संसद में बोले PM MODI-कहा अविश्वास प्रस्ताव लाना हमारे लिए शुभ रहा, 2018 में लाए तो हम ज्यादा सीटों से जीते, 2024 में भी BJP रिकॉर्ड तोड़ेगी
संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के तीसरे दिन गुरुवार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जवाब दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि सभी ने अपने विचार व्यक्त किए हैं। देश की जनता ने हमारी सरकार के प्रति बार-बार जो विश्वास जताया है, मैं देश के कोटि-कोटि नागरिकों का आभार व्यक्त करने के लिए उपस्थित हुआ हूं।
कहते हैं कि भगवान बहुत दयालु हैं। भगवान की मर्जी होती है कि वो किसी ना किसी के माध्यम से अपनी इच्छा की पूर्ति करता है। मैं भगवान का आशीर्वाद मानता हूं कि उन्होंने विपक्ष को सुझाया और वे इसका प्रस्ताव लेकर आए। 2018 में ईश्वर का आशीर्वाद था कि वे अविश्वास प्रस्ताव लाए थे। उस वक्त भी मैंने कहा था कि हमारी सरकार के लिए ये फ्लोर टेस्ट नहीं है। ये उन्हीं का फ्लोर टेस्ट है। हुआ भी वही। जब मतदान हुआ, तो विपक्ष के पास जितने वोट थे, उतने भी जमा नहीं कर पाए थे।
इतना ही नहीं, जब हम सब जनता के पास गए तो जनता ने भी पूरी ताकत के साथ इनके लिए नो कॉन्फिडेंस घोषित कर दिया। चुनाव में एनडीए को कहीं ज्यादा सीटें मिलीं। एक तरह से विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव हमारे लिए शुभ होता है। आज देख रहा हूं कि आज आपने तय कर लिया है कि एनडीए और बीजेपी 2024 के चुनाव में पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़कर जनता के आशीर्वाद से वापस आएगी।
विपक्ष मणिपुर मुद्दे पर 26 जुलाई को केंद्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का फैसला किया था। अगले दिन यानी 27 जुलाई को लोकसभा अध्यक्ष ने विपक्ष के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया।
मोदी के भाषण की खास बातें...
विपक्ष को राजनीति में ही रुचि
विपक्ष के प्रस्ताव पर 3 दिनों से यहां काफी चर्चा हुई है। अच्छा होता कि सत्र की शुरुआत के बाद से ही विपक्ष गंभीरता के साथ सदन की कार्यवाही में हिस्सा लेता। बीते दिनों इसी सदन ने और दोनों सदनों ने जनविश्वास बिल, मेडिकल बिल, डेंटल कमीशन बिल, आदिवासी बिल, डिजिटल डाटा प्रोटक्शन बिल जैसे कई महत्वपूर्ण बिल यहां पारित किए। ये ऐसे बिल थे, जो मछुआरों के हक के लिए थे। सबसे ज्यादा लाभ केरल को होना था। वहां के सांसदों से ज्यादा अपेक्षा थी कि गंभीरता से लेते बिल को। उन पर राजनीति हावी थी। युवाओं के लिए नई दिशा देने वाला बिल था। हिंदुस्तान को साइंस पावर बनाने की दिशा में बढ़ाने वाला बिल था। डिजिटल डाटा प्रोटक्शन बिल युवाओं से जुड़ा हुआ था। आने वाला समय टेक्नोलॉजी ड्रिवन है। लेकिन आपके लिए राजनीति प्राथमिकता है। गांव, दलित, गरीब, पिछड़ों के लिए बिल थे। इसमें इन्हें कोई रुचि नहीं है। देश की जनता ने जिस काम के लिए उन्हें यहां भेजा, उस जनता से भी विश्वासघात किया गया है। कुछ विपक्षी दलों के लिए उनके आचरण से सिद्ध कर दिया कि देश से ज्यादा उनके लिए दल है। देश से पहले दल उनके लिए प्राथमिकता है।
आप लोग तैयारी करके नहीं आए
आपको गरीब की भूख की चिंता नहीं है, सत्ता की भूख आपके दिमाग पर सवार है। आपको देश के युवाओं के भविष्य की परवाह नहीं है। अपने राजनीतिक भविष्य की चिंता है। एक दिन सदन चलने भी दिया तो किस काम के लिए...आप जुटे तो अविश्वास प्रस्ताव पर जुटे। कट्टर भ्रष्ट साथी की सलाह पर मजबूर होकर जुटे। इस अविश्वास प्रस्ताव पर भी आपने कैसी चर्चा की। सोशल मीडिया पर आपके दरबारी भी बहुत दुखी हैं। मजा इस डिबेट का...फील्डिंग विपक्ष ने ऑर्गनाइज की, लेकिन चौके-छक्के यहीं से लगे। विपक्ष नो-कॉन्फिडेंस पर नो बॉल कर रहा है और इधर से सेंचुरी हो रही है। आप तैयारी करके क्यों नहीं आते जी। आप मेहनत कीजिए। 2018 में कहा था कि आना, 5 साल में भी मेहनत नहीं कर पाए। क्या दरिद्रता है।
जनता ने हमारा सामर्थ्य देखकर दो बार मौका दिया
