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जानिए 'शव सम्मान विधेयक' के बारे में, जिसे कैबिनेट बैठक में मिली स्वीकृति

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आखिर क्या है 'शव सम्मान विधेयक'

HARYANATV24: हरियाणा में सीएम मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। इस बैठक में शव सम्मान विधेयक के मामले पर भी चर्चा हुई, इसको लेकर बैठक में विधेयक को स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। तो आइए जानते हैं कि आखिर शव सम्मान विधेयक क्या है और इसमें कितनी सजा का प्रावधान है।

हरियाणा सरकार एक ऐसा कानून बनाने वाली है, जिसके बाद लोग अपनी मांगों को मनवाने के लिए शव को सड़क पर रखकर प्रदर्शन नहीं कर पाएंगे। इसके साथ ही निजी अस्पतालों का बिल भुगतान किए बिना परिजन मृतक के शव को नहीं ले सकेंगे।

इसके पीछे सरकार की मंशा है कि लोग शवों को कई दिनों तक रखकर प्रदर्शन करते हैं, जिससे शव की दुर्गति होती है। वहीं, रास्ता जाम करके लोग सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना भी करते हैं।

कानून के प्रारंभ में जो ड्राफ्ट डाला गया था उसमें ये कहा गया कि निजी अस्पताल या संचालक किसी भी परिस्थिति में किसी मृत व्यक्ति का शव नहीं रख सकते हैं भले ही उसके पास भुगतान करने के पैसे न हों। लेकिन, निजी अस्पतालों की बैठक और दवाब के बाद इसमें बदलाव किया गया, जिसके बाद ये नियम किया गया कि मृत व्यक्ति के परिजन बिना भुगतान किए शव को अपने साथ नहीं ले सकते हैं। हालांकि, इसका समाजसेवियों ने विरोध किया उन्होंने कहा कि इससे निजी अस्पताल अपनी मनमर्जियां चलाएंगे।

शव रखकर प्रदर्शन करने पर प्रदर्शनकारियों से शव कब्जे में लेकर परिजनों की उपस्थिति में प्रशासन अंतिम संस्कार करवाएगा। हालांकि, परिजनों को पहले प्रशासन की तरफ से मनाया जाएगा।

शव सम्मान विधेयक में ये प्रावधान लाया जा रहा है कि अगर शव रखकर कोई प्रदर्शन करता है तो सभी लोगों पर मुकदमा चलाया जाएगा। साथ ही दोष सिद्ध होने पर एक साल की कैद और 50 हजार रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है।

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