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आर्थिक सलाहकार से लेकर देश के प्रधानमंत्री तक, ऐसा रहा Manmohan Singh का नौकरशाही और राजनीति में पांच दशक का सफर

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आर्थिक सलाहकार से लेकर देश के प्रधानमंत्री तक, ऐसा रहा नौकरशाही और राजनीति में पांच दशक का सफर

HARYANATV24: आर्थिक सुधारों के जनक और 10 वर्ष तक देश की कमान संभालने वाले पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का गुरुवार को निधन हो गया। वे भारतीय राजनीति की ऐसी शख्सियत थे, जो बेहद कम बोलते थे। मगर जब बोलते, तो बेहद मजबूती से। हालात कैसे भी विषम हों, हालात कितने भी विकट हों, वे चुपचाप हल निकाल लेते थे। 1991 में देश आर्थिक संकटों से घिरा तो भारत की अर्थव्यवस्था को दुनिया के निवेशकों के लिए खोलकर आर्थिक क्रांति ला दी।

जिनकी खामोशी भी बोलती थी...अब वह शख्सियत हमेशा के लिए मौन हो गई। उन्होंने 92 साल की उम्र में दिल्ली एम्स में अंतिम सांस ली। मनमोहन सिंह ऐसे नेता थे, जिन्होंने परमाणु समझौते के लिए सरकार को दांव पर लगा दिया था। आइए जानतें हैं नौकरशाही और राजनीति में उनके पांच दशक के करियर की एक झलक...

Manmohan Singh

1954

पंजाब विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त की।

1957

कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से इकॉनमिक्स ट्रिपोस (तीन वर्षीय डिग्री प्रोग्राम)।

1962

ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में डी.फिल।

1971

वाणिज्य मंत्रालय में आर्थिक सलाहकार के रूप में भारत सरकार में शामिल हुए।

पूर्व पीएम मनमोहन सिंह

1972

वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार नियुक्त हुए।

1980-82

योजना आयोग के सदस्य।

1982-1985

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर।

पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का निधन

1985-87

योजना आयोग के उपाध्यक्ष के रूप में कार्य किया।

1987-90

जिनेवा में दक्षिण आयोग के महासचिव।

पूर्व पीएम मनमोहन सिंह

1990

आर्थिक मामलों पर प्रधानमंत्री के सलाहकार नियुक्त हुए।

1991

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष नियुक्त हुए।

पूर्व पीएम मनमोहन सिंह

1991

असम से राज्यसभा के लिए चुने गए और 1995, 2001, 2007 और 2013 में फिर से चुने गए।

1991-96

पीवी नरसिम्हा राव सरकार में वित्त मंत्री।

1998-2004

राज्यसभा में विपक्ष के नेता।

2004-2014

भारत के प्रधानमंत्री।

डॉ. मनमोहन सिंह

26 दिसंबर 2024

आर्थिक सुधारों के प्रणेता पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का गुरुवार रात निधन हो गया। वह 92 वर्ष के थे। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) दिल्ली ने मनमोहन सिंह के निधन की पुष्टि की। उन्हें गंभीर हालत में रात करीब साढ़े आठ बजे आपातकालीन वार्ड में भर्ती कराया गया था। एम्स ने एक बुलेटिन में कहा कि 26 दिसंबर को उनका आयु संबंधी चिकित्सा उपचार जारी था और वह घर पर अचानक बेहोश हो गए। उन्हें घर पर तत्काल होश में लाने के प्रयास किए गए। उन्हें रात आठ बजकर छह मिनट पर दिल्ली एम्स लाया गया। तमाम प्रयासों के बावजूद उन्हें होश में नहीं लाया जा सका और रात 9.51 बजे उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। देर रात डॉ. सिंह की पार्थिव देह उनके आवास 3, मोतीलाल नेहरू मार्ग ले जाई गई। उनके परिवार में पत्नी गुरशरण कौर और तीन बेटियां हैं। दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक राष्ट्र के 10 वर्षों तक प्रधानमंत्री रहे मनमोहन सिंह को दुनिया भर में उनकी आर्थिक विद्वता तथा कार्यों के लिए सम्मान दिया जाता था।

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