यमुनानगर में खुलेगी देश की पहली लैब, अब लकड़ी के फर्नीचर पर ISI मार्क लगाने की तैयारी
HARYANATV24: फर्नीचर आईएसआई के सभी मानक पूरे करता है या नहीं इसके टेस्ट के लिए देश की पहली लैब यमुनानगर में खोलने की तैयारी की जा रही है। आईएसआई मार्क होने से लोगों को अच्छी क्वालिटी का फर्नीचर मिल सकेगा।
हरियाणा वन विकास निगम लिमिटेड की तरफ से लैब का भवन बनाने के लिए बोर्ड ऑफ डायरेक्टर को प्रस्ताव भेजा गया है। वहां से मंजूरी मिलते ही लैब बनाने का काम भी शुरू हो जाएगा। फिलहाल प्लाई व सनमाइका पर ही आईएसआई का मार्क लगता है।
जानकारी के अनुसार यदि बाजार से यदि कोई कुर्सी, मेज, बेड, सोफा सेट, अलमारी या लकड़ी से बना कोई भी सामान खरीदते हैं तो उस पर आईएसआई का मार्क नहीं होता। दुकानदार या फैक्टरी संचालक कीकर, शीशम, सांगवान या डेंक की लकड़ी से निर्मित बताकर लोगों को घटिया क्वालिटी का फर्नीचर बेच देते हैं।
बाद में फर्नीचर जल्दी खराब हो जाता है और लोगों को हजारों रुपये का नुकसान होता है। ऐसे में यदि आईएसआई मार्क लगा होगा तो लोगों को अच्छी क्वालिटी का फर्नीचर मिल सकेगा।
किसी प्रोडक्ट पर आईएसआई मार्क होता है तो वह अच्छी क्वालिटी का होता है। इससे यह पता चलता है कि यह हमारे इस्तेमाल करने के लिए सुरक्षित है या नहीं। आईएसआई मार्क को साल 1987 में इसे बदल कर ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड कर दिया गया।
हालांकि ISI का भी इस्तेमाल किया जा रहा है, क्योंकि यह प्रोडक्ट की टेस्टिंग का मार्क है। हरियाणा वन विकास निगम लिमिटेड की सॉ मशीन जिला वन अधिकारी कार्यालय परिसर में लगी हुई है।
जिसमें विभिन्न किस्म की लकड़ी से फर्नीचर तैयार होता है। एचएफडीसी ने अपने फर्नीचर की गुणवत्ता के लिए आईएसआई में मार्क लेने के लिए आवेदन किया था। आईएसआई के अधिकारियों की तरफ से कहा गया कि फर्नीचर को टेस्ट करने के लिए उनके पास भारत में कोई लैब नहीं है।
तब आईएसआई की तरफ से सुझाव दिया गया कि फर्नीचर के टेस्ट करने के लिए वह अपने कार्यालय परिसर में ही लैब खोल लें। निगम के पास लैब का भवन बनाने के लिए पर्याप्त जगह है।