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Haryana: प्रॉपर्टी कर दाताओं को सरकार ने दी बड़ी राहत, 15 नवंबर तक उठा सकेंगे विशेष लाभ

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प्रॉपर्टी कर दाताओं को सरकार ने दी बड़ी राहत, 15 नवंबर तक उठा सकेंगे विशेष लाभ

HARYANATV24: हरियाणा प्रापर्टी टैक्स देने वालों के लिए एक बार फिर राहत भरी खबर है। सरकार की ओर से अपनी संपत्ति स्व-प्रमाणित करने पर दी जाने वाली छूट की अवधि बढ़ा दी गई है। जिन्होंने यह कर अभी अदा नहीं किया, वे 15 नवंबर तक ऐसा कर सकते हैं उन्हें 15 प्रतिशत छूट का लाभ मिलेगा।

सरकार की ओर से संपत्ति स्व-प्रमाणित करने पर दी गई छूट की अवधि 15 नवंबर तक रहेगी। प्रत्येक वर्ष समय पर संपत्ति कर भरने वाले नागरिकों को इसका लाभ मिलेगा। जिन नागरिकों का कई वर्ष से संपत्ति कर बकाया है, उन्हें भी कर जमा कराने पर चालू वर्ष के बिलों पर लाभ मिलेगा।

कैसे करें प्रापर्टी आईडी स्व-प्रमाणित

अतिरिक्त आयुक्त ने बताया कि नागरिक, एनडीसी पोर्टल पर अपनी संपत्ति कर आईडी डालकर उसे स्व-प्रमाणित कर सकते हैं। जैसे ही इसमें डिटेल आएगी, उसे ध्यान से पढ़ने के बाद जो ठीक दिखाई दे, उसे येस करें। जो ठीक न हो, उसमें NO करके आपत्ति दर्ज कर दें। आपत्ति का समाधान हो जाएगा। ऐसा करके अपनी आईडी सम्बंधित नागरिक ही देख सकता है। अन्य कोई नहीं देख पाएगा।

ऑनलाइन सुविधा भी उपलब्ध

निगम के खजाने में अब तक पांच करोड़ रुपये से अधिक प्रापर्टी टैक्स जमा हो चुका है। एसेसमेंट नोटिस भी बांटे जा रहे हैं। किसी को नोटिस की प्राप्ति नहीं होती तो अपनी प्रॉपर्टी आईडी से निगम काउंटर पर या ऑनलाइन एनडीसी पोर्टल पर जानकारी लेकर उसे अदा कर सकते हैं।

संपत्ति कर को पोर्टल पर ऑनलाइन जमा करवाने की भी सुविधा है। ऐसा करने पर सम्बंधित व्यक्ति को चालू वित्त वर्ष के बिल पर एक प्रतिशत की अतिरिक्त छूट का लाभ मिलेगा।

शहर के विकास पर होता खर्च

निगम के अधीन सभी वाणिज्यिक, आवासीय एवं खाली प्लाटों के एसेसमेंट नोटिस बांटे जा रहे हैं। एक लाख 35 हजार नोटिस बांटे जा चुके हैं। एसेसमेंट नोटिस में समस्त डिटेल ठीक है तो रख लें। त्रुटि है तो ऑनलाइन आपत्ति डाल दें। समाधान किया जाएगा।

अतिरिक्त आयुक्त ने सम्पत्ति कर दाताओं से अपील कर कहा है कि वह सरकार की इस घोषणा का भरपूर लाभ उठाएं और जो संपत्ति कर देय बनता है, उसे जमा करवाएं। कर अदायगी नागरिकों का कर्तव्य भी है। संपत्ति कर और निगम के अन्य स्त्रोतों से जो धनराशि एकत्र होती है, वह शहर के विकास कार्यों पर ही खर्च कर दी जाती है।

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