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भारत P20 में बैठक में कनाडा सीनेट स्पीकर रेमोंडे गग्ने शामिल होंगे, 13 अक्टूबर को PM मोदी समिट का उद्घाटन करेंगे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 अक्टूबर को P20 समिट का उद्घाटन करेंगे।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 अक्टूबर को P20 समिट का उद्घाटन करेंगे।

HARYANA TV24- भारत 13-14 अक्टूबर को होने वाली P20 समिट में कनाडा के सामने ये मुद्दा उठाने वाला है। 

भारत और कनाडा के बीच आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर तनाव बढ़ता जा रहा है।

इस बीच दरअसल, G20 देशों के संसदीय अध्यक्षों के शिखर सम्मेलन P20 में कनाडा सीनेट के स्पीकर रेमोंडे गग्ने शामिल होंगे। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने इसकी पुष्टि की है। ये समिट इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर- यशोभूमि में होगी। इसमें G20 और आमंत्रित देशों में से 25 देशों के स्पीकर, 10 देशों के डिप्टी स्पीकर शामिल हो सकते हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 अक्टूबर को P20 समिट का उद्घाटन करेंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 अक्टूबर को P20 समिट का उद्घाटन करेंगे।

18 जून 2023 की शाम कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया स्थित गुरुद्वारा की पार्किंग में खालिस्तान टाइगर फोर्स के चीफ आतंकी हरदीप सिंह निज्जर पर दो युवकों ने फायरिंग कर दी थी। निज्जर की मौके पर ही मौत हो गई। निज्जर को भारत ने भगोड़ा घोषित कर रखा था और इस पर 10 लाख रुपए का इनाम भी था।

3 महीने बाद यानी 18 सितंबर 2023 को कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने हाउस ऑफ कॉमन्स यानी वहां की संसद में एक बयान दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि जून में ब्रिटिश कोलंबिया में निज्जर की हत्या में भारत सरकार के एजेंट्स का हाथ हो सकता है। ट्रूडो का इशारा भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ की तरफ था।

तस्वीर खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की है। कनाडा ने भारत पर इसकी हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया है, जिससे दोनों देशों के रिश्तों में तनाव बढ़ गया है।

अमेरिका ने निज्जर की हत्या पर खुफिया जानकारी दी थी
न्यूयॉर्क टाइम्स ने केस से जुड़े अफसरों के हवाले से जानकारी दी कि निज्जर की हत्या के बाद अमेरिका की स्पाई एजेंसियों ने कनाडा के साथ इस केस से जुड़ी जानकारियां साझा की थीं। हालांकि, रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत पर आरोप लगाते समय कनाडा ने जिस खुफिया का हवाला दिया था, वह उसने खुद जुटाई थी।

न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक निज्जर की हत्या के बाद अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने कनाडा को इंटेलिजेंस इकट्ठा करने में मदद की थी।

इसी के आधार पर कनाडा को यह निष्कर्ष निकालने में मदद मिली कि भारत इसमें शामिल था। हालांकि,

कनाडा ने खुद भारतीय डिप्लोमैट्स की निगरानी करके उनकी कम्युनिकेशन डिटेल्स का पता लगाया था, जिनके आधार पर निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंट्स के शामिल होने का आरोप लगाया गया था।

अमेरिका और कनाडा के बीच फाइव आइज अलायंस का हिस्सा होने के नाते इंटेलिजेंस शेयरिंग होती है।

लेकिन हत्या के बारे में जानकारी खासतौर पर खुफिया एजेंसियों ने अपने पैकेज में शेयर की थीं।

इससे पहले शनिवार को कनाडाई मीडिया CTV न्यूज ने बताया था कि कनाडा में अमेरिका के ऐंबैस्डर डेविड कोहेन ने इस बात की पुष्टि की थी कि फाइव आइज देशों ने मिलकर निज्जर की हत्या पर इंटेलिजेंस जुटाया था।

पेंटागन के पूर्व अफसर बोले- भारत-कनाडा में चुनना पड़ा तो भारत को चुनेंगे
अमेरिकी रक्षा मंत्रालय (पेंटागन) के पूर्व अफसर का कहना है कि कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के आरोपों से भारत के मुकाबले कनाडा को ज्यादा खतरा है।

साथ ही अगर अमेरिका को भारत-कनाडा में से किसी एक को चुनना पड़ा तो वो भारत को चुनेगा।

पेंटागन के पूर्व अधिकारी माइकल रूबिन ने कहा- भारत और अमेरिका के रिश्ते बेहद अहम हैं।

कनाडा की भारत से लड़ाई बिल्कुल वैसी है, जैसे किसी हाथी और चींटी की होती है। रूबिन ने ट्रूडो की गिरती पॉपुलैरिटी को देखते हुए कहा- वो लंबे समय तक प्रधानमंत्री नहीं रहेंगे, इसलिए उनके पद से हटने के बाद अमेरिका दोबारा कनाडा से रिश्ते मजबूत कर लेगा।

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