सूरजकुंड हस्तशिल्प मेला: अयोध्या नगरी के बिखरेंगे विविध रंग, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु करेंगी उद्घाटन
HARYANATV24: 2 से 18 फरवरी तक लगने वाले 37वें सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेले में अयोध्या नगरी के विविध रंग देखने को मिलेंगे। सूरजकुंड मेला प्रशासन हस्तशिल्प कला के साथ-साथ धर्म-संस्कृति व देशभक्ति की खुशबू से मेला परिसर सराबोर करने की तैयारी कर रहा है। रामलला के विग्रह की प्रतिमा प्राण प्रतिष्ठा के बाद वैसे भी देश-विदेश में राम नाम की गूंज बढ़ गई है।
मेला प्रशासन 22 जनवरी को अयोध्या में हुए भव्य समारोह से विभोर हुए लोगों को अपने साथ जोड़े रखना चाहता है। इसके लिए भगवान रामजी की महिमा से जुड़े कार्यक्रमों की मुख्य चौपाल पर प्रस्तुति दी जाएगी। प्रतिदिन होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों की कड़ी में अयोध्या नगरी छाई रहेगी।
हरियाणा पर्यटन निगम की ओर से हर वर्ष राजस्थान से बहरूपियों को भी आमंत्रित किया जाता है। इस बार मेले में अलग-अलग देवी-देवताओं में रूप में कलाकार आकर्षण का केंद्र बनेंगे।
सूरजकुंड मेले में इस बार ऐसे शिल्पियों को आमंत्रित किया गया है, जो रामायण व महाभारत के अलग-अलग पात्रों के मुखौटे बनाते हैं। रंगमंच से जुड़े कलाकार और रामलीला कमेटी के पदाधिकारी इन मुखौटों की जमकर खरीदारी करेंगे, ऐसा मेला अधिकारियों का मानना है।
मेले का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपद्री मुर्मु करेंगी। मेले में पार्टनर कंट्री तंजानिया तथा थीम स्टेट गुजरात रहेगा। पहली बार मेले का कल्चरल थीम स्टेट भी बनाया गया है। हरियाणा पर्यटन निगम की ओर से पूर्वोत्तर राज्यों को कल्चरल थीम स्टेट के रूप में जोड़ा गया है।
इनमें असम, अरुणाचल, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड, त्रिपुरा और सिक्किम शामिल हैं। इन राज्यों के कलाकारों और हस्तशिल्पियों को अपनी कला के प्रदर्शन का अवसर मिलेगा। खास बात यह है कि असम के शिल्पी बांस से मुखौटा बनाने में माहिर हैं। अरुणाचल की लकड़ी पर नक्काशी कला पुरानी परंपरा है। यहां की जनजातियों द्वारा पारंपरिक लकड़ी की आकृतियों को चित्रित किया जाता है।