4 महीने में 3 राज्यों में चुनाव:अगली चुनौती महाराष्ट्र-झारखंड और दिल्ली; 6 राज्यों की 28 सीटें पर भी उप-चुनाव
हरियाणा और जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के नतीजे आ चुके हैं।
जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस का गठबंधन 15 साल बाद सरकार बनाने जा रहा है।
दूसरी तरफ हरियाणा में भाजपा ने रिकॉर्ड तीसरी बार सत्ता में वापसी की है। हरियाणा के गठन के बाद से अब तक कोई पार्टी लगातार तीसरी बार सरकार नहीं बना सकी है।
लोकसभा चुनाव में भाजपा को 240 सीटें मिली थीं, जो 2019 के चुनाव की 303 सीटों से 63 कम है। यह भाजपा के लिए बड़ा झटका था।
कयास लगाए जाने लगे थे कि अब भाजपा का ग्राफ उतार पर है।
हरियाणा की जीत से पार्टी को बूस्ट मिला है, जिसका असर अगले 3 महीने के भीतर होने वाले महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव में भी दिखाई दे सकता है।
महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर, 2024 और झारखंड का कार्यकाल 5 जनवरी, 2025 को खत्म हो रहा है।
चुनाव आयोग दशहरे के बाद महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर सकता है।
6 राज्यों की 28 सीटों पर उपचुनाव का ऐलान भी साथ में हो सकता है।
महाराष्ट्र: लोकसभा चुनाव में भाजपा 23 से 9 पर सिमटी, मराठा आरक्षण सबसे बड़ी चुनौती महाराष्ट्र में महायुति यानी शिवसेना, भाजपा और NCP अजित पवार गुट की सरकार है।
एंटी इन्कंबेंसी और 6 बड़ी पार्टियों के बीच बंटने वाले वोट को साधना पार्टी के लिए बड़ी चुनौती होगी।
2024 लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र की 48 सीटों में INDIA गठबंधन को 30 और NDA को 17 सीटें मिलीं।
। इनमें BJP को 9, शिवसेना को 7 और NCP को सिर्फ 1 सीट मिली। भाजपा को 23 सीटों का नुकसान हुआ।
2019 लोकसभा चुनाव से NDA को 41 सीटें मिली थीं। 2014 में यह आंकड़ा 42 था। यानी आधे से भी कम।
2024 लोकसभा चुनाव के हिसाब से भाजपा 60 सीटों के आसपास सिमट जाएगी।
विपक्षी गठबंधन के एक सर्वे में राज्य की 288 सीटों पर MVA यानी महाविकास अघाड़ी को 160 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है।
भाजपा के लिए मराठा आंदोलन सबसे बड़ी चुनौती है। इसके अलावा शिवसेना और NCP में तोड़फोड़ के बाद उद्धव ठाकरे और शरद पवार के साथ लोगों की सिंपथी है।
झारखंड: संताल परगना और कोल्हान प्रमंडल की 32 सीटों को भेदना सबसे बड़ी चुनौती झारखंड में महागठबंधन यानी झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के नेतृत्व वाली सरकार है।
इसमें कांग्रेस, राजद और वाम दल शामिल हैं। भाजपा को झारखंड में सरकार बनाने के लिए संताल परगना और कोल्हान प्रमंडल की 32 सीटों पर फोकस करना होगा।
संताल परगना की 18 विधानसभा सीटों में से सिर्फ तीन सीटें अभी भाजपा के पास है।
पिछले चुनाव में कोल्हान प्रमंडल की 14 विधानसभा सीटों पर तो भाजपा का खाता भी नहीं खुल पाया। जमशेदपुर पूर्वी से तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास को भी हार का सामना करना पड़ा।
जनवरी में भ्रष्टाचार के मामले में CM पद से इस्तीफा देकर हेमंत सोरेन को जेल जाना पड़ा।
हालांकि जमानत मिलने के बाद वे बाहर आए और चंपई सोरेन से 156 दिन में CM का पद वापस ले लिया। इसके बाद चंपई भाजपा में शामिल हो गए।
झारखंड आंदोलन में शिबू सोरेन के साथी रहे चंपई को कोल्हान टाइगर भी कहा जाता है।
6 राज्यों की 28 सीटें, जहां उप-चुनाव होंगे विधानसभा उपचुनाव की बात करें तो उत्तर प्रदेश उत्तर प्रदेश में 10, राजस्थान में 6, पंजाब में 5, बिहार में 4, मध्य प्रदेश में 2 और छत्तीसगढ़ में एक सीट पर उपचुनाव होना है।
इनमें से पंजाब छोड़कर सभी जगह भाजपा सत्ता में है। लिहाजा एंटी इन्कम्बेंसी फैक्टर से लड़ने के साथ कैंडिडेट का लोकल कनेक्ट ही चुनाव नतीजे तय करेगा।
दिल्ली: पार्टी भ्रष्टाचार मुद्दे के भरोसे, दिल्ली में केजरीवाल के बराबर का चेहरा नहीं
चुनाव लिस्ट में अगला नाम दिल्ली का है, जहां विधानसभा का कार्यकाल 23 फरवरी 2025 को खत्म होगा। दिल्ली में पिछले 10 साल से आम आदमी पार्टी (AAP) सत्ता में है। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल नवंबर में चुनाव कराने की मांग कर रहे हैं।
शराब नीति घोटाले में 13 सितंबर को जमानत के बाद उन्होंने 17 सितंबर को CM पद से इस्तीफा दिया था। यहां आप के मजबूत किले को भेदना भाजपा के लिए बेहद मुश्किल है,
क्योंकि पिछले दो चुनाव में केजरीवाल की पार्टी ने लगभग क्लीन स्वीप कर दिया था।
दिल्ली में पिछले 10 साल से आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार है। केंद्र शासित प्रदेश होने की वजह से AAP और भाजपा के बीच LG के जरिए तकरार होती रहती है।
भाजपा AAP पर भ्रष्टाचार के मुद्दे को लेकर हावी है। शराब नीति घोटाले में CM, डिप्टी CM समेत कई नेता जेल में रहे। भाजपा इसी मुद्दे को भुनाना चाहती है। साथ ही एंटी इन्कम्बेंसी भी एक फैक्टर रहेगा।
इस साल लोकसभा चुनाव के साथ 4 राज्यों में विधानसभा चुनाव, फिर हरियाणा और जम्मू-कश्मीर चुनाव हुए 2024 में लोकसभा के साथ 4 राज्यों- आंध्र प्रदेश, ओडिशा, अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम में विधानसभा के चुनाव हुए। लोकसभा में भाजपा अकेले बहुमत का आंकड़ा तो पार नहीं कर पाई, लेकिन सहयोगियों के दम पर रिकॉर्ड लगातार तीसरी बार सरकार बनाई। मोदी पहले गैर कांग्रेसी चेहरे हुए जो तीसरी बार PM बने।
वहीं, आंध्र प्रदेश में TDP के साथ भाजपा ने सरकार बनाई। चंद्रबाबू नायडू CM बने। ओडिशा में पहली बार भाजपा ने पूर्ण बहुमत के साथ मोहन चंद्र माझी के नेतृत्व में सरकार बनाई।
अरुणाचल में भाजपा ने लगातार तिसरी बार सरकार बनाई। सिक्किम में सत्ताधारी सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (SKM) ने सरकार बनाई। अब हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के चुनाव खत्म हो गए।