किसी भी देश के जीवन में, इतिहास में एक समय ऐसा आता है, जब वो पुरानी बंदिशों को तोड़कर एक नई ऊर्जा और उमंग के साथ,नए सपनों नए संकल्प के साथ आगे बढ़ने के लिए कदम उठा लेता है। 21वीं सदी का ये कालखंड वो है, जो भारत के लिए हर सपने सिद्ध करने का अवसर है। हम सब ऐसे टाइम पीरियड में हैं, चाहे हम हों या आप... ये टाइम पीरियड बेहद अहम है। कालखंड जो गढ़ेगा, उसका प्रभाव इस देश पर आने वाले 1000 साल तक रहने वाला है। 140 करोड़ देशवासियों का पुरुषार्थ इस कालखंड में जो करेगा, वो आने वाले 1000 साल की मजबूत रखने वाला है।
इस कालखंड में हम सबका दायित्व है, एक ही फोकस होना चाहिए कि देश का विकास, सपने पूरे करने का संकल्प, सिद्ध करने के लिए जी-जान से जुटना। देशवासी इन भारतीय समुदाय की सामूहिक ताकत हमें उस ऊंचाई पर पहुंचा सकती है। हमारे देश की युवा पीढ़ी के सामर्थ्य का विश्व ने लोहा माना है। हम उन पर भरोसा करें कि युवा पीढ़ी भी जो सपने देख रही है, उन्हें पूरा करने का सामर्थ्य रखती है। 2014 में 30 साल के बाद देश की जनता ने पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई। 2019 में भी उस ट्रैक रिकॉर्ड को देखकर, उनके सपनों के संजोने का सामर्थ्य, संकल्प सिद्ध करने की ताकत कहा है, वो देश पहचान गया। 2019 में फिर एक बार सेवा का मौका दिया और ज्यादा मजबूती के साथ दिया।
अविश्वास प्रस्ताव की आड़ में जनता का आत्मविश्वास तोड़ा
सदन में बैठे हर आदमी की जिम्मेदारी है कि देश की आशा-आकांक्षा के मुताबिक, काम जो करना चाहता है, उसका अवसर मिले। हमने युवाओं को घोटालों से रहित सरकार दी है। हमने भारत के युवाओं को प्रोफेशनल्स को खुले आसमान में उड़ने का हौसला और अवसर दिया है। दुनिया में भारत की बिगड़ी हुई साख को संभाला है। उसे एक बार फिर नई ऊंचाइयों पर ले गए हैं। अभी भी कुछ लोग कोशिश में हैं कि साख को दाग लग गए। दुनिया अब देश को जान चुकी है।
विश्व का विश्वास भारत में बढ़ता चला जा रहा है। इस दौरान हमारे विपक्ष ने क्या किया। इन्होंने अविश्वास प्रस्ताव की आड़ में जनता के आत्मविश्वास को तोड़ने की विफल कोशिश की है। युवा रिकॉर्ड संख्या में नए स्टार्टअप से दुनिया को चकित कर रहे हैं। रिकॉर्ड विदेशी निवेश आ रहा है। आज भारत का एक्सपोर्ट नई बुलंदी को छू रहा है। भारत की कोई अच्छी बात ये सुन नहीं सकते हैं। यही उनकी अवस्था है। आज गरीब के दिल में अपने सपने पूरा करने का भरोसा पैदा हुआ है। आज देश में गरीबी तेजी से घट रही है। पिछले 5 साल में 13.5 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आए।
भारत की उपलब्धियों पर विपक्ष को अविश्वास
IMF अपने पेपर में लिखता है कि भारत ने अति गरीबी को करीब-करीब खत्म कर दिया है। भारत की सोशल वेलफेयर स्कीम के लिए कहा कि ये लॉजिस्टिकल मार्वल है। डब्ल्यूएचओ ने कहा है जल जीवन के जरिए 4 लाख लोगों की जान बच रही है। ये 4 लाख कौन हैं। मेरे गरीब, पीड़ित, वंचितों के स्वजन हैं। स्वच्छ भारत अभियान का एनालिसिस कहता है कि 3 लाख लोगों को मरने से बचाया गया। ये हैं कौन। ये वही हैं, जो झुग्गी झोपड़ी में हैं, गरीब हैं, शहरों की बस्तियों में गुजारा करने वाले हैं, गांव में जीने वाले लोग हैं। यूनीसेफ ने कहा कि स्वच्छ भारत के कारण हर साल गरीबों के 50 हजार रुपए बच रहे हैं। भारत की इन उपलब्धियों से कांग्रेस समेत विपक्ष के कुछ दलों को अविश्वास है। जो सच्चाई दुनिया दूर से देख रही है, वो यहां रहकर नहीं देख पा रहे हैं।
देश के मंगल पर आपने काले कपड़े पहने, इसका धन्यवाद
अविश्वास और घमंड इनकी रगों में रच-बस गया है। वे जनता के विश्वास को कभी देख नहीं पाते। ये जो शुतुरमुर्ग एप्रोच है, इसके लिए देश क्या कर सकता है। पुरानी सोच वाले लोग रहते हैं, वो कहते हैं कि जब कब शुभ, मंगल होता है, बच्चा साफ-सुथरा होता है तो काला टीका लगा देते हैं। आज जो देश का मंगल हो रहा है, वाहवाही हो रही है, आपका धन्यवाद करता हूं कि काले टीके के रूप में, काले कपड़े में सदन में आकर आपने इस मंगल को निश्चित करने का काम किया।