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पर्यटकों की पसंद बन रहा हरियाणा का यमुनानगर, प्राकृतिक सुंदरता और वन्यजीव मोह लेंगे आपका दिल

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पर्यटकों के लिए बेहद खास बनता जा रहा यमुनानगर

HARYANATV24: हरियाणा का यमुनानगर अब पर्यटक स्‍थल के तौर पर भी उभर रहा है। यहां पर परिवार के साथ सुंदर प्राकृतिक नजारे का आनंद लिया जा सकता है। यह धार्मिक पर्यटन की दृष्टि से भी विशेष महत्‍व रखता है।

इन दिनों हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड व हिमाचल प्रदेश की सीमा पर हथनीकुंड बैराज पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। आठ नवंबर को हरियाणा के सीएम मनोहर लाल ने यहां 'वाटर बोट एवं बोटिंग बाइक' की शुरुआत की थी। यह पर्यटकों को काफी लुभा रहा है, इसके अलावा यहां काफी रोमांचित करने वाले और जानकारी से लबरेज कई पर्यटन स्थल हैं। वहां पहुंचना भी आसान है

हथनीकुंड बैराज हरियाणा के अलावा दिल्ली और उत्‍तर प्रदेश के लोगों की प्यास बुझाता है। पहाड़ियों के बीच स्थित धार्मिक स्‍थल आदिबद्री आस्था के साथ प्राकृतिक सुंदरता से ओतप्रोत है। आप कलेसर नेशनल पार्क, वाइल्ड लाइफ सेंक्चुरी पार्क, ताऊ देवी लाल हर्बल पार्क में दुर्लभ जड़ी बूटियों का खजाना भी देख सकते हैं।

यमुना नदी पर बने हथनीकुंड बैराज का उद्घाटन 9 जुलाई 1999 को तत्‍कालीन मुख्यमंत्री चौधरी बंसीलाल ने किया था। बैराज में 18 गेट हैं, इनमें 15 गेट हरियाणा और तीन उत्तर प्रदेश की सीमा में पड़ते हैं। मानसून के अलावा सालभर सैलानी यहां का शानदार नजारा देखने आते हैं। इसके नजदीक अंग्रेजों के समय में बनाया गया ताजेवाला हेड वर्क्स था, जो 128 वर्ष तक अपनी सेवाएं देता रहा। बाद में यह बाढ़ में बह गया।

इस जंगल में सागवान के अधिक पेड़ होने के कारण वर्षभर यह हरा भरा रहता है। पूरा पार्क जैव विविधता, गुफाओं के साथ वन, खैर के पेड़, घास जंगली जानवरों के लिए अनुकूल है। घने जंगल में तेंदुए, सांभर, चीतल, बार्किंग डियर, गोरल, हिरण, नील गाय, नील बैल, जंगली सुअर, जंगली मुर्गा बड़ी संख्या में हैं। राजाजी नेशनल पार्क से हाथियों का झुंड भी कलेसर में आता रहता है। 113 साल बाद इस जंगल में चीता भी देखा गया।

ताऊ देवी लाल हर्बल पार्क 184 एकड़ जमीन पर फैला है। इसमें 350 से ज्यादा तरह की दुर्लभ जड़ी बूटियों का संग्रह किया गया है। दूर-दूर से विशेषज्ञ यहां आकर रिसर्च करते हैं। इसके अलावा घर के लिए भी पौधे ले जा सकते हैं। हर्बल पार्क की खासियत यह है कि यहां पर पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम भी आ चुके हैं।

प्राचीन श्रीकेदारनाथ मंदिर, श्रीआदिबद्री नारायण मंदिर की बड़ी धार्मिक महत्ता है। 1800 फीट की ऊंचाई पर पहाड़ी की चोटी पर देश का एकमात्र माता मंत्रा देवी का मंदिर हैं। मंदिर में पहुंचने के लिए सीढ़ियों व पहाड़ियों के बीच होते हुए रास्ता जाता है। इसके अलावा पांवटा नेशनल हाइवे पर गांव कलेसर में यमुना नदी किनारे श्रीकालेश्‍वर महादेव मठ है। इससे श्रद्धालुओं की गहरी आस्था जुड़ी है।

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