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Haryana: निम्न आय वर्ग के मकान होंगे महंगे, आवंटन दर 20 फीसदी बढ़ी, जानिए- कैबिनेट के अन्य फैसले

हरियाणा सरकार ने किफायती आवास योजना (एजीएच) के मकानों की कीमतों में वृद्धि कर दी है। इससे राज्य सरकार की ओर से निम्न आय वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लोगों को दिए जाने वाले सस्ते मकान महंगे हो जाएंगे। हरियाणा मंत्रिमंडल ने शनिवार को किफायती आवास नीति के संशोधन को मंजूरी दे दी है। इसके अनुसार हरियाणा
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Haryana: निम्न आय वर्ग के मकान होंगे महंगे, आवंटन दर 20 फीसदी बढ़ी, जानिए- कैबिनेट के अन्य फैसले

हरियाणा सरकार ने किफायती आवास योजना (एजीएच) के मकानों की कीमतों में वृद्धि कर दी है। इससे राज्य सरकार की ओर से निम्न आय वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लोगों को दिए जाने वाले सस्ते मकान महंगे हो जाएंगे। हरियाणा मंत्रिमंडल ने शनिवार को किफायती आवास नीति के संशोधन को मंजूरी दे दी है। इसके अनुसार हरियाणा में एजीएच परियोजनाओं के तहत अपार्टमेंट इकाइयों के लिए आवंटन दरों में पिछली दरों से औसतन 20 प्रतिशत की वृद्धि की गई है।

शुक्रवार शाम सचिवालय में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में सरकार ने निम्न आय वर्ग के लिए बनाए जाने वाले फ्लैट की कीमतें बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। इसके तहत हाइपर और हाई पोटेंशियल जोन (गुरुग्राम, फरीदाबाद, पंचकूला, पिंजौर-कालका) के लिए निर्धारित दरों में कारपेट एरिया पर 800 रुपये प्रति वर्ग फुट की वृद्धि की गई है। इससे इन शहरों में अब आवंटन दर कारपेट एरिया के आधार पर 5 हजार रुपये प्रति वर्ग फुट हो गया है।

उच्च और मध्यम क्षमता वाले शहरों के लिए कारपेट एरिया पर 700 रुपये प्रति वर्ग फुट की बढ़ोतरी की गई है। इससे अब अधिकतम आवंटन दर प्रति वर्ग फुट 4500 रुपये प्रति वर्ग फुट हो गया है। यह दर पहले 3800 रुपये प्रति वर्ग फुट थी। इसके अलावा कम क्षमता वाले शहरों के लिए कारपेट एरिया पर 600 रुपये प्रति वर्ग फुट की बढ़ोतरी की गई है। अब अधिकतम आवंटन दर कारपेट एरिया के आधार पर 3800 रुपये प्रति वर्ग फुट हो गया है, जो पहले 3200 रुपये प्रति वर्ग फुट था।

बालकनी की दरों में 200 रुपये वर्ग फुट की बढ़ोतरी

मंत्रिमंडल के संशोधन के बाद बालकनी की दरों में भी 200 रुपये वर्ग फीट की बढ़ोतरी की गई है, जिससे नई कीमतें अब 1200 रुपये प्रति वर्ग फुट हो गई हैं, जो पहले 1000 रुपये वर्ग फुट थी। यह दरें उन सभी लाइसेंसों पर लागू की जाएंगी, जिनका आवंटन होना बाकी है। किफायती आवास नीति को विभाग ने 19 अगस्त 2013 को अधिसूचित किया था। इस नीति का उद्देश्य सस्ते ग्रुप हाउसिंग परियोजनाओं को बढ़ावा देना था, ताकि जरूरतमंदों को छत मुहैया करवाया जा सके।

बिल्डर काफी समय से कर रहे थे मांग

किफायती फ्लैट का निर्माण सरकार के निर्देश पर बिल्डर करते हैं। निर्माण पूरा होने के बाद सरकार निम्न आय वर्ग के पात्रों को घरों की चाबी सौंपती है, लेकिन निर्माण लागत बढ़ने से बिल्डर फ्लैट बनाने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे थे। बिल्डर काफी समय से दरें बढ़ाने की मांग कर रहे थे।

अविवाहितों व विधुरों की पेंशन योजना को मंजूरी

मंत्रिमंडल की बैठक में विधुरों और अविवाहित पुरुषों और महिलाओं को वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाने की मंजूरी प्रदान की है। मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को इस योजना की घोषणा की थी। इस योजना के तहत 45 से 60 वर्ष की आयु के अविवाहित पुरुषों और महिलाओं को 2750 रुपये मासिक वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। लाभार्थी के परिवार की वार्षिक आय 1.80 लाख रुपये से कम होनी चाहिए। इसके अलावा वे विधुर जिनकी आयु 40 वर्ष हो गई है तथा वार्षिक आय 3 लाख रुपये से कम होगी, वे भी पेंशन लाभ लेने के पात्र होंगे। यह योजना 1 जुलाई, 2023 से लागू होगी।

मानेसर औद्योगिक मॉडल टाउनशिप का होगा विस्तार, नो लिटिगेशन पॉलिसी-2023 मंजूर

हरियाणा मंत्रिमंडल की बैठक में गुरुग्राम की मानेसर तहसील के कासन, कुकरोला और सेहरावां गांवों की राजस्व संपदा में मानेसर औद्योगिक मॉडल टाउनशिप विस्तार के लिए नो लिटिगेशन पॉलिसी-2023 को मंजूरी दे दी है। इस नीति का उद्देश्य विकास को तेजी से आगे बढ़ाना और भूमि मालिकों को विकास प्रक्रिया में भागीदार बनाना है। साथ ही यह सुनिश्चित करना है कि किसानों को उचित लाभ मिले, जो भूमि मालिक नो लिटिगेशन पॉलिसी 2023 के तहत विकल्प नहीं चुनते हैं, वे भूमि मालिकों के लिए पुनर्वास और पुनर्स्थापन और भूमि अधिग्रहण विस्थापित नीति के तहत लाभ के लिए पात्र होंगे।

राज्य सरकार ने मानेसर औद्योगिक मॉडल टाउनशिप विस्तार के विकास के उद्देश्य से 10 जनवरी, 2011 को गुरुग्राम की मानेसर तहसील के गांवों कासन, कुकरोला और सेहरावां में लगभग 1810 एकड़ जमीन को अधिसूचित किया था लेकिन 2011 में शुरू किए गए अधिग्रहणों पर भूमि मालिकों के बीच असंतोष था। यह मामला अदालत में चला गया। बाद में प्रभावित भूमि मालिकों की सरकार के साथ हुई बातचीत के बाद भूस्वामियों के पुनर्वास के लिए एक विशिष्ट नीति तैयार की गई है।

इस योजना का लाभ

नो लिटिगेशन पॉलिसी-2023 के मुताबिक एक एकड़ भूमि के बदले 1000 वर्गमीटर विकसित जमीन मिलेगी। जमीन मालिकों को इसकी अधिसूचना और पोर्टल लांच से 6 महीने की अवधि के भीतर योजना का विकल्प चुनने का अधिकार होगा। जमीन मालिकों को तत्काल लाभ सुनिश्चित करने के लिए 3 महीने की अवधि के भीतर जमीन मालिकों के आवंटन हिस्से के आधार पर आवासीय या औद्योगिक क्षेत्र को विकसित करने का आश्वासन देते हुए भूमि पात्रता प्रमाण पत्र जारी कर सकता है।

जमीन मालिकों या भूमि पात्रता प्रमाण पत्र धारकों को भूमि पात्रता प्रमाण पत्र का व्यापार करने, खरीदने या बेचने की स्वतंत्रता होगी। इसका मतलब यह है कि भूमि मालिक खुले बाजार में प्रमाणपत्र का मुद्रीकरण कर सकता है या एचएसआईआईडीसी को वापस बेच सकता है। इस प्रमाणपत्र को किसी भी बैंक या वित्तीय संस्थान में स्थानांतरित या गिरवी रखा जा सकता है।

Edited,,, Meenakshi Singh

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