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Drone Didi Yojana: महिलाएं भरेंगी सपनों की उड़ान, केंद्र देगी ट्रेनिंग और सैलरी,ऐसे करें आवेदन

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Namo Drone Didi Scheme

HARYANATV24: केंद्र की एक योजना 'नमो ड्रोन दीदी' है। इस योजना के तहत, कृषि के क्षेत्र में महिलाओं का बेहतर योगदान सुनिश्चित करने और ड्रोन के जरिए खेती को आसान बनाने का प्रयास किया जा रहा है। यह योजना पिछले साल लॉन्च की गई थी। ड्रोन विनिर्माता गरुड़ एयरोस्पेस ने अब तक 500 से अधिक ग्रामीण महिलाओं को ड्रोन टेक्नोलॉजी के बारे में प्रशिक्षित किया है और अब तक 20 राज्यों में महिला सेल्फ हेल्प ग्रुप को 446 ड्रोन वितरित किए जा चुके हैं।

कब हुई नमो ड्रोन दीदी स्कीम की शुरुआत? 

नमो ड्रोन दीदी योजना की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 30 नवंबर, 2023 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए की थी। ड्रोन दीदी योजना के तहत सरकार 1,261 करोड़ रुपए खर्च करेगी। ये पैसा अगले कुछ वर्षों में खर्च किया जाएगा और इस पैसे से 15,000 महिला स्वयं सहायता समूह को ड्रोन मुहैया कराया जाएगा। इस योजना को देशभर के कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके) के जरिये लागू किया जाएगा। देश में लगभग 10 करोड़ महिलाएं है जो स्वयं सहायता समूह का हिस्सा है।

योजना के तहत मिलेगी स्पेशल ट्रेनिंग

नमो ड्रोन दीदी योजना के तहत महिलाओं को ड्रोन उड़ाने, डेटा विश्लेषण और ड्रोन के रखरखाव से संबंधित ट्रेनिंग दी जाएगी। इसमें महिलाओं को ड्रोन का इस्तेमाल करके अलग-अलग कृषि कार्यों के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। जैसे ड्रोन के जरिए फसलों की निगरानी, कीटनाशकों और उर्वरकों का छिड़काव और बीज बुआई आदि की ट्रेनिंग दी जाएगी।

नमो ड्रोन स्‍कीम से क्‍या होगा फायदा?

ड्रोन दीदी स्‍कीम के कई फायदे होंगे। इसके जरिये महिलाओं को सशक्त बनाना पहली प्राथमिकता है। यह स्‍कीम उन्हें आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनाएगी। इससे कृषि क्षेत्र में उत्पादकता और दक्षता में बढ़ोतरी होने के आसार हैं। यह स्‍कीम कृषि में लगने वाली लागत में कमी ला सकती है। इससे रोजगार के मौके भी बढ़ेंगे। नमो ड्रोन दीदी योजना भारत सरकार की महत्वाकांक्षी पहल है।

इस योजना से न केवल स्वयं सहायता महिलाओं को ही लाभ मिलेगा बल्कि कृषि के इस्तेमाल में एडवांस टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जा सकेगा जिससे किसानों की आय में भी वृद्धि होगी। फसल में कोई बीमारी आ जाए तो उस पर छिड़काव करना असंभव होता था। मगर इस काम में ड्रोन बड़े क्षेत्र में भी छिड़काव करने में मदद करेगा।

ड्रोन के लिए कितना पैसा मिलेगा?

महिला स्वयं सहायता समूहों को ड्रोन खरीदने पर उसकी कीमत का 80 प्रतिशत या अधिकतम 8 लाख रुपये मिलेंगे। हालांकि, इसके अलावा, शेष राशि कृषि इन्फ्रा वित्तपोषण सुविधा के तहत लोन के रूप में मिलेगी, जिस पर 3 प्रतिशत ब्याज सब्सिडी भी दी जाएगी।

महिला ड्रोन पायलट को 10 से 15 गांव का एक क्लस्टर बनाकर ड्रोन दिया जाएगा, जिसमें से एक महिला को 'ड्रोन सखी' के रूप में चुना जाएगा। इसके बाद, चुनी गई ड्रोन सखी को 15 दिन की ट्रेनिंग दी जाएगी। साथ ही, उन्हें हर महीने 15,000 रुपए का वेतन भी दिया जाएगा।

क्या है योजना में आवेदन करने की पात्रता?

  • इस योजना के लिए केवल महिलाएं ही आवेदन कर सकती हैं।
  • आवेदक निम्न आर्थिक वर्ग (Lower Economic Class) से होना चाहिए।
  • आवेदक कृषि गतिविधियों में शामिल होना चाहिए।

आवेदन के लिए संबंधित दस्तावेज

  • आवेदक का आधार कार्ड
  • आवेदक की पासपोर्ट साइज फोटो
  • बैंक पासबुक
  • पैन कार्ड
  • ई-मेल आईडी

ड्रोन दीदी योजना की ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया 

  • सबसे पहले आपको योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा।
  • इसके बाद आपके स्क्रीन पर होम पेज खुल जाएगा।
  • यहां डैशबोर्ड पर नए पंजीकरण या साइन अप या ऑनलाइन आवेदन पर क्लिक करना होगा।
  • इसके बाद मांगी जा रही आवश्यक जानकारी दर्ज करना होगा।
  • मांगे जा रहे आवश्यक दस्तावेज भरने होंगे।
  • फॉर्म भरने के बाद एक बार उसे अच्छे से जांच लेना होगा।
  • अंत में सब्मिट या जमा करें पर क्लिक करें।

ड्रोन दीदी योजना का लाभ

  • इस योजना के माध्यम से 15000 महिला स्वयं सहायता समूह को ड्रोन प्रदान किए जाएंगे।
  • स्वयं सहायता समूह को कृषि के इस्तेमाल के लिए किसानों को किराए के तौर पर ड्रोन उपलब्ध कराया जाएगा।
  • यह योजना एसएचजी की महिलाओं को स्थाई व्यवसाय और जीविका सहायता प्रदान करेगी।
  • इस योजना के तहत महिला ड्रोन पायलट को 15 दिन का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
  • महिला ड्रोन पायलट को हर महीने 15,000 रुपए मानदेय दिया जाएगा।
  • इस योजना के माध्यम से किसानों को किराए पर स्वयं सहायता समूह के माध्यम से ड्रोन मिल सकेगा, जिससे वह आधुनिकता के साथ अपनी खेती कर सकेंगे।
  • यह योजना किसानों को कृषि में एडवांस टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देने में सहायता करेगी।
  • योजना के जरिए कृषि में एडवांस टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देने में सहायता करेगी।
  • आसानी से किसान अपनी फसलों पर कीटनाशक छिड़काव कर सकेंगे।

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