Main Logo

PM Matsya Sampada Yojana: कम लागत में अच्छी इनकम का साधन है मछली पालन, इस स्कीम उठाएं लाभ

 | 
PM Matsya Sampada Yojana

HARYANATV24: किसान अपनी आय बढ़ाने के लिए अब मछली पालन में भी रुचि ले रहे हैं। मछली पालन की तरफ किसानों का रुझान लगातार बढ़ता जा रहा है। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना का लाभ लेकर किसान कारोबार बढ़ाने की तरफ चल रहे हैं।

मछली पालन विभाग ने तालाबों में मछली पालन का कारोबार चार हेक्टेयर में बढ़ाने का लक्ष्य तय किया था। किसानों की रुचि के चलते यह 10.5 हेक्टेयर तक पहुंच गया। इसी तरह खारे पानी में मछली उत्पादन का लक्ष्य 12 हेक्टेयर का था। वह भी 22.80 हेक्टेयर तक पहुंच गया है।

पिछले 10 साल में 33 हेक्टेयर से बढ़कर 202 हेक्टेयर मछली पालन का विस्तार हुआ है। मछली पालन के कारोबार से जुड़े किसानों को बेहतर सुविधा प्रदान करने के लिए मछली पालन विभाग ने दो कोल्ड स्टोर 50 टन और 10 टन के तैयार किए हैं। मछली पालन कम लागत में अच्छी आय का कारोबार है।

मछली पालन कारोबार के लिए किसानों को प्रेरित करने के लिए प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत 40 प्रतिशत से 60 प्रतिशत तक का अनुदान भी दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना का लाभ उठाकर भी काफी किसान इस कारोबार में रुचि ले रहे हैं। इस समय जिला में करीब 100 किसान मछली पालन के कारोबार से जुड़े हैं।

मत्स्य पालन विभाग द्वारा कियोस्क निर्माण पर अधिकतम 10 लाख रुपये की लागत पर 40 प्रतिशत सामान्य वर्ग के लिए व 60 प्रतिशत अनुसूचित जाति तथा जनजाति व महिलाएं के लिए अनुदान दे रहा है। 2015 में मछली पालन के लिए नीली क्रांति और प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के बाद किसानों का रुझान काफी बड़ा है।

मत्स्य पालन के क्षेत्र में पिछले 10 वर्षों में काफी वृद्धि हुई है। मत्स्य पालक नई तकनीकों को भी अपना रहे है। इसमें बायोफ्लोक इकाइयां स्थापित करना मछली पालन की आधुनिक तकनीक है। जिला में 16 बायोफ्लोक इकाइयां स्थापित की जा चुकी है। इसमें टैंक के अंदर मछली पालन किया जाता है। टैंक में ही बनने वाली अमोनिया के माध्यम से मछली के लिए खाना तैयार कर दिया जाता है।

Around The Web

Trending News

You May Like

Recommended