Haryana: HC ने स्वयंभू संत रामपाल की जमानत याचिका खारिज की, कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी भी की

HARYANATV24: स्वयंभू संत राम पाल की जमानत याचिका पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने को खारिज कर दी। जिस पर 2014 में सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने के प्रयास का मामला दर्ज किया गया था। हाई कोर्ट द्वारा जारी 18 पेज के आदेश में कहा गया है कि केवल लंबी अवधि तक हिरासत में रहने के आधार पर जमानत नहीं दी जा सकती।
कथित तौर पर रामपाल ने गिरफ्तारी का विरोध करने के लिए अपने आश्रम के सामने भक्तों की भारी भीड़ इकट्ठा की थी व भक्तों को मानव ढाल के लिए प्रयोग किया।
जस्टिस जीएस संधावालिया और जस्टिस आलोक जैन की पीठ अपने आदेश में कहा कि राम पाल को बड़ी मुश्किल से गिरफ्तार किया गया था और उसकी लंबी हिरासत अकेले उसे जमानत का हकदार नहीं बनाती है।
खंडपीठ ने कहा बड़ी मुश्किल से गिरफ़्तारी वारंटों को क्रियान्वित किया गया, जिसके लिए आश्रम में एकत्रित महिलाओं और एक बच्चे के निर्दोष जीवन की बहुमूल्य कीमत चुकानी पड़ी, जिन्हें मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा था। ऐसी परिस्थितियों में हम हमारी राय है कि केवल लंबी हिरासत के कारण याचिकाकर्ता नियमित जमानत के लाभ का हकदार नहीं है।
गौरतलब है कि गिरफ्तारी के बाद से राम पाल ने आठ साल, आठ महीने और 25 दिन से अधिक समय जेल में बिताया है।यह 2014 के मामले में नियमित जमानत की मांग करते हुए उनके द्वारा दायर की गई दूसरी जमानत याचिका है।
उन पर शस्त्र अधिनियम और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान की रोकथाम अधिनियम के तहत कई धाराओं के तहत आरोप लगाया गया है। 2014 में जब पुलिस अन्य मामले में राम पाल को गिरफ्तार करने गई तो उसने अपनी गिरफ्तारी का विरोध करने के लिए महिलाओं और बच्चों सहित बड़ी संख्या में भक्तों को इकट्ठा किया।
पीठ ने कहा कि उसे पहले ही दो अलग-अलग आरोपों में हत्या का दोषी ठहराया जा चुका है। कोर्ट ने यह भी कहा कि रामपाल ने कथित तौर पर राज्य के खिलाफ युद्ध छेड़ने का भी प्रयास किया था और महिलाओं और बच्चों की आड़ में पुलिस पार्टी पर हमला करने के आपराधिक इरादे को दिखाने के लिए पेट्रोल बम बरामद किए गए हैं। नतीजतन, जमानत अर्जी खारिज की जाती है।