हरियाणा में अब 50 फीसदी बजट खर्च कर सकेंगी पंचायतें, सरकार ने 25 लाख की सीमा हटाई
HaryanaTV24: हरियाणा सरकार ने विकास कार्यों के लिए लगाई 25 लाख रुपये की लिमिट हटा दी है। पंचायत के बजट और आमदनी की 50 फीसदी राशि अब पंचायतें अपनी मर्जी से गांवों के विकास पर खर्च कर सकेंगी।
सरकार की हरी झंडी मिलने के बाद चुनावी वर्ष में प्रदेश के 6228 ग्राम पंचायतों में तेजी से विकास होने की उम्मीद जग गई है। इसका सबसे अधिक फायदा उन बड़े गांवों को मिलेगा, जिनकी सालाना आमदनी करोड़ों में है। हालांकि सरपंचों के एक गुट ने इस राहत को नाकाफी बताया है।
हरियाणा सरकार ने सभी ग्राम पंचायतों को अपने सालाना फंड और विभिन्न मदों से प्राप्त आय की 50 फीसदी तक की राशि से तक काम कराने की मंजूरी दी है लेकिन ये काम पांच लाख रुपये से अधिक के नहीं होने चाहिए।
पांच लाख तक के कार्य बिना ई टेंडरिंग के होंगे। पंचायती राज विभाग ने अनुमति दी है कि गांवों में 50 फीसदी बजट तक के विकास कार्यों को पंचायतें करा सकते हैं। इसमें 25 लाख की लिमिट अब बाधा नहीं बनेगी।
इस संबंध में पंचायती राज तकनीकी विंग के कार्यकारी अभियंता संभव जैन ने बताया कि मौखिक तौर पर 50 फीसदी बजट के ग्राम पंचायतों द्वारा कार्य कराए जाने के निर्देश मिले हैं, जिनमें गांवों के अंदर कार्य कराने की बात कही गई है। अमर उजाला ने ये मामला उठाया था। अब सरकार ने इसे हरी झंडी दे दी है। संवाद
प्रदेश में सिर्फ 10 फीसदी ही ऐसी पंचायतें हैं, जिनकी सालाना आमदनी 50 लाख से अधिक है। अधिकांश पंचायतों की सालाना 15 से 20 लाख की आमदनी की भी नहीं हैं। एसोसिएशन सरकार के इस फैसले से खुश नहीं है। -रणबीर समैण, प्रदेश अध्यक्ष, हरियाणा सरपंच एसोसिएशन।
ग्राम पंचायतों को सालाना ग्रांट में 50 फीसदी बजट पर काम कराने की स्वतंत्रता दी गई है। इसके लिए सभी अधिकारियों को भी हिदायतें दी हैं कि वे डिमांड के अनुसार गांवों में विकास के कार्य शुरू कराएं। - देवेंद्र बबली, पंचायत मंत्री, हरियाणा।