बढ़ती गर्मी के साथ धधकने उत्तराखंड के जंगल, पहाड़ों में 31 स्थानों पर भड़की आग
![Uttarakhand Forest Fire: बढ़ती गर्मी के साथ जंगल धधकने का सिलसिला जारी, पहाड़ों में 31 स्थानों पर भड़की आग](https://haryanatv24.com/static/c1e/client/108883/uploaded/28f2fda30f8094f81cfa9afae7f1b75a.jpg)
HARYANATV24: उत्तराखंड में बढ़ती गर्मी के साथ जंगल धधकने का सिलसिला जारी है। शुक्रवार को 24 घंटे के भीतर प्रदेश में आग की 31 नई घटनाएं हुईं । जिनमें कुल 33 हेक्टेयर वन क्षेत्र को भारी नुकसान पहुंचा। इसके अलावा कुमाऊं और वन्यजीव आरक्षित क्षेत्र में दो व्यक्ति भी झुलस गए।
शुष्क मौसम के बीच उत्तराखंड के जंगलों में आग की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। तमाम प्रयासों के बावजूद जंगल की आग पर काबू पाने में वन कर्मियों के हाथ-पांव फूल रहे हैं। प्रदेश में रामनगर, रुद्रप्रयाग, केदारनाथ, नई टिहरी, रानीखेत, अल्मोड़ा, बागेश्वर, पिथौरागढ़, चंपावत, नरेंद्रनगर, उत्तरकाशी, तराई पूर्वी, लैंसडौन, हल्द्वानी वन प्रभाग, कालागढ़ टाइगर रिजर्व और राजाजी टाइगर रिजर्व व नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क में जंगल की आग की घटनाएं दर्ज की गई हैं।
वन विभाग की ओर से मुख्यालय में कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है। साथ ही जंगल की आग की सूचना देने के लिए नंबर भी जारी किए गए हैं। 18001804141, 01352744558 पर काल कर सकते हैं। साथ ही 9389337488 व 7668304788 पर व्हाट्सएप के माध्यम से भी सूचित कर सकते हैं। इसके अलावा राज्य आपदा कंट्रोल रूम देहरादून को भी 9557444486 और हेल्पलाइन 112 पर भी आग की घटना की सूचना दे सकते हैं।
देहरादून जिलाधिकारी सोनिका ने जंगल की आग और मानसून सत्र के संबंध में ऋषिपर्णा सभागार में शुक्रवार को संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक कर दिशा-निर्देश दिए। डीएम ने वन विभाग के अधिकारियों को ग्राम स्तर पर बनाई गई फायर समिति और ग्राम प्रहरियों को सक्रिय रखने व महिला मंगल दलों से भी समन्वय रखने के निर्देश दिए।
आपसी समन्वय के लिए जंगल की आग सीजन तक आपदा कंट्रोल रूम में वन विभाग से कार्मिकों की तैनाती रखें। उन्होंने प्रभागीय वनाधिकारियों को आग की घटनाओं के दौरान कार्मिकों के लिए सुरक्षा उपकरण और ड्रेस देने के निर्देश दिए।
आग की घटनाओं को रोकने के लिए लोगों को जागरूक किया जाए। मानसून सत्र को देखते हुए डीएम ने नगर निगम व नगर निकायों को नालों और नालियों की सफाई रखने का निर्देश दिया। मानसून से पहले रिवर ड्रेजिंग, चैनलाइजेशन व ड्रेनेज कार्य पूर्ण करें। विद्युत विभाग जर्जर विद्युत पोल को चिहि्नत कर बदलने की कार्रवाई कराएं। साथ ही विद्युत पोल पर इन्स्यूलेटर अवश्य दिखवा लें।