देश की पहली प्रयोगशाला तैयार, अब मनाली से रखेंगे सियाचिन समेत अन्य ग्लेशियरों की हलचल पर नजर
HARYANATV24: सियाचिन से उत्तर पूर्व में भारतीय सीमावर्ती हिमालय क्षेत्रों में हिमस्खलन, बाढ़ और ग्लेशियर से संबंधित मौसम घटनाओं का स्टीक पूर्वानुमान अब आसान हो गया है। डीआरडीओ के मनाली स्थित रक्षा भू-सूचना विज्ञान अनुसंधान प्रतिष्ठान में आधुनिक तकनीक की अंशांकन प्रयोगशाला बनकर तैयार हो गई है। स्नो एवलांच सेंसर्स के लिए देश में इस तरह की पहली प्रयोगशाला बनी है। ये प्रयोगशाला हिमस्खलन तथा मौसम संबंधी आंकड़े एकत्रित करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक सेंसर को एकत्रित करेगी।
इससे हिमस्खलन और ग्लेशियर से संबंधित पूर्वानुमान से सीमाओं में तैनात भारतीय सेना को संभलने का मौका मिलेगा। वहीं, बाढ़ जैसी घटनाओं के पूर्वानुमान से आपदा में होने वाले नुकसान को कम किया जा सकेगा।
हिमस्खलन की चपेट में आकर कई भारतीय सैनिक अपनी जान गवां चुके हैं लेकिन अब कुदरती कहर के सटीक पूर्वानुमान से जवानों को संभलने का मौका मिल सकेगा।सियाचिन ग्लेशियर से उत्तर पूर्व भारतीय सीमावर्ती हिमालय में स्थापित ऑटोमैटिक मौसम स्टेशन के सेंसरों को मनाली से संचालित किया जाएगा।