हरियाणा को अयोध्या जाने के लिए मिला 9 और 10 फरवरी का स्लॉट, इन बुजुर्गों को मिलेंगी मुफ्त यात्रा
HARYANATV24: हरियाणा के गरीब बुजुर्ग लोगों को भगवान श्रीराम के दर्शन कराने के लिए अयोध्या ले जाने हेतु चंडीगढ़ व दिल्ली समेत विभिन्न स्टेशनों से रेलगाड़ियां रवाना होंगी। हरियाणा का नंबर नौ और 10 फरवरी को आया है, जहां से लोग भगवान श्रीराम के दर्शनों के लिए अयोध्या जा सकेंगे।
मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के तहत अभी तक एक लाख 80 हजार रुपये वार्षिक तक आय वाले बुजुर्ग लोगों को मुफ्त दर्शन कराने की योजना है।
प्रदेश सरकार तीन लाख रुपये वार्षिक तक आय वाले बुजुर्गों को भी इस योजना में कवर करने पर विचार कर रही है, जिससे अधिक से अधिक बुजुर्ग लोगों को अयोध्या में भगवान श्रीराम के दर्शनों के लिए ले जाया जा सके।
22 जनवरी को राज्य में सरकार ने दीपावली की तरह दीपमाला करने का आह्वान राज्य के लोगों से किया है।
9 और 10 फरवरी का मिला हरियाणा को स्लॉट
विश्व हिंदू परिषद की ओर से अलग और राज्य सरकार की ओर से अलग तैयारी चल रही है। अयोध्या में 22 जनवरी को भगवान श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा है। उसके बाद राज्यवार अयोध्या में स्लॉट लेकर जाने को मंजूरी मिली है। हरियाणा का नंबर 9 व 10 फरवरी को पड़ा है। शुरुआती दौर में करीब दो हजार लोगों को अयोध्या ले जाने की योजना है, ताकि हर जिले से कम से कम 75-75 लोगों को कवर किया जा सके।
मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के तहत तीर्थ स्थलों पर जाने के इच्छुक बुजुर्गों के रजिस्ट्रेशन के लिए राज्य सरकार ने पोर्टल खोल दिया है। 60 साल से अधिक उम्र वाले वे सभी बुजुर्ग मुफ्त तीर्थ यात्रा कर सकेंगे, जिनकी सालाना आय 1 लाख 80 हजार रुपये से कम है।
हरियाणा सरकार की ओर से स्पेशल ट्रेन बुक करवाई जाएगी जिससे बुजुर्गों को किसी तरह की दिक्कत न आए। ट्रेन की हर बोगी में बुजुर्गों के सहयोग व देखरेख के लिए एक वालिएंटर भी मौजूद रहेंगे। एक बागी में 64 बुजुर्ग एक साथ सफर कर सकेंगे। हरियाणा को मिले स्लाट से पहले भी सरकार रामभक्तों को अयोध्या भेजने की योजना पर काम कर रही है।
मनोहर सरकार ने यह प्लान बनाया है कि चंडीगढ़ व नई दिल्ली के अलावा हरियाणा के विभिन्न रेलवे स्टेशनों से सीधे अयोध्या तक जाने वाली ट्रेन में दो विशेष बोगियां जुड़वाई जाएं, जिससे चरणबद्ध तरीके से राज्य के बुजुर्गों को रामलला के दर्शन करवाए जा सकें।
मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के तहत बुजुर्गों को आने-जाने का खर्चा सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। रुकने का प्रबंध बुजुर्गों को खुद करना होगा। हालांकि, वालिएंटर द्वारा इसमें भी उनका सहयोग किया जाएगा। परिवार पहचान-पत्र में दर्ज डाटा के हिसाब से राज्य में 25 लाख से अधिक ऐसे बुजुर्ग हैं, जिनकी सालाना आय 1 लाख 80 हजार रुपये से कम है।