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हरियाणा CMO में बड़ा फेरबदल, राजेश खुल्लर 17 विभागों के साथ सीएमओ के बने ओवरआल इंचार्ज

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राजेश खुल्लर की बढ़ी पावर; 17 विभागों के साथ सीएमओ के बने ओवरआल इंचार्ज

HARYANATV24: लोक सभा चुनावों से पहले हरियाणा सरकार मजबूत रणनीतियों पर काम कर रही है। चुनावों से कुछ ही समय पहले हरियाणा सीएमओ कार्यालय में बड़ा फेरबदल हुआ है। हरियाणा सरकार ने राजेश खुल्लर की पावर बढ़ गई है। 

सीएमओ के अधिकारियों के कार्य में बदलाव किया है। मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर सबसे पावरफुल पहले भी थे और आगे भी रहेंगे। मुख्यमंत्री कार्यालय में तैनात अधिकारियों के विभागों में बदलाव करने के साथ उन्हें नई जिम्मेदारियां दी गई हैं।

अभी हाल ही में मुख्यमंत्री कार्यालय का हिस्सा बनी आईएएस आशिमा बराड़ा के पास सीएम के मुख्य प्रधान सचिव के बाद सबसे ज्यादा विभाग हैं। मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वी उमाशंकर वित्त और प्लानिंग विभागों का जिम्मा संभालेंगे। मुख्यमंत्री कार्यालय में आवंटित विभागों में मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर के पास 17 विभागों का काम रहेगा। इसके अलावा राजेश खुल्लर मुख्यमंत्री कार्यालय के ओवरआल इंचार्ज होंगे।

मुख्यमंत्री कार्यालय की स्थापना शाखा के साथ जो विभाग किसी अधिकारी को आवंटित नहीं किए गए हैं, उन्हें भी खुल्लर ही देखेंगे। मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वी उमाशंकर वित्त और प्लानिंग तथा माइनिंग और ट्रासंपोर्ट सहित 10 विभागों का कामकाज देखेंगे।

डॉ. अमित अग्रवाल को दिए गए नौ विभाग 

मुख्यमंत्री के सिंचाई सलाहकार देवेंद्र सिंह सीएम घोषणाओं और क्रियान्वयन को तेजी देंगे। सीएम के अतिरिक्त प्रधान सचिव डॉ. अमित अग्रवाल को नौ विभाग दिए गए हैं। मुख्यमंत्री के ओएसडी भूपेश्वर दयाल को शिकायत और सीएम विंडो का जिम्मा सौंपा गया है।

सीएम के ओएसडी सुधांशु गौतम देखेंगे ये कामकाज 

सीएम के ओएसडी सुधांशु गौतम ट्रांसफर और हाउस अलॉटमेंट का कामकाज देखेंगे। सुधांशु गौतम को सरकारी मकान का आवंटन (टाइप-वी, पंचकूला को छोड़कर) सीएम घोषणाएं, सीएम राहत कोष, एचआरडीएफ और अन्य मंजूरी, एचआरएमएस और आनलाइन ट्रांसफर नीति के अलावा वक्फ बोर्ड का कामकाज दिया गया है।

इन विभागों को देखेंगे खुल्लर

मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर को आवंटित विभाग मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर को 17 विभाग आवंटित किए गए हैं। उनके पास विधायी कार्य से संबंधित सभी मामले, जिसमें मंत्रिपरिषद के समक्ष लिए गए विधायी प्रस्ताव और अध्यादेश, संसदीय मामले, कानून और विधान जारी करना शामिल है, संचालित रहेंगे।

उनके पास वास्तुकला, न्याय प्रशासन नागरिक संसाधन सूचना, उत्पाद शुल्क और कराधान, ऊर्जा, विदेशी सहयोग, सामान्य प्रशासन, कार्मिक एवं प्रशिक्षण व आतिथ्य एवं सतर्कता, गृह व आपराधिक जांच, उद्योग एवं वाणिज्य, सूचना, जनसंपर्क, भाषा और संस्कृति, जेल, सार्वजनिक स्वास्थ्य अभियांत्रिकी, लोक निर्माण (बीएंडआर), पुनर्वास, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन, टाउन एंड कंट्री प्लानिंग और शहरी संपदा विभागों का काम भी होगा।

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