार्य सलाहकार समिति की बैठक में उनकी मांग सिरे नहीं चढ़ी। 

दर्शक दीर्घा में लगाए गए कैमरे, खड़े होने की नहीं होगी अनुमति 
संसद भवन में बुधवार को हुई घटना के बाद हरियाणा विधानसभा के शीतकालीन सत्र में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। इसके तहत दर्शक दीर्घा में तुरंत प्रभाव से कैमरे लगाने के आदेश जारी किए। देर रात तक कैमरे लगाने की कार्रवाई जारी रही। 

सत्र की कार्यवाही देखने के लिए आने वाले दर्शकों के पास विधायकों की अनुशंसा के बाद विधानसभा सचिवालय पास के लिए हारट्रोन के पास भेजेगा। हारट्रोन दर्शक की समुचित जानकारी कंप्यूटर में फीड कर फोटोयुक्त प्रवेश पत्र तैयार करेगा। दर्शक दीर्घा में बैठने वाले को तीन लेयर की सुरक्षा से गुजरना होगा। महिला दर्शकों की सुरक्षा चेकिंग के लिए अलग से कैबिन स्थापित किए गए हैं। 

दर्शक दीर्घा में पर्स, पैन, मोबाइल फोन, पानी की बोतल, बैल्ट, काले रंग का कपड़ा, कड़ा इत्यादि कोई भी वस्तु लेकर जाने की मनाही होगी। इतना ही नहीं वहां किसी को खड़ा होने की भी अनुमति नहीं होगी। इसके लिए सुरक्षा प्रहरियों को विशेष रूप से नियुक्त किया जा रहा है। 

सिविल सचिवालय से आने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों को भी उनके पहचान पत्र के आधार पर प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा। उन्हें विधान भवन आने के लिए विधान सभा सचिवालय की ओर से जारी प्रवेश पत्र दिखाना होगा। मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री, विधान सभा अध्यक्ष और विधान सभा उपाध्यक्ष के अलावा किसी भी मंत्री या विधायक के साथ उनके सुरक्षा कर्मचारी विधान भवन में प्रवेश नहीं करेंगे। विधान भवन में पंजाब के साथ साझा सभी 7 रास्ते भी बंद किए जा रहे हैं।

राज्य का प्रस्तावित गीत भी रखा जाएगा
हरियाणा को उसका अपना पहला राज्य गीत मिलेगा। सरकार ने विभिन्न प्रतियोगिताओं के माध्यम से 3 गीतों का चयन किया है और सदन के पटल पर तीनों गीतों को पेश किया जाएगा। मतों के आधार पर सर्वाधिक वोट मिलने वाले गीत को एक साल के लिए राज्य गीत घोषित किया जाएगा।

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