दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आधिकारिक आवास के रेनोवेशन में हुई कथित अनियमितताओं में शामिल होने का आरोप है।
Haryana tv24-सेंट्रल पब्लिक वर्क्स डिपार्टमेंट ने तीन इंजीनियरों को सस्पेंड कर किया है। इन पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आधिकारिक आवास के रेनोवेशन में हुई कथित अनियमितताओं में शामिल होने का आरोप है।
इन इंजीनियर्स ने चार और लोगों के साथ मिलकर केजरीवाल के कहने पर मॉडिफिकेशन के नाम पर कई नियमों का उल्लंघन किया और सामान की लागत भी बढ़ा-चढ़ाकर बताई।
इन इंजीनियरों का नाम- प्रदीप कुमार परमार, अभिषेक राज और अशोक कुमार राजदेव है। केजरीवाल का बंगला रेनोवेट करने में इन तीनों की भूमिका सबसे ज्यादा थी।
इनका साथ देने वाले चारों लोगों को भी सस्पेंड कर दिया गया है। मामले की जांच पहले से ही CBI कर रही है।
अरविंद केजरीवाल के ड्रॉइंग रूम की तस्वीर। सोर्स- X.com
कोरोना के दौरान इमरजेंसी बताकर बंगले के निर्माण की अनुमति दी
प्रदीप परमार फिलहाल असम के गुवाहाटी में पोस्टेड है, अभिषेक राज पश्चिम बंगाल के खड़गपुर में काम करता है। विजिलेंस डिपार्टमेंट के मुताबिक, इन इंजीनियर्स ने पब्लिक वर्क्स डिपार्टमेंट के साथ साठगांठ में काम किया। उन्होंने कोविड-19 के दौरान एक इमरजेंसी क्लॉज का इस्तेमाल करके केजरीवाल के नए बंगले के निर्माण की अनुमति दी, जबकि ऐसी कोई इमरजेंसी उस वक्त नहीं थी।
जब फाइनेंस विभाग कोरोना के चलते वित्तीय मैनेजमेंट और खर्चों को कम करने के आदेश दे रहा था, उसी समय PWD मिनिस्ट ने पुराने घर में बदलाव करने के नाम पर नए बंगले के निर्माण में तेजी लाने के आदेश दिए।
PWD मिनिस्टर के इशारे पर किया गया सारा काम
सूत्रों के मुताबिक विजिलेंस डिपार्टमेंट ने यह बात ऑन रिकॉर्ड कही है कि पुरानी बिल्डिंग को गिराया जाना और नई बिल्डिंग को बनाना और खर्चों में बेतहाशा बढ़ोतरी होना, यह सब PWD मंत्री के इशारे पर किया गया था। इसके चलते कंसल्टेंट की तरफ से इंटीरियर की जो ड्रॉइंग सब्मिट की गई थी, उसमें कई बदलाव किए गए।
इन बदलावों के चलते बंगले के निर्माण के लिए आवंटित की गई राशि और आखिर में किए गए पेमेंट में बड़ा अंतर रहा। विजिलेंस डिपार्टमेंट ने बताया था कि करोड़ों रुपए आर्टिस्टिक और सजावटी कामों, बेहतरीन क्वालिटी के पत्थर के फर्श, बेहतरीन लकड़ी के दरवाजों और ऑटोमैटिक स्लाइडिंग दरवाजों जैसी चीजों पर खर्च किए गए थे।
घर पर 33.49 करोड़ और ऑफिस पर 19.22 करोड़ रुपए खर्च हुए
विजिलेंस डिपार्टमेंट की 12 मई 2023 की रिपोर्ट के मुताबिक, केजरीवाल के घर पर 33.49 करोड़ रुपए खर्च हुए थे। वहीं 19.22 करोड़ रुपए उनके ऑफिस पर खर्च हुए। उनके पुराने बंगले को गिराकर नया बंगला बनाया गया था।
केजरीवाल के बंगले पर सितंबर 2020 से जून 2022 के बीच खर्च किया गया पैसा
PWD मिनिस्टर ने रखा था बदलाव का प्रस्ताव
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 2020 में तत्कालीन PWD मिनिस्टर ने केजरीवाल के बंगले (6, फ्लैग स्टाफ रोड) में बदलाव का प्रस्ताव रखा था। उन्होंने कहा था कि बंगले में एक ड्राइंग रूम, दो मीटिंग रूम और 24 लोगों की क्षमता वाला एक डाइनिंग रूम बनना चाहिए। इसके लिए बंगले की दूसरी मंजिल बनाने का प्रस्ताव था।
हालांकि, दिल्ली सरकार के पब्लिक वर्क डिपार्टमेंट (PWD) ने कहा था कि बंगले को तोड़कर उसी परिसर में नया बंगला बनाया जाना चाहिए। PWD ने कहा कि बंगला 1942-43 के दौरान बना था। इसे बने 80 साल हो गए हैं इसलिए इसके ऊपर नई मंजिल बनाना सही नहीं होगा।
PWD ने कहा कि उसी परिसर में नया बंगला बनना चाहिए। उसके पूरा बनने के बाद केजरीवाल उसमें शिफ्ट हो जाएंगे और पुराने बंगले को गिरा दिया जाएगा। इस सलाह के आधार पर ही वहां नया बंगला बनाया गया।
भाजपा ने लगाया था गड़बड़ी का आरोप
भाजपा ने CM आवास के रेनोवेशन में गड़बड़ी होने का आरोप लगाया था। इसके बाद उपराज्यपाल ने अप्रैल में चीफ सेक्रेटरी नरेश कुमार को आदेश दिया था कि मामले से संबंधित फाइलों को सुरक्षित रखा जाए और उन्हें एक फैक्चुअल रिपोर्ट सबमिट की जाए।