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हरियाणा में निजी अस्पतालों की बढ़ेगी 'लूट-खसोट, अब बिना बिल भुगतान नहीं मिलेगा मृत व्यक्ति का शरीर

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अब बिना बिल भुगतान नहीं मिलेगा मृत व्यक्ति का शरीर, कानून ला रही सरकार

HARYANATV24: हरियाणा सरकार विधानसभा में एक ऐसा कानून बनाने जा रही है, जिसमें लोग अपनी मांगें मनवाने के लिए किसी भी मृत व्यक्ति के शव को सड़क पर रखकर प्रदर्शन नहीं कर सकेंगे। 

कानून के पीछे सरकार की सोच है कि व्यक्ति के मरने के बाद जहां उसके शरीर की कई दिनों तक दुर्गति होती है, वहीं मार्ग बाधित रहने से सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन होने के साथ ही लोगों को आने-जाने में परेशानी होती है। राजस्थान में पहले से मृत शरीर सम्मान कानून लागू है।

हरियाणा सरकार इसी कानून में यह प्रविधान करने जा रही है कि निजी अस्पतालों में इलाज के दौरान यदि किसी व्यक्ति की मृत्यु हो गई तो इलाज का पूरा बिल चुकता किए बिना परिजनों को शव नहीं मिलेगा। प्रदेश सरकार ने यह प्रविधान राज्य के निजी अस्पताल संचालकों के दबाव में किया है।

संबंधित कानून के ड्राफ्ट में आरंभ में जो प्रविधान डाला गया था, उसके मुताबिक निजी अस्पताल संचालक किसी भी मृत व्यक्ति का शव अपने पास नहीं रख सकते, भले ही उसके परिजनों के पास इलाज के बिल का भुगतान करने के लिए पैसे नहीं हैं। निजी अस्पताल संचालकों ने इस प्रविधान का कड़ा विरोध किया।

राज्य के निजी अस्पताल संचालक स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज से मिले। अनिल विज आरंभ में इस हक में बिल्कुल भी नहीं थे कि वे निजी अस्पताल संचालकों की बात को मानें, लेकिन बार-बार की मीटिंग और दबाव के चलते पुराने प्रविधानों को हटा दिया गया। नए प्रविधानों में निजी अस्पताल संचालकों की मांग व सोच के अनुरूप यह व्यवस्था कर दी गई कि यदि मृत व्यक्ति के परिजन बिल का भुगतान नहीं करेंगे तो उन्हें शव नहीं सौंपा जाएगा।

इस प्रविधान से प्रदेश की समाजसेवी संस्थाओं और लोगों में नाराजगी है। उनका कहना है कि निजी अस्पताल संचालक पहले ही लोगों को लूटने में लगे रहते हैं। अब उन्हें मरीजों का इलाज करने के नाम पर अनाप-शनाप बिल बनाने तथा मरीज की मृत्यु होने की स्थिति में बिल का भुगतान नहीं करने पर परिजनों को शव नहीं सौंपने की कानूनन आजादी मिल जाएगी। यह स्थिति गरीब लोगों के लिए बहुत ही कष्टदायी होगी, जिस पर हरियाणा सरकार को विचार करना चाहिए।

शव रख कर प्रदर्शन करने पर लगेगा जुर्माना

कानून में प्रविधान किया जा रहा है कि अगर शव के साथ कोई प्रदर्शन करता है तो प्रदर्शन में शामिल सभी लोगों पर मुकदमा चलाया जाएगा। दोष साबित होने पर एक साल तक की कैद और 50 हजार रुपये तक का जुर्माने लगाया जा सकता है।

परिवार नहीं माना तो करेंगे अंतिन संस्कार

प्रदर्शनकारियों से शव को कब्जे में लेकर प्रशासन की ओर से अंतिम संस्कार कराया जाएगा। हालांकि अंतिम संस्कार के लिए पहले परिजनों को मनाने की कोशिश होगी और उनकी सहमति के बाद ही शव का अंतिम संस्कार किया जाएगा।

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