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देश भर से ट्रांसफर होकर हरियाणा के सरकारी स्कूलों में आ सकेंगे शिक्षक, लागू हुई राष्ट्रीय शिक्षा नीति

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देश भर से ट्रांसफर होकर आ सकेंगे शिक्षक

HARYANATV24: शिक्षकों की आनलाइन ट्रांसफर पॉलिसी को हरियाणा सरकार पूरे देश में लागू करेगी। ऐसा होने के बाद देश भर से शिक्षक हरियाणा में स्थानांतरित होकर आ सकेंगे।

हरियाणा में लागू हुई राष्ट्रीय शिक्षा नीति

देश के बाकी राज्यों से पहले हरियाणा में राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू कर चुकी मनोहर सरकार राज्य की शिक्षा प्रणाली में आमूल-चूल परिवर्तन भी करने जा रही है। 2025 के बाद राज्य में 12वीं क्लास के बाद चार वर्षीय बीएड पाठ्यक्रम की शुरुआत होगी। इस पाठ्यक्रम में स्नातक और बीएड की उपाधि समेकित रूप से प्रदान की जाएगी।

इसके बाद सभी डिग्रीधारकों को एचटीईटी उत्तीर्ण कर लेने के बाद उनकी भर्ती शिक्षक के तौर पर राज्य सरकार के स्कूलों में हो सकेगी। साथ ही जीजेयू हिसार और दीनबंधु छोटू राम यूनिवर्सिटी मुरथल में हिंदी में यूजी लेवल पर इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे।

केंद्र सरकार की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को मनोहर सरकार अपने यहां लागू कर चुकी है। वर्ष 2025 तक यह पूरे प्रदेश में लागू हो जाएगी। नई शिक्षा नीति के माध्यम से सरकार प्राथमिक से उच्च शिक्षा तक विद्यार्थियों के प्रतिभा स्तर को ऊंचा ले जाना है। नई शिक्षा नीति 2020 के तहत राज्य के चार हजार आंगनबाडी केंद्रों को प्ले-वे स्कूलों में अप्रग्रेड किया गया है।

सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में खेल आधारित शिक्षण प्रणाली के साथ ही संवाद आधारित अध्ययन अध्यापन पर सरकार का पूरा फोकस है। वर्ष 2025 तक इन सुविधाओं को प्रदेश के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में अनिवार्य रूप से लागू किया जाएगा।

1415 क्लस्टर विद्यालयों की हुई स्थापना

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत ही राज्य में 1419 प्राथमिक संस्कृति माडल विद्यालय स्थापित किए गए हैं। इनमें से कुल 147 माडल स्कूलों में सीबीएसइ बोर्ड के पाठ्यक्रम के अनुरूप छात्रों को अध्ययन की सुविधा प्रदान की गई है। साथ ही राज्य में 1415 क्लस्टर विद्यालयों की स्थापना की गई है।

चूंकि नई शिक्षा नीति में विज्ञान की शिक्षा पर विशेष जोर दिया गया है, इसलिए इन क्लस्टर स्कूलों में विशेष रूप से साइंस की शिक्षा प्रदान की जाएगी।

आइटीआई और तकनीकी डिप्लोमा कोर्स भी हिंदी में होंगे संचालित

उच्च शिक्षा के महत्व को देखते हुए सरकार नए कालेजों और विश्वविद्यालयों की स्थापना पर जोर दे रही है। प्रदेश में कुल 1240 कालेज और विश्वविद्यालय हैं। सरकार ने नौ वर्षों में 77 नए कालेजों और 14 नये विश्वविद्यालयों की स्थापना की है। तीन विश्वविद्यालयों में हिंदी भाषा में बीटेक पाठ्यक्रम शुरू किया जा चुका है। राज्य के तकनीकि शिक्षण संस्थानों में संचालित होने वाले इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम अब हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में पढ़ाए जाएंगे।

जेसीबी, वाइएमसीए यूनिवर्सिटी फरीदाबाद में पहली बार क्षेत्रीय भाषा यानी हिंदी में यूजी लेवल पर मैकेनिकल और कंप्यूटर साइंस में दो इंजीनियरिंग कोर्स भी शुरू किया जा चुके हैं। प्रदेश के सभी आइटीआई और तकनीकी डिप्लोमा कोर्सेज को भी हिंदी में संचालित करने पर सरकार विचार कर रही है।

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