Haryana: HSSC की 4th Class की परीक्षा का रिजल्ट जारी, इतने युवाओं ने किया क्वालीफाई, इतने हजार पदों पर होगी भर्ती
![HSSC की Group D Exam का रिजल्ट जारी, इतने हजार पदों पर होगी भर्ती](https://haryanatv24.com/static/c1e/client/108883/uploaded/03a245dd7fe0e31c818e77c1e6ec9555.png)
HARYANATV24: हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने चतुर्थ श्रेणी के 13 हजार 657 पदों के लिए 21 और 22 अक्टूबर को आयोजित सामान्य पात्रता परीक्षा का स्कोर जारी कर दिया है। आयोग ने शुक्रवार देर रात रिजल्ट देखने के लिए लिंक भी जारी कर दिया।
अब अभ्यर्थियों से उनकी पसंद के पद और विभाग पूछे जाएंगे। विकल्प भरे जाने के बाद मेरिट के आधार पर चयन सूची जारी की जाएगी। सीईटी में चार लाख दस हजार से अधिक युवा पास हुए हैं।
इनमें से जनरल कैटेगरी के दो लाख 60 हजार से अधिक उम्मीदवारों ने न्यूनतम 50 प्रतिशत से ज्यादा अंक हासिल किए हैं, जबकि आरक्षित श्रेणी के लगभग डेढ़ लाख युवाओं ने न्यूनतम 40 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त किए हैं।
हालांकि आयोग ने जब भर्ती विज्ञापन निकाला था तो ग्रुप डी के 13 हजार 657 पद विज्ञापित किए गए थे जिनमें 13 हजार 104 पद कामन काडर और 553 पद अन्य बोर्ड-निगमों के हैं।
अब करीब 14 हजार पद भरे जाएंगे। चूंकि सीईटी स्कोर के आधार पर ही बिना साक्षात्कार के भर्ती होगी, इसलिए अब उम्मीदवारों से विकल्प मांगे जाएंगे।
एचएसएससी चेयरमैन भोपाल सिंह खदरी के मुताबिक ग्रुप-डी की भर्ती परीक्षा के लिए 13 लाख 84 हजार युवाओं ने पंजीकरण कराया था, जिनमें से आठ लाख 55 हजार 221 ने परीक्षा दी थी। पदों की तुलना में तीन गुणा यानी 40 हजार से अधिक युवाओं से पूछा जाएगा कि वे किस विभाग में कौन सा पद चाहते हैं।
इसके लिए विभागों के रिक्त पदों को विज्ञापित किया जाएगा। मुख्य सचिव की ओर से पहले ही सभी विभागों को पत्र लिखकर खाली पदों का ब्योरा मांगा जा चुका है और इन पदों की संख्या हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के पास पहुंच चुकी है।
एक सप्ताह के लिए खुलेगा पोर्टल
ग्रुप डी के पदों के लिए एक पोर्टल तैयार किया गया है जिस पर सीईटी की मेरिट में रहे युवाओं से उनकी पसंद के विभाग या पद पूछे जाएंगे। उन्हें इस पोर्टल पर आवेदन करना होगा। यह पोर्टल एक सप्ताह के लिए खोला जाएगा। विज्ञापित 13 हजार 657 पदों में से 5875 पद अनारक्षित, 2730 पद अनुसूचित जाति, 2183 पद पिछड़ा वर्ग-ए, 1504 पद पिछड़ा वर्ग-बी और 1368 पद आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए हैं